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सहकार पैनल के तीन फूटे, जगताप के नाम ने खेल बिगाड़ा

जिला बैंक के अध्यक्ष बने बच्चू कडू और उपाध्यक्ष अभिजीत ढेपे

  • 17 वर्ष बाद कांग्रेस का एकतरफा राज समाप्त

  • वीरेंद्र जगताप व हरिभाऊ मोहोड पराजित

  • कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में मची खलबली

अमरावती/दि. 24 – किसानों की बैंक के रुप में पहचाने जाती दि अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक लि. के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के हुए चुनाव में परिवर्तन पैनल के बच्चू कडू अध्यक्ष के रुप में तथा अभिजीत ढेपे उपाध्यक्ष के रुप में निर्वाचित हुए. इन दोनों उम्मीदवारों ने सहकार पैनल के प्रा. वीरेंद्र जगताप और हरिभाऊ मोहोड को पराजित किया. 17 वर्ष बाद कांग्रेस का किसानों की इस बैंक से एकतरफा राज समाप्त होने से कांग्रेस महकमे में खलबली मच गई है. आज हुए चुनाव में सहकार पैनल के तीन सदस्य मतदान के दौरान फूटकर बच्चू कडू पैनल में चले गए. सहकार क्षेत्र की राजनीति जानने वाले लोगों का कहना रहा कि अध्यक्ष पद के लिए 13 सदस्य वाले परिवर्तन पैनल ने जब वीरेंद्र जगताप का नाम तय किया, तभी से उस नाम को विरोध शुरु हो गया था. आज उपाध्यक्ष बने अभिजीत ढेपेे ने स्पष्ट कह दिया था कि यदि जगताप अध्यक्ष पद के उम्मीदवार रहते हैं तो वे सहकार पैनल की ओर से उपाध्यक्ष हेतु खड़े नहीं रहेंगे.
इस तरह खेल बिगड़ा और ढेपे अंदर ही अंदर बच्चू के खेमे में जा बैठे. बच्चू कडू के परिवर्तन पैनल के 6 एक अभिजीत ढेपे और एक नरेशचंद्र ठाकरे इस तरह कुल 8 लोगों ने मिलकर सहकार पैनल के तीन सदस्यों की पिछले तीन दिनोें में फिल्डिंग लगा दी. आज अंतिम समय तक भी नामांकन भरने की मियाद खत्म होने तक सहकार पैनल में कुछ लोग जगताप के नाम को बदलने का प्रयास करते दिखे, परन्तु परिवर्तन पैनल के नेताओं का अति आत्मविश्वास उन्हें ले डूबा और जगताप के नाम ने ऐसा खेल बिगाड़ा कि इर्विन से लेकर मंत्रालय तक इन नतीजों ने सहकार क्षेत्र में खलबली मचा दी. अब सहकार पैनल में गद्दारों को खोजा जा रहा है, परन्तु तुरंत उनका पता लगाना इतनी आसान बात नहीं. दबे स्वर फूटे हुए तीन नामों पर जो चर्चा चल रही है, वे सभी कांग्रेस की राजनीति के आसपास केंद्रित है और राज्य की राजनीति में पिछले एक महीने में हुए बदलाव का भी बच्चू के पैनल को फायदा मिला है. हमने सहकार पैनल के तीन से चार नेताओं से बात की. सभी दबे स्वर में एक-दूसरे पर उंगली उठा रहे हैं. एक बात तो निश्चित है कि बच्चू ने सहकार के मैदान में कबड्डी का यह जो दांव चला है, उसमें अच्छी-अच्छी टीमें आऊट होती दिख रही है. इस बीच बच्चू जीत के बाद हार तुर्रे स्वीकारते ही मुंबई के लिए रवाना हो गए.
जिला बैंक के निवर्तमान अध्यक्ष सुधाकर भारसाकले द्वारा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चुनाव आज इर्विन चौक स्थित जिला बैंक के सभागृह में लिए गए. सहकार क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले जिला सहकारी बैंक के इस चुनाव में सभी की नजर लगी हुई थी. पिछले 17 वर्षों से इस पर कांग्रेस का एक तरफा राज था. 21 संचालकों के चुनाव में सहकार पैनल के 13, परिवर्तन पैनल के 6 और निर्दलीय 2 उम्मीदवार निर्वाचित हुए थे. कांग्रेस के सहकार पैनल को स्पष्ट बहुमत रहने से सुधाकर भारसाकले को अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इस कारण अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चुनाव आज लिए गए. जिला बैंक के सभागृह में जिला सहकारी चुनाव अधिकारी शंकर कुंभारे की देखरेख में दोपहर 12 बजे से चुनाव प्रक्रिया शुरु हुई. दोपहर 12 से 12.30 बजे तक नामांकन दाखिल करने के बाद जांच पड़ताल के बाद 1 बजे उम्मीदवारों की सूची घोषित की गई. पश्चात उम्मीदवारों की अंतिम सूची घोषित होने के बाद दोपहर 1.15 बजे से 1.45 बजे तक मतदान प्रक्रिया हुई. अध्यक्ष पद के लिए बच्चू कडू और वीरेंद्र जगताप के बीच तथा उपाध्यक्ष पद के लिए सहकार पैनल के हरिभाऊ मोहोड़ और परिवर्तन पैनल के अभिजीत ढेपे के बीच मुकाबला था. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव में सहकार पैनल में उम्मीदवार को लेकर फूट पड़ने से बच्चू कडू और अभिजीत ढेपे निर्वाचित हुए. कडू और ढेपे को प्रत्येकी 11 तथा जगताप और मोहोड़ को प्रत्येकी 10 वोट मिले. सहकार पैनल के तीन सदस्योें ने अपने पैनल के उम्मीदवार के विरोध में मतदान किया. 17 वर्ष बाद जिला बैंक से कांग्रेस का एकतरफा राज चले जाने से कांग्रेस खेमे में खलबली मच गई.

