इस वर्ष सडक हादसों मे २२१ जाने गई
-
गत वर्ष की तुलना में सडक हादसों की संख्या घटी
-
वर्ष २०१९ में ३२३ लोगों की मौत हुई थी
अमरावती/प्रतिनिधि दि.३० – गत वर्ष की तुलना में इस वष लॉकडान की वजह से सडक हादसों की संख्या घटी और प्राणहानी भी कम हुई. लेकिन अनलॉक होते ही एक बार फिर सडक हादसों के मामले बढने शुरु हुए है. जारी वर्ष में अब तक कुल ५६३ सडक हादसे घटित हुए है और २२१ लोगों की इन हादसो में जान गई है. वहीं गत वर्ष कुल ९५३ सडक हादसे घटित हुए थे. जिनमें ३२३ लोगों की मौत हुई थी.
मिली जानकारी के मुताबिक गत वर्ष १ जनवरी से ३० सिंतबर के दौरान ९५३ सडक हादसों में ३२३ लोगों की मौत होने के साथ ही ९३६ लोग घायल हुए थे. वहीं जारी वर्ष में इसी दौरान ५६३ सडक हादसों में २२१ लोगों की मौत हुई और ४१५ लोग घायल हुए. इस बार मार्च से जून- जुलाई माह तक कडा लॉकडाउन रहने के चलते सभी लोगबाग अपने-अपने घरों में थे और सडकों पर पुरी तरह से सन्नाटा था. जिसकी वजह से सडक हादसों के मामले में कमी आयी है और इस बार गत वर्ष की तुलना में ३९० हादसे कम हुए. साथ ही मौत की संख्या में भी १०२ मामले कम हुए लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया शुरु होने के बाद जैसे ही सडकों पर भीडभाड का आलम बढा वैसे ही सडक हादसो की घटनाओं में तेजी देखी गई. विगत दो माह के दौरान ही १०४ सडक हादसे घटित हुए है. जिनमें ४६ लोगों की मौत हुई और ८३ लोग घायल हुए है.
जानकारी के मुताबिक विगत ५ वर्षो के दौरान दुपहिया वाहनों की संख्या में २ लाख १८ हजार ६६६ वाहनों की वृद्धि हुई और इस समय अमरावती जिले में कुल ६ लाख ६६ हजार १४३ दुपहिया वाहन है. इसी तरह विगत ५ वर्षो के दौरान ५५ हजार ५२३ नए चार पहिया वाहन खरीदे गए और इस समय जिले में चार पहिया वाहनों की संख्या ६४ हजार ६३२ है.
सडक हादसों के मुख्य कारण
- असुरक्षित सडके, सडकों पर गड्ढे, बिना जरुरतवाले स्थानों पर गतिरोधक, मोड वाले रास्तों पर वाहन चालकों की अनदेखी.
- वाहन चलाते समय गति सीमा का पालन न करना, रात के समय तेज रफ्तार गति से वाहन चलाना, यातायात नियमों का पालन न करना.
- वाहन का बेहतरीन स्थिति में न रहना, दुपहिया चलाते समय मोबाइल का उपयोग करना, मोबाइल पर बात करते हुए तेज रफ्तार गति से वाहन चलाना.
- शराब पीकर वाहन चलाना, अल्पवयीन बच्चों द्वारा वाहन चलाना, लायसंस नहीं रहने के बावजूद वाहन चलाना.