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इस बार सभी स्कूलों का रिजल्ट रहेगा ‘हंड्रेड पर्सेंट’

  •  10 वीं की परीक्षा रद्द होने से सभी छात्रों की ‘बल्ले-बल्ले’

  •  मेधावी विद्यार्थियों में काफी हद तक दिख रही असंतोष की भावना

अमरावती/प्रतिनिधि दि.2 – कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार राज्य शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 10 वीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया गया. साथ ही विगत दिनों शिक्षा विभाग ने परीक्षा परिणाम घोषित करने हेतु मूल्यमापन की नीति घोषित की. इस नीति के चलते सभी शालाओं में कक्षा 10 वीं का परीक्षा परिणाम ‘हंड्रेड पर्सेंट’ लगना तय है, क्योंकि इस बार कक्षा 10 वीं का कोई भी विद्यार्थी अनुत्तीर्ण नहीं होगा. ऐसे में सभी विद्यार्थियों की भी ‘बल्ले-बल्ले’ है, किंतु कक्षा 10 वीं की परीक्षा हेतु जीतोड मेहनत करनेवाले मेधावी विद्यार्थियों में इस फैसले को लेकर काफी हद तक असंतोष देखा जा रहा है और उनका मानना है कि, यह नीति उनके लिए काफी हद तक अन्यायकारक है.
बता दें कि, कक्षा 10 वीं के सभी विषयों हेतु 100-100 अंकों में से 50 प्रतिशत अंक अंतर्गत मूल्यमापन के अनुसार दिये जायेंगे. वहीं कक्षा 9 वीं की अंतिम परीक्षा में प्राप्त अंकों में से 50 प्रतिशत अंक ग्राह्य माने जायेंगे. कोविड संक्रमण की वजह से विगत शैक्षणिक सत्र में पूरा समय स्कूल व कॉलेज बंद थे तथा ऑनलाईन पढाई जैसे-तैसे चलती रही. शालेय जीवन में कक्षा 10 वीं के वर्ष को बेहद महत्वपूर्ण तथा ‘टर्निंग पॉईंट’ माना जाता है और इसी परीक्षा को रद्द करते हुए विद्यार्थियों को मूल्यमापन हेतु तैयार फार्म्यूले के तहत उत्तीर्ण करने की नीति बनायी गई है. जिससे अपनी पढाई को लेकर बेहद गंभीर रहनेवाले मेधावी छात्र-छात्राओं सहित उनके अभिभावकोें में भी काफी हद तक नाराजगी देखी जा रही है. किंतु वहीं दूसरी ओर पढाई में फिसड्डी रहनेवाले विद्यार्थियों में इस फैसले की वजह से खुशी का माहौल है, क्योंकि वे अंग्रेजी, गणित व विज्ञान जैसे विषयोें में बिना अटके उत्तीर्ण हो जायेंगे और अगली कक्षा में पहुंच जायेंगे.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, खुद शालेय शिक्षा विभाग में भी कक्षा 10 वीं के अंतर्गत मूल्यमापनवाले निर्णय पर संमिश्र प्रतिक्रियाएं देखी जा रही है और कई शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि, कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए यद्यपि परीक्षाएं रद्द करने और परीक्षा परिणाम हेतू मूल्यमापन की नीति तैयार करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था. किंतु कक्षा 11 वीं में प्रवेश हेतु सीईटी जरूर ली जाये, ताकि सभी विद्यार्थियों को उनकी बौध्दिक क्षमता व योग्यता के हिसाब से कक्षा 11 वीं के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिल सके.

  •  ऐसा रहेगा मूल्यांकन का सूत्र

कक्षा 9 वीं की अंतिम परीक्षा में अलग-अलग विषयों में प्राप्त अंकों में से 50 फीसदी अंक तथा कक्षा 10 वीं में विभिन्न विषयों के मूल्यांकन में से 50 फीसदी अंक को जोडकर कक्षा 10 वीं का अंतिम परिणाम घोषित किया जायेगा.
कक्षा 10 वीं का अंतर्गत मूल्यांकन करते समय पूरे सालभर के दौरान हुए लिखीत मूल्यांकन हेतु 30 अंक तथा स्वाध्याय, मौखिक परीक्षा व प्रात्यक्षिक परीक्षा के लिए 20 अंक, ऐसे 50 अंकों में से विद्यार्थियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक दिये जायेंगे.

  • 11 वीं में प्रवेश हेतु स्वतंत्र व ऐच्छिक सीईटी

कक्षा 10 वीं के विद्यार्थियों के मूल्यांकन की समस्या हल होने के साथ ही कक्षा 11 वीं में प्रवेश हेतु सीईटी ली जायेगी, जो पूरी तरह से ऐच्छिक रहने के साथ ही कक्षा 10 वीं के पाठ्यक्रम पर आधारित रहेगी. इसका स्वरूप वस्तुनिष्ठ व बहुपर्यायी होगा तथा 100 अंकों की इस परीक्षा हेतु दो घंटे की कालावधी दी जायेगी. सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि, यह परीक्षा देना कक्षा 10 वीं के सभी विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य नहीं होगा, बल्कि वे ऐच्छिक तौर पर यह परीक्षा दे सकते है. हालांकि सीईटी की परीक्षा में उत्तीर्ण होनेवाले और प्राविण्यता सूची में रहनेवाले विद्यार्थियों को ही कक्षा 11 वीं में प्रवेश हेतु सबसे पहली प्राथमिकता दी जायेगी और इन विद्यार्थियों का प्रवेश निश्चित होने के बाद रिक्त रहनेवाली सीटों पर सीईटी नहीं देनेवाले विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जायेगा.

जिले में कक्षा 10 वीं के कुल विद्यार्थी – 40,633
छात्र – 21,345
छात्राएं – 19,318

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