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इस बार तीन सप्ताह चलेगा शीतसत्र

लंबे सत्र के लिए सत्ता पक्ष अनुकूल

* विपक्षी दल भी खुद को कर रहे तैयार
नागपुर/दि.2- कोविड संकट के चलते महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल दौरान दो साल तक राज्य विधान मंडल का नागपुर में अधिवेशन हुआ ही नहीं. वहीं कोविड संकट का असर खत्म होने के बाद बजट अधिवेशन नागपुर में लिये जाने की जोरदार मांग की गई थी और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजीत पवार ने भी इस संदर्भ में अपना मानस व्यक्त किया था. परंतु राज्यपाल के अभिभाषण की व्यवस्था नहीं रहने की वजह को आगे करते हुए इस अधिवेशन को भी मुंबई में लिया गया. वही अब 19 दिसंबर से नागपुर में राज्य विधान मंडल का शीतसत्र शुरू होने जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि, नागपुर करार के अनुसार राज्य विधान मंडल का कम से कम एक अधिवेशन नागपुर में हो और यह सत्र कम से कम छह सप्ताह चले, ऐसी अपेक्षा होती है. परंतु हाल-फिलहाल के दौर में नागपुर शीतसत्र केवल दो सप्ताह का ही रहता है और हर बार अधिवेशन को लपेट दिये जाने के बाद अधिवेशन की कालावधी बढाने की मांग विपक्षी दलों द्वारा की जाती है. लेकिन इस बार खुद सत्ताधारी दल द्वारा नागपुर शीतसत्र को कम से कम तीन सप्ताह तक चलाने के संदर्भ में नियोजन किया जा रहा है और विगत दिनों ही राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेेंद्र फडणवीस ने कहा कि, जरूरत पडी, तो इस शीतसत्र को चार सप्ताह तक भी चलाया जा सकता है. जिसके लिए विपक्ष की ओर से स्वीकृति व सहयोग मिलना जरूरी है.

* प्रशासन की तैयारी हुई शुरू
नागपुर में होने जा रहे शीतसत्र के लिए प्रशासन द्वारा तमाम आवश्यक तैयारियों को शुरू कर दिया गया है.
– इस हेतु निर्माण विभाग ने 95 करोड रूपयों के खर्च का प्रारूप तैयार किया है.
– सत्र में तीन सप्ताह कामकाज चलेगा, ऐसे नियोजन को ध्यान में रखकर प्रशासन द्वारा तैयारी की जा रही है. इस अधिवेशन में सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दल भी खुद को तैयार कर रहे है.
– इस बार गिले अकाल, किसानों की दुरावस्था के साथ ही महाराष्ट्र से स्थलांतरित हो चुके उद्योगों को लेकर सरकार को घेरने का नियोजन किया जा रहा है.
– यद्यपि शीतसत्र शुरू होने में अभी काफी वक्त है. लेकिन तब तक राजनीतिक वातावरण को तैयार करने का प्रयास सत्ता पक्ष व विपक्ष द्वारा किये जाने की जानकारी है.

* नये साल का स्वागत होगा नागपुर में ही
नागपुर में आयोजीत अधिवेशन के कामकाज हेतु मुंबई व पुणे के अधिकारियों को बुलाया जाता है. लेकिन इन अधिकारियों की घर से दूर नागपुर में रहकर दीर्घकाल तक काम करने में कोई रूची नहीं रहती. यह अब तक का अनुभव है. लेकिन इस बार नागपुर शीतसत्र के तीन सप्ताह तक चलने की पक्की संभावना है. यदि ऐसा होता है, तो सभी मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों व कर्मचारियों को नये वर्ष का स्वागत नागपुर में रहकर ही करना होगा.

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