* बंगाल की खाड़ी से आर्द्रता मध्य भारत में
अमरावती/दि.27-अप्रैल महीने में भीषण गर्मी की बजाय इस बार बेमौसम बरसात से सभी दो-चार हो रहे हैं. गर्मी मानो खत्म हो गई है. इस बार महीने में तीन ही दिन पारा 40 डिग्री से अधिक रिकॉर्ड किया गया. कई दशकों से अमरावती में रह रहे लोगों ने भी कहा कि ऐसा मौसम कभी नहीं देखा. जिससे अनेक के जेहन में सवाल उठ रहा है कि आखिर अप्रैल माह का मौसम इस बार बदला-बदला सा क्यों है? इसके लिए मौसम विशेषज्ञ क्लाइमेटिक वेरिएशन को जिम्मेदार मान रहे हैं. क्लाइमेटिक चेंज से इसे जोड़कर नहीं देखने की बात कहते हुए जानकारों ने बताया कि लगातार 30 वर्ष तक अप्रैल माह का मौसम ऐसा ही बना रहा तो इसे क्लाइमेटिक चेंज कह सकते हैं.
अमरावती का अप्रैल माह का औसत तापमान 34-35 डिग्री दर्ज किया जाता है. माह के दूसरे पखवाड़े से तापमान बढ़ता है. वह 42-44 डिग्री जा पहुंचता है. लेकिन इस बार 17 अप्रैल को 43.5 डिग्री अधिकतम तापमान रहा. इसके अलावा 13 और 18 अप्रैल को भी पारा 40 से ऊपर था. उसके बाद बेमौसम बारिश रहने से धूप अधिक तेज नहीं हो पायी.
* यह है कारण
सामान्यतः अमरावती में उत्तर-पश्चिम से आने वाली हवाओं के कारण गर्मी बढ़ती है. पश्चिमी विक्षोभ और सायक्लोनिक सर्कुलेशन तैयार हो रहा है. जिससे गर्म हवाएं नहीं बन रही.
दूसरा कारण यह है कि वर्तमान में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आर्द्रता मध्य भारत के आसमान में सतत प्रवेश कर रही है.
इतना ही नहीं, हवा की दिशा अमरावती सहित विदर्भ के जिलों में उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पूर्ण की दिशा से चल रही है. इसकी वजह से गरज-चमक के साथ बरसात हो रही है. पारा नहीं बढ़ रहा.
अप्रैल में 19 मिमी बरसात होती है. इस वर्ष औसत से तीन गुना बारिश हो चुकी है.
* याद नहीं कभी अप्रैल में ऐसा मौसम रहा
शारदानगर निवासी 56 वर्षीय नितिन ने कहा कि बचपन से लेकर उन्होंने अब तक कभी नहीं देखा होगा कि अप्रैल माह में गर्मी की बजाय लगातार बारिश हो रही है. तापमान कम है. वातावरण में बढ़ रहे प्रदूषण की वजह से भी यह हो सकता है. उनका यह भी मानना है कि अगर अभी बारिश होती है तो मानसून के अनुकूल वातावरण नहीं बन पाएगा. इससे इस बार कम बारिश का अंदाजा भी लगता है.