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इस बार जेईई और नीट पर नहीं दिखी ‘श्रेय’ की लडाई

रिजल्ट में डाउन फाल आने से सभी क्लासेस की ‘चिडी-चुप’

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२२ – प्रति वर्ष अभियांत्रिकी प्रवेश प्रक्रिया जेईई एडवांस एवं मेडिकल पाठ्यक्रम प्रवेश परीक्षा NEET (नीट) के परिणाम घोषित होते ही अमरावती शहर में कोचिंग व्यवसाय करनेवाली निजी कोचिंग क्लासेस के बीच अपने-अपने सफल विद्यार्थियों के नाम और फोटो के साथ बैनर-पोस्टर व विज्ञापन जारी करने की होड लग जाती है और हर कोई एक दूसरे को कडी प्रतिस्पर्धा देते हुए यह बताने का प्रयास करता है कि, उनके यहां कितनी बेहतरीन पढाई होती है, जिसकी वजह से उनके यहां से कितने अधिक छात्र-छात्राओं ने इन परीक्षाओं में सफलता हासिल की है और किसे कौनसी रैंक मिली है, लेकिन इस वर्ष सर्वाधिक हैरत की बात यह है कि, जेईई मेन्स व नीट की परीक्षाओें के परिणाम घोषित हुए कुछ अरसा बीत चुका है, लेकिन अब तक ऐसी कोई प्रतिस्पर्धा दिखाई नहीं दी है. जिसका सीधा मतलब है कि, इस बार अमरावती में निजी कोचिंग चलानेवाले क्लासेस के विद्यार्थी कोई खास कमाल नहीं कर पाये है.
बता दें कि, अमरावती में जेईई पाठ्यक्रम और नीट पाठ्यक्रम की तैयारी करवानेवाले दो-दो प्रमुख नामांकित कोचिंग क्लासेस संस्थान है. इसके अलावा भी अन्य कुछ कोचिंग क्लासेस द्वारा नीट व जेईई के पाठ्यक्रम में शामिल अलग-अलग विषयों की तैयारी करवायी जाती है. इसमें से प्रमुख व नामांकित कोचिंग संस्थानों द्वारा प्रति वर्ष परीक्षा परिणाम घोषित होते ही शहर में बडे-बडे बैनर व होर्डिंग्ज लगवाये जाते है. जिसमें उनके यहां से सफलता प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियोें के नाम व फोटो प्रकाशित किये जाते है. इस जरिये इन पाठ्यक्रमोें में आने के इच्छूक नये विद्यार्थियों व उनके अभिभावकोें को यह कहते हुए आकर्षित किया जाता है कि, उनके यहां पर सफलता की शानदार परंपरा और गारंटी है. लेकिन हैरत की बात यह है कि, इस बार नीट और जेईई के परीक्षा परिणाम घोषित होने के बावजूद अमरावती शहर के कोचिंग संस्थानों द्वारा ऐसे कोई विज्ञापन जारी नहीं किये गये. साथ ही शहर में कहीं पर भी बैनर, पोस्टर व होर्डिंग्ज नहीं लगाये गये. जिसका सीधा मतलब है कि, इस बार इन कोचिंग संस्थानों में पढनेवाले विद्यार्थियों के हाथ कोई खास सफलता नहीं लगी है और रिजल्ट में जबर्दस्त डाउन फाल आने की वजह सभी ‘चिडी-चुप’ मारकर बैठे हुए है. हालांकि कोरोना काल के दौरान सभी कोचिंग संस्थानों द्वारा अपने विद्यार्थियों को ऑनलाईन मार्गदर्शन किये जाने को लेकर काफी बडे दावे किये जा रहे थे, लेकिन रिजल्ट के बाद पसरा सन्नाटा बता रहा है कि, ऑनलाईन कोचिंग कोई खास कमाल नहीं कर पायी है.

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