* मुंबई मनपा ने अनुमति देने से किया इन्कार
* सेना के दोनों गुट पहुंचे अदालत की शरण में
मुंबई/दि.22- यदि शिवाजी पार्क पर दशहरा सम्मेलन आयोजीत करने हेतु उध्दव ठाकरे गुट या एकनाथ शिंदे गुट में से किसी एक को भी अनुमति दी जाती है, तो शिवाजी पार्क जैसे संवेदनशील परिसर में कानून व व्यवस्था को लेकर गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है. इस आशय का अभिप्राय शिवाजी पार्क पुलिस थाने द्वारा दिये जाने के चलते मुंबई महानगरपालिका में दोनों गुटों की ओर से आये आवेदनों को गत रोज खारिज कर दिया. जिसके चलते उध्दव ठाकरे गुट ने मुंबई मनपा के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की. वही उध्दव ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिका को चुनौती देते हुए शिंदे गुट की ओर से भी हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की गई है. इन दोनों याचिकाओं पर हाईकोर्ट द्वारा आज अपना फैसला सुनाया जाना अपेक्षित था. परंतु अदालत ने अपना निर्णय एक दिन के लिए आगे टाल दिया है. ऐसे में अब यह कल स्पष्ट हो पाएगा कि, इस बार शिवाजी पार्क पर दशहरा सम्मेलन शिवसेना के किस गुट द्वारा आयोजीत किया जानेवाला है.
इस संदर्भ में उध्दव ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि, शिवसेना द्वारा वर्ष 1966 से शिवाजी पार्क में प्रतिवर्ष दशहरा सम्मेलन आयोजीत किया जाता रहा है और प्रतिवर्ष इसके लिए मुंबई महानगरपालिका द्वारा ही अनुमति दी जाती है. इस बात के मद्देनजर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शिवसेना द्वारा शिवाजी पार्क पर दशहरा सम्मेलन आयोजीत करने के लिए अगस्त माह में ही महानगर पालिका के पास आवेदन किया गया. जिस पर अब तक मनपा द्वारा कोई फैसला नहीं लिया गया था और अब अचानक पता चल रहा है कि, मुंबई मनपा ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया है, जो कि पूरी तरह से गलत है और मुंबई मनपा के लिए शिवसेना को शिवाजी पार्क पर दशहरा सम्मेलन आयोजीत करने की अनुमति देना अनिवार्य है.
वहीं दुसरी ओर शिंदे गुट के असली शिवसेना रहने का दावा करते हुए क्षेत्र के विधायक सदा सरवणकर ने शिंदे गुट की ओर से हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की. जिसमें कहा गया कि, उध्दव ठाकरे गुट की ओर से दायर की गई याचिका दिशाभूल करनेवाली है और याचिकाकर्ता के रूप में सामने आये अनिल देसाई के पास कोई भी पद नहीं रहने के चलते उन्हें अनुमति मांगने का कोई अधिकार नहीं है. साथ ही शिवसेना मूलत: किस गुट की है, यह मामला भी इस समय अदालत के सामने विचाराधीन है. अत: उध्दव ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिका का कोई औचित्य नहीं है. इसके अलावा शिंदे गुट ने भी काफी पहले मुंबई मनपा के पास शिवाजी पार्क पर दशहरा सम्मेलन आयोजीत करने के लिए अनुमति मांगी थी. अत: सबसे पहले शिंदे गुट को यह अनुमति मिलनी चाहिए.