इस बार संभाग के 31.67 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में होगी खरीफ फसलों की बुआई
कृषि मंत्री अब्दूल सत्तार ने की खरीफपूर्व नियोजन बैठक, खाद व बीज की उपलब्धता का लिया जायजा
* सर्वाधिक 14.76 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में बोयी जाएंगी सोयाबीन
* 11.01 लाख हेक्टेअर में कपास व 4.37 लाख हेक्टेअर में तुअर की बुआई का नियोजन
अमरावती/दि.28 – आगामी खरीफ सीजन के दौरान संभाग के कुल 34.46 लाख हेक्टेअर कृषि क्षेत्र में से 31.67 लाख हेक्टेअर कृषि क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुआई का नियोजन किया गया है. जिसमें सर्वाधिक 14.76 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में सोयाबीन तथा 11.01 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में कपास व 4.37 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में तुअर की बुआई प्रस्तावित है. इस आशय की जानकारी राज्य के कृषि मंत्री अब्दूल सत्तार को स्थानीय कृषि विभाग द्बारा दी गई. साथ ही कृषि मंत्री अब्दूल सत्तार ने स्थानीय कृषि विभाग द्बारा किए जा रहे नियोजन पर संतोष जताते हुए कहा कि, खरीफ सीजन के लिए खाद और बीज की कोई किल्लत महसूस नहीं होने दी जाएगी. साथ ही खाद व बीज की काला बाजारी पर कडी नजर रखी जाएगी. इसके अलावा बुआई संबंधी तैयारियां करने हेतु किसानों को समय पर फसल कर्ज उपलब्ध कराए जाएंगे.
बता दें कि, स्थानीय जिलाधीश कार्यालय के नियोजन भवन में आज विभागस्तरीय खरीफपूर्व नियोजन बैठक का आयोजन किया गया था. जिसकी अध्यक्षता करने राज्य के कृषि मंत्री अब्दूल सत्तार आज दोपहर अमरावती पहुंचे थे. इस बैठक में स्थानीय कृषि विभाग से अमरावती जिले सहित समूचे संभाग में खरीफ फसलों की बुआई के नियोजन को लेकर जानकारी प्राप्त करने के साथ ही कृषि मंत्री अब्दूल सत्तार ने खरीफ फसलों की बुआई हेतु बीजों तथा खाद व कीटनाशकों की उपलब्धता व आपूर्ति से संबंधित बातों का भी जायजा लिया.
इस समय कृषि मंत्री अब्दूल सत्तार को बताया गया कि, इस वर्ष अमरावती संभाग में खरीफ सीजन के दौरान सोयाबीन, तुअर व कपास का औसत बुआई क्षेत्र 29.15 लाख हेक्टेअर क्षेत्र है. परंतु इस वर्ष कुल 30.14 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में इन तीन प्रमुख फसलों की बुआई प्रस्तावित की गई है. यह कुल कृषि क्षेत्र का 95.16 फीसद कृषि क्षेत्र है. वहीं बाकी कृषि क्षेत्र में अन्य खरीफ फसलों की बुआई का नियोजन किया जाएगा.
* बीज की उपलब्धता का नियोजन शुरु
खरीफपूर्व नियोजन बैठक में बीज की उपलब्धता को लेकर किए गए विचार-विमर्श में कृषि मंत्री अब्दूल सत्तार को जानकारी दी गई कि, संभाग में इस बार सोयाबीन का बुआई क्षेत्र 14.76 लाख हेक्टेअर क्षेत्र प्रस्तावित है. जिसके चलते 35 फीसद बीज बदल दर के अनुसार बुआई हेतु 3.74 लाख क्विंटल बीजों की जरुरत पडेगी. जिसके चलते मांग दर्ज करा दी गई है. प्रस्तावित बुआई क्षेत्र के अनुसार कुल 11.08 लाख क्विंटल बीज आवश्यक है. वहीं ग्राम बीजोत्पादन के जरिए किसानों ने अपने पास 15.84 लाख क्विंटल सोयाबीन बीज जतन करके रखे है, ऐसे में यदि सोयाबीन बीजों की आपूर्ति कम भी होती है, तो भी किसानों के पास अपने खुद के बीज उपलब्ध रहने के चलते इस बार सोयाबीन बीजों की किल्लत महसूस नहीं होगी. वहीं कपास के लिए 11.01 लाख हेक्टेअर क्षेत्र हेतु 55.09 लाख पैकेट बीजों की जरुरत है. जिसके हिसाब से बीजों की आपूर्ति का नियोजन किया गया है.
* खाद की आपूर्ति कराई जा रही सुनिश्चित
इसके साथ ही इस बैठक में कृषि मंत्री अब्दूल सत्तार को इस तथ्य से भी अवगत कराया गया है कि, अमरावती संभाग के लिए 6.38 लाख मैट्रीक टन खाद का आवंटन मंजूर है. जिसमें से 31 मार्च को 2.48 लाख मैट्रीक टन खाद का स्टॉक उपलब्ध था और अप्रैल माह मेें 0.83 लाख मैट्रीक टन खाद की आपूर्ति का नियोजन करते हुए 0.43 लाख मैट्रीक टन खाद की आपूर्ति की गई. जिसके चलते कुल उपलब्ध स्टॉक 2.91 लाख मैट्रीक टन हो गया. जिसमें से इस समय 2.84 लाख मैट्रीक टन खाद का स्टॉक उपलब्ध है. जिसके चलते इस वर्ष के खरीफ सीजन में खाद की किल्लत महसूस नहीं होगी. खाद के वितरण हेतु प्रत्येक कंपनी का रैक निहाय व तहसीलनिहाय सन नियंत्रण करने हेतु नियोजन किया जा रहा है. जिसके तहत बुलढाणा जिले की सिंदखेड राजा तहसील को जालना से, यवतमाल जिले की पुसद तहसील को वाशिम से व उमरखेड को नांदेड से खाद की आपूर्ति करने की कार्रवाई की जा रही है. जिसके साथ ही अमरावती जिले के चांदूर बाजार में नया रैक प्वॉईंट मंजूर किया गया है. जिसे कार्यान्वित करने की प्रक्रिया चल रही है.
* 62 उडनदस्ते रखेंगे नजर
इस बैठक में यह जानकारी भी दी गई कि, अमरावती संभाग में कृषि निविष्ठाओं के संनियंत्रण हेतु विभाग, जिला व तहसीलस्तर पर कुल 62 उडनदस्ते स्थापित किए गए है. साथ ही निविष्ठा की उपलब्धता और शिकायतों के निवारण हेतु 62 शिकायत निवारण केंद्र भी स्थापित किए गए है.
* कर्ज वितरण की प्रक्रिया को दी जा रही गति
इस बैठक के दौरान कृषि मंत्री अब्दूल सत्तार को स्थानीय कृषि विभाग द्बारा यह भी बताया गया कि, आगामी खरीफ सीजन को ध्यान में रखते हुए किसानों सहित किसान उत्पादक कंपनी को फसल कर्ज उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरु की गई है. जिसके तहत जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक राष्ट्रीयकृत बैंक व ग्रामीण बैंक आदि के लिए कर्ज वितरण के टार्गेट तय किए गए है. जिसके आधार पर पात्र लाभार्थी खाताधारक किसानों के दस्तावेजों की जांच पडताल करते हुए उन्हें कर्ज प्रदान करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है. साथ ही कृषि उपज पर प्रक्रिया करने वाली व उत्पादन तैयार करने वाली किसान कंपनियों को भी कर्ज वितरण की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही.