20 वर्ष बाद अमल में आ रही तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति
वर्ष 2002 की पुनरावृत्ति होने का अनुमान
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अमरावती मनपा में 87 सदस्यों हेतु 29 प्रभाग बनेंगे
अमरावती/प्रतिनिधि दि.5 – अब यह बात लगभग तय हो गई है कि, अमरावती महानगरपालिका का आगामी चुनाव तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति से होने जा रहा है, क्योेंकि दो दिन पूर्व राज्य सरकार द्वारा इससे संबंधित अध्यादेश पर अपने हस्ताक्षर कर दिये गये है. ऐसे में अगले वर्ष फरवरी माह के दौरान होनेवाले मनपा चुनाव तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति से करवाये जायेंगे. यह पूरी तरह से स्पष्ट है. चूंकि अमरावती महानगरपालिका का आगामी चुनाव 87 सदस्यों के लिए करवाया जायेगा. अत: तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति के तहत 29 प्रभाग बनाये जायेंगे.
बता दें कि, राज्य की महाविकास आघाडी सरकार के मंत्रिमंडल द्वारा तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति को मंजूरी दी गई. वहीं सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी द्वारा मनपा चुनाव को दो सदस्यीय पध्दति से करवाये जाने की मांग की जा रही है. ऐसे में इसे लेकर कुछ हद तक संभ्रम देखा जा रहा था. किंतु अब सरकार की ओर से जारी अध्यादेश पर राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर कर दिये जाने के चलते मनपा चुनाव तीन सदस्यीय पध्दति से ही करवाया जाना पूरी तरह से तय हो गया है और कांग्रेस को भी तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति के तहत ही मनपा चुनाव लडने होंगे.
बता दें कि, इससे पहले वर्ष 2002 में अमरावती महानगरपालिका के चुनाव तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति से करवाये गये थे. उस समय मनपा का सदन 83 सदस्यीय था तथा वह चुनाव भाजपा-सेना युती ने कांग्रेस व राकांपा आघाडी के खिलाफ लडा था. जिसमें कांग्रेस-राकांपा आघाडी ने सत्ता हासिल की थी. हालांकी उस चुनाव में भाजपा के 20 व शिवसेना के 17 पार्षद निर्वाचित हुए थे. वहीं कांग्रेस ने 29 व राकांपा ने 4 सीटें जीती थी. यानी भाजपा-सेना युती के पास 37 व कांग्रेस- राकांपा आघाडी के पास मात्र 34 पार्षद थे. किंतु कांग्रेस-राकांपा आघाडी ने निर्दलीयों सहित सपा व रिपाइं के पार्षद का समर्थन प्राप्त करते हुए मनपा की सत्ता हासिल की थी. किंतु अब मौजूदा दौर में राजनीतिक हालात काफी बदल गये है. इस समय राज्य में कांग्रेस व राकांपा शिवसेना के साथ महाविकास आघाडी में शामिल है. वहीं भाजपा विपक्ष में है और शिवसेना व भाजपा की युती पूरी तरह से टूट चुकी है. ऐसे में यह तय है कि, इस बार मनपा चुनाव में शिवसेना व भाजपा एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लडेंगे. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस द्वारा समय-समय पर अपने अकेले के दम पर चुनाव लडने का दावा किया जा रहा है. ऐसे में मनपा चुनाव में कांग्रेस-राकांपा व शिवसेना की महाविकास आघाडी कायम रहेगी अथवा नहीं, यह फिलहाल तय नहीं है. अत: तीन सदस्यीय प्रभाग रचना के साथ होने जा रहे मनपा चुनाव को लेकर काफी हद तक उत्सूकता व संभ्रम का माहौल है. वहीं दूसरी ओर मनपा प्रशासन काफी लंबे समय तक प्रभाग रचना को लेकर संभ्रम में रहा, क्योेंकि निर्वाचन आयोग द्वारा एक सदस्यीय प्रभाग रचना करने की बात कही गई थी. वहीं दूसरी ओर राज्य मंत्रिमंडल द्वारा तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति का निर्णय लिया गया. ऐसे में मनपा प्रशासन द्वारा एक सदस्यीय प्रभाग रचना को लेकर शुरू की गई तमाम तैयारियां धरी की धरी रह गई और अब तीन सदस्यीय प्रभाग रचना को लेकर नये सिरे से तमाम तैयारियां करनी पड रही है. राज्यपाल द्वारा तीन सदस्यीय प्रभाग रचना के अध्यादेश पर हस्ताक्षर किये जाते ही अब तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति का रास्ता साफ हो गया है. ऐसे में मनपा प्रशासन को वर्ष 2011 की जनगणना पर आधारित प्रभाग रचना करनी होगी. हालांकि इस दौरान जनसंख्या में इजाफा हुआ है. साथ ही शहर की सीमाएं भी विस्तारित हुई है. ऐसे में प्रशासन द्वारा जनसंख्या में 10 फीसद की वृध्दि ग्राह्य मानते हुए प्रभाग रचना का प्रारूप तैयार किया जायेगा.
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वर्ष 2002 में ऐसी थी पक्षीय बलाबल की स्थिति
कांग्रेस – 29
राकांपा – 04
भाजपा – 20
शिवसेना – 17
समाजवादी पार्टी – 04
रिपाइं (गवई) – 02
रिपाइं (आठवले) – 01
निर्दलीय – 05
अन्य – 01