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राज्य में शिक्षाधिकारियों के हजारों पद रिक्त

निरंतर शिक्षा विभाग पर लगा सवालिया निशान

अमरावती/प्रतिनिधि दि.22 – जिस तरह विद्यार्थियों की पढाई-लिखाई में शिक्षकों का महत्व है, उसी तरह शिक्षा की गुणवत्ता कायम रहे इस हेतु प्रशासन मेें कुछ पदों को महत्वपूर्ण माना जाता है. किसी भी जिले में शिक्षा विभाग का संपूर्ण जिम्मा शिक्षाधिकारी पद पर अवलंबित होता है, लेकिन इसके बावजूद राज्य में शिक्षणाधिकारी के आधे से अधिक पद रिक्त पडे है. वहीं दूसरी ओर निरंतर शिक्षाधिकारी का पद इस विभाग के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है.
बता दें कि, महाराष्ट्र में शिक्षाधिकारी के कुल 144 पद है. जिसमें से केवल 83 पदों पर ही शिक्षाधिकारी नियुक्त है और 61 पद रिक्त पडे है. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इन 83 पदों में से 20 पद साईट पोस्टिंग के है, जिनमें सहायक संचालक, शिक्षा मंडल सहसचिव, परीक्षा परिषद, प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा संचालनालय व शिक्षा आयुक्त कार्यालय के पदों का समावेश है. राज्य एवं तहसीलों के बीच महत्वपूर्ण संवाद सेतू के रूप में काम करनेवाले तहसील स्तरीय गटशिक्षाधिकारी पदों व कार्यालयों की अवस्था भी बेहद दयनीय स्वरूप की है. वहीं निरंतर शिक्षा विभाग में छात्रवृत्ति सहित अन्य एक-दो काम को छोडकर कोई काम नहीं रहनेवाले निरंतर शिक्षा विभाग में शिक्षाधिकारी कार्यरत है. साथ ही उनके सहयोग के लिए द्वितीय श्रेणी के पद भी बनाये गये है. जिनके नीचे 14 नियमित गट शिक्षाधिकारियों को भी कार्यरत किया गया है.
शालेय शिक्षा विभाग में गटशिक्षाधिकारी के पद को सबसे महत्वपूर्ण बताया जाता है. क्योंकि प्राथमिक, माध्यमिक व निरंतर शिक्षाधिकारी सहित जिला प्रशिक्षण संस्था अंतर्गत सभी काम इन अधिकारियों की देखरेख में पूर्ण होते है. राज्य में द्वितीय श्रेणी के 608 पद है. जिनमें गट शिक्षाधिकारी व उपशिक्षाधिकारी जैसे पदों का समावेश होता है. इसमें से करीब 77 फीसदी पद रिक्त है. साथ ही जिन्हें शिक्षा विभाग की पर्याप्त जानकारी नहीं है, ऐसों को भी इन पदों का प्रभार दिया गया है. केंद्र शाला का प्रमुख शिक्षक रहनेवाले व्यक्ति के पास भी एक छोड दो-दो तहसीलों का प्रभार दिया गया है. विस्तार अधिकारी व केंद्र प्रमुख पद के 50 फीसदी पद रिक्त रहने के चलते शिक्षकों द्वारा ही इन पदों को प्रभारी तौर पर संभाला जा रहा है. विस्तार अधिकारी व केंद्र प्रमुख के पद भी 50 फीसदी पद रिक्त रहने के चलते इन पदों को भी शिक्षकों द्वारा ही प्रभारी तौर पर संभाला जा रहा है. वहीं दूसरी ओर शाला स्तर पर शिक्षकों की संख्या भी कम हो रही है. ऐसे में कोविड काल के बाद विद्यार्थियों का भविष्य अंधेरे में दिखाई दे रहा है.

अमरावती शिक्षा उपसंचालक कार्यालय अंतर्गत अमरावती जिले में माध्यमिक शिक्षाधिकारी, मनपा शिक्षाधिकारी व प्राथमिक शिक्षाधिकारी कार्यालय में उप शिक्षाधिकारी के 1, माध्यमिक शिक्षा विभाग में 4 पद रिक्त पडे है. वहीं गट शिक्षाधिकारी के सभी पद रिक्त पडे है. इसके अलावा पोषाहार अधिक्षक, शिक्षा विस्तार अधिकारी व केंद्र प्रमुख के सैंकडों पद भी रिक्त पडे है. जिसकी वजह से शिक्षा विभाग में पर्यवेक्षकिय कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है.

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