हम पर 50 खोके का आरोप लगाने वालों ने हमसे ही मांगे थे 50 करोड रुपए
सीएम शिंदे ने बिना नाम लिये उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना
* कोल्हापुर के अधिवेशन में जमकर किया हल्लाबोल
* समय आने पर कई राज खोलने की बात भी कही
कोल्हापुर/दि.17– उद्धव ठाकरे गुट द्वारा सीएम शिंदे गुट के विधायकों पर अक्सर ही 50 खोके यानि 50 करोड रुपए लेकर शिवसेना से गद्दारी करने का आरोप लगाया जाता है. इसी बात को पकडते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने ठाकरे गुट द्वारा खुद से 50 करोड रुपए मांगे जाने से संबंधित पत्र को लेकर बडा सहस्योद्घाटन किया है. साथ ही कहा कि, जब शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और धनुष्यबाण चुनावी चिन्ह मिले थे, तो शिवसेना के खाते से खुद को 50 करोड रुपए मिलने का पत्र ठाकरे गुट द्वारा शिंदे गुट को दिया गया था. जिसका सीधा मतलब है कि, ठाकरे गुट को बालासाहब के विचारों से नहीं, बल्कि केवल पैसों से मतलब है. यहीं वजह है कि, हमने ठाकरे गुट को 50 करोड रुपए दिये थे और आज वहीं ठाकरे गुट हमारे विधायकों पर 50 खोके का आरोप लगाता है. जबकि हमसे 50 करोड रुपए मांगते समय और हम पर 50 खोके का आरोप लगाते समय ठाकरे गुट को शर्म आनी चाहिए थी.
इसके साथ ही सीएम शिंदे ने यह भी कहा कि, उद्धव ठाकरे जैसे दिखाई देते है, वैसे है नहीं, बल्कि उनके एक चेहरे के पीछे कई चेहरे छीपे हुए है और उनके प्रत्येक चेहरे का राज उन्हें पता है. जिसके बारे में समय आने पर वे जरुर कहेंगे. इसके साथ ही सीएम शिंदे ने यह भी कहा कि, शिवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी को भरे व्यासपीठ से नीचे उतारने का काम ठाकरे गुट के लोगों ने किया है. इसके साथ ही रामदास कदम का भी मनोहर जोशी की तरह हश्र किया जाना था. इसके अलावा नारायण राणे व राज ठाकरे जैसे लोगों को शिवसेना से बाहर कर दिया गया है. जबकि इन जैसे लोगों तथा लाखों शिवसैनिकों ने शिवसेना को बढाने के लिए अपना खून-पसीना एक कर दिया था. लेकिन जब शिवसेना बढ गई और सामने सत्ता दिखाई दी, तो ठाकरे गुट के लोगों ने बालासाहब ठाकरे के विचारों व सिद्धांतों को तिलांजलि दे डाली.
सीएम शिंदे ने यह भी कहा कि, महाविकास आघाडी में रहते समय बालासाहब के विचार मरने लगे थे और शिवसैनिकों का खच्चीकरण होने लगा था. ऐसे में नितृत्व के गलत रास्ते पर जाते ही हमने बालासाहब की भूमिका पर चलते हुए अपना कदम उठाया. जिसे पूरे राज्य की जनता का प्रतिसाद भी मिला. सीएम शिंदे के मुताबिक आज यदि बालासाहब जीवित होते, तो राममंदिर के निर्माण और कश्मीर से धारा 370 को हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भरपूर प्रशंसा करते. लेकिन खुदको बालासाहब का उत्तराधिकारी बताने वाले लोगों ने इस संदर्भ में एक भी शब्द का उच्चारण नहीं किया. ऐसे में ठाकरे गुट के पास हिंदुत्व पर दावा करने का अधिकार नहीं है. इसके अलावा सीएम शिंदे ने यह भी कहा कि, जब तक कोई व्यक्ति ठाकरे गुट के साथ रहता है. तब तक वह अच्छा व्यक्ति होता है. लेकिन ठाकरे गुट से हटते ही उसके लिए कचरा और गद्दार जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है. लेकिन महाराष्ट्र की जनता सबकुछ अच्छे से देख और समझ रही है तथा एक दिन महाराष्ट्र इन लोगों का ही कचरा करने वाली है.
इस समय सीएम शिंदे ने यह रहस्योद्घाटन भी किया कि, जब उद्धव ठाकरे ने विगत दिनों दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी, तो उद्धव ठाकरे के अच्छे खासे पसीने छूट गये थे. क्योंकि खुद उद्धव ठाकरे भी यह जानते है कि, उन्होंने पीएम मोदी व भाजपा सहित महाराष्ट्र की जनता के साथ एक बार नहीं, बल्कि दो बार धोखाधडी की है और कुर्सी के लिए सिद्धांतों से समझौता करते हुए बेमानी की है. वर्ष 2019 में ठाकरे गुट ने विवाह किसी एक के साथ किया, संसार किसी दूसरे के साथ और हनीमून किसी तीसरे के साथ किया. ठाकरे गुट ने उस समय एक ओर बालासाहब ठाकरे और दूसरी और नरेंद्र मोदी के फोटो लगाकर वोट हासिल किये थे. लेकिन सत्ता की लालच में फंसकर सबकुछ गंवा दिया. इसके बाद अपने किसी पारिवारिक मसले की वजह से उद्धव ठाकरे दिल्ली गये थे और दिल्ली जाकर एक बार फिर युति करने की बात कही थी. लेकिन इसके बावजूद भी ठाकरे गुट कांग्रेस के साथ ही बना हुआ है. जबकि बालासाहब ठाकरे ने अपने जीते जी साफ तौर पर कहा था कि, उन्हें जिस दिन भी उनकी पार्टी का कांग्रेस होता दिखाई देगा, वे अपनी पार्टी को ही बंद कर देंगे. परंतु आज उनके ही उत्तराधिकारी कांग्रेस की गोद में जाकर बैठे है.