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तीन सगे भाई-बहनों ने हासिल की पुलिस में नियुक्ति

अपनी जिद के दम पर माता-पिता के संघर्ष को किया सफल

वाशिम/दि.29 – विपरित हालात से जुझते अपने माता-पिता के संघर्ष को देखते हुए तीन सगे भाई-बहनों ने अपने कठोर परिश्रम और लगन के दम पर पुलिस बनने के अपने सपने को साकार किया. वाशिम जिले की रिसोड तहसील अंतर्गत चिखली सरनाईक निवासी नंदा वानखडे, वैभव वानखडे व शीतल वानखडे नामक भाई बहनों के लिए यह यात्रा काफी संघर्षमय रही. लेकिन तीनों ने अपने माता-पिता के संघर्ष से प्रेरणा लेते हुए अपने जीवन में शानदार मुकाम हासिल करने के संकल्प को पूरा किया.
जानकारी के मुताबिक चिखली गांव निवासी वच्छलाबाई व लोडुजी वानखडे दम्पति को पांच बेटियां व एक बेटा है. वानखडे दम्पति खुद तो पूरी तरह से निरक्षर है. लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को पढाने-लिखाने में कोई कोर-कसर नहीं छोडी. साथ ही बच्चे पढ-लिखकर बडे व्यक्ति बनें, इसके लिए अथक परिश्रम भी किया. माता-पिता के संघर्ष को नंदा, शीतल व वैभव ने काफी नजदीक से देखा और महसूस किया. ऐसे में माता-पिता के परिश्रम को सार्थक करने के लिए कक्षा 12 वीं की परीक्षा देने के बाद नंदा वानखडे ने वाशिम में पुलिस भर्ती के लिए प्रयास शुरु किए और वह पहले ही प्रयास में सफल भी हुई. नंदा की सफलता को देखकर वैभव ने भी पुलिस भर्ती की तैयारी शुरु की. हालांकि वह पहले एक-दो प्रयासों में असफल रहा, लेकिन इससे निराश हुए बिना वैभव ने अपने प्रयास जारी रखे और वह चंद्रपुर की पुलिस भर्ती में सफल साबित हुआ. ऐसे में भाई-बहन की सफलता को देखकर शीतल ने भी वाशिम में खुद को पुलिस भर्ती के लिए तैयार करना शुरु किया और इस बार की पुलिस भर्ती के लिए वह नवी मुंबई पहुंची. हाल ही में इस पुलिस भर्ती का अंतिम परिणाम घोषित हुआ. जिसमें शीतल वानखडे भी उत्तीर्ण होकर सफल हुई है. ऐसे में तीनों भाई-बहन की सफलता से गांव में हर्षोल्लास का माहौल है तथा हर कोई वानखडे परिवार के सभी सदस्यों का अभिनंदन कर रहा है.

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