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18 की बजाय 25 वर्ष से अधिक आयुवालों को लगाई जाये वैक्सीन

  • निजी टीकाकरण केंद्रों से हो 70 फीसद टीकाकरण

  • डॉ. अविनाश चौधरी ने पत्रवार्ता में उठायी मांग

अमरावती/प्रतिनिधि दि.1 – सरकार द्वारा देश में 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके सभी नागरिकों को वैक्सीन लगाये जाने का निर्णय लिये जाने के बाद टीकाकरण प्रक्रिया का पूरा नियोजन गडबडा गया है. क्योंकि 18 वर्ष से अधिक लाभार्थियों की संख्या काफी अधिक है और वैक्सीन एवं टीकाकरण केंद्रों की संख्या कम पड रही है. वहीं अब तक दूसरे चरण के ही अधिकांश लाभार्थियों को वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पायी है. ऐसे में इस प्रक्रिया को सुचारू करने हेतु 18 वर्ष की बजाय 25 वर्ष से अधिक आयुवाले नागरिकों का टीकाकरण कराया जाये. साथ ही 70 फीसदी वैक्सीनेशन निजी टीकाकरण केंद्रों से करते हुए निजी टीकाकरण केंद्रों की संख्या भी बढाई जाये. इस आशय की मांग शहर के सुप्रसिध्द नेफ्रोलॉजीस्ट डॉ. अविनाश चौधरी द्वारा राज्य सरकार से की गई है.
जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कंपाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलायी गयी पत्रकार परिषद में डॉ. अविनाश चौधरी ने कहा कि, देश की जनसंख्या 130 करोड से अधिक है, और हमें करीब 160 करोड वैक्सीन की जरूरत है. यह संख्या आगामी एक वर्ष में पूर्ण करना जरूरी है. लेकिन अब तक देश में केवल 12.30 करोड लोगों को पहला तथा 2.50 करोड लोगों को दूसरा डोज लगाया जा सका है. ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि, एक वर्ष के भीतर सभी लोगों को वैक्सीन लगाना लगभग असंभव है. वहीं दूसरी ओर इजराईल में 95 फीसद, अमरीका में 55 से 60 फीसद व युएई में 80 फीसद नागरिकों का टीकाकरण हो चुका है. किंतु हम अब भी कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के साथ ही मरीजों के इलाज हेतु संसाधनों के अभाव से जूझ रहे है. ऐसे में आनेवाले समय में इस महामारी की वजह से कई लोगों की जाने जा सकती है. अत: जनहानी व आर्थिक नुकसान टालने हेतु टीकाकरण की रफ्तार बढाने और योग्य नियोजन करने की जरूरत है. इसके लिए यह बेहद जरूरी है कि, फिलहाल 25 वर्ष से अधिक आयुवाले लोगों को ही कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन लगायी जाये. साथ ही निजी टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढायी जाये, ताकि अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा सके. डॉ. अविनाश चौधरी के मुताबिक 18 से 24 वर्ष के अधिकतम युवा महाविद्यालयीन विद्यार्थी होते है, जो इस समय अपने-अपने घरों पर रहकर ऑनलाईन तरीके से अपनी पढाई कर रहे है. वहीं 25 वर्ष से अधिक आयुवाले लोगों को अपने कामकाज के चलते घरों से बाहर निकलना पडता है. अत: उन्हें पहली प्राथमिकता के साथ कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन उपलब्ध करायी जानी चाहिए.

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