कार्यकर्ताओं ने किया जल्लोष
बच्चू कडू और अभिजीत ढेपे के निर्वाचन के बाद प्रहार कार्यकर्ताओं ने जल्लोष किया. जोरदार आतीषबाजी व नारेबाजी कर जश्न मनाया गया. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस खेमे में मायूसी थी. सहकार क्षेत्र में कांग्रेस की मनमानी कार्यप्रणाली के चलते यह पराजय होने की प्रतिक्रिया अनेक लोगों द्वारा दी जा रही थी.

जीत के बाद कडू के मोबाइल पर सीएम का फोन
जिला बैंक के चुनाव में अध्यक्ष के रुप में बच्चू कडू के निर्वाचित होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दो दफा बच्चू कडू को फोन आये. इस बात की पुष्ठि स्वयं बच्चू कडू ने बैंक के अपने सहयोगी संचालक व उपस्थितों के सामने अपने संबोधन में की. पश्चात तत्काल वे मुंबई जाने के लिए नागपुर की तरफ रवाना हो गए.

ग्रामीण जिला कांग्रेस को देखना होगा नया कार्यालय
पिछले 17 वर्षों से ग्रामीण जिला कांग्रेस कमिटी का कामकाज जिला मध्यवर्ती बैंक के सभागृह से ही चल रहा था. बबलू देशमुख के अध्यक्ष होने के बाद यह सिलसिला शुरु हुआ था. ग्रामीण कांग्रेस की बैठक और कार्यक्रमोें की जानकारी यहीं से दी जाती थी. ग्रामीण कांग्रेस का एक तरह से यह कार्यालय हो गया था. लेकिन अब कांग्रेस समर्थित सहकार पैनल की हार होने से उन्हें अब नया कार्यालय देखना होगा.

सहकार पैनल को भारी पड़ गया खुद का ही दांव
सहकार पैनल के 21 में से 13 संचालक रहने से उनका स्पष्ट बहुमत था. इस कारण सुधाकर भारसाकले निर्विवाद अध्यक्ष और सुरेश साबले उपाध्यक्ष के रुप में नियुक्त किए गए थे. लेकिन कांग्रेस ने ढाई वर्ष बाद दूसरे को मौैका देने के लिए सुधाकर भारसाकले व सुरेश साबले को इस्तीफा देने कहा. यहीं दांव सहकार पैनल को भारी पड़ गया.

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