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‘समृध्दि’ का मुहूर्त तीन महिने टला

होली के लिए गए मजदूर कोरोना के डर से नहीं लौटे

  •  झारखंड की सीमा पर फंसी है मजदूरों की 12 बसें

  •  राज्य सरकार का महत्वपूर्ण प्रकल्प है समृध्दि महामार्ग

अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 – बहु प्रतिक्षित नागपुर-मुंबई समृध्दि एक्सप्रेस-वे प्रकल्प पर काम करने वाले मजदूरों को उनके राज्य से वापस लाने के लिए गई हुई 12 बसेस कोरोना टेस्ट का कारण देते हुए झारखंड सरकार ने पिछले 2 दिनों से राज्य की सीमा पर रोख रखी है. इन मजदूरों के अभाव में ‘समृध्दि’ का मुहूर्त तीन महिने तक टल सकता है. राज्य का महत्वपूर्ण प्रकल्प रहने वालेे समृध्दि महामार्ग को कोरोना महामारी का झटका लग रहा है. मार्च में राज्य में कोरोना का प्रादुर्भाव बढ जाने से होली के लिए गांव गए परप्रांत के मजदूरों ने वापस लौटने में अनुत्सुकता दर्शाई. परिणाम स्वरुप पिछले दोे महिने से 60 से 65 प्रतिशत मजदूरों की उपस्थिति पर इस प्रकल्प का काम निर्भर रहा है.
राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या का आलेख गिरने लगते ही महाराष्ट्र राज्य रास्ते विकास महामंडल ने समृध्दि के काम को फिर एक बार गति देने का निर्णय लिया. उसके अनुसार परप्रांत में गए मजदूरों को वापस लाने के लिए बसेस भेजी जा रही है. किंतु झारखंड सरकार ने बस चालकों को कोरोना की आरटीपीसीआर टेस्ट बंधनकारक रहने की बात कहते हुए इन बस गाडियों को आगामी सफर की अनुमति नकारी है. जिससे यह बसेस वहीं के राज्य के सीमा पर पिछले दो दिनों से अटकी पडी है.
‘समृध्दि’ का नागपुर से शिर्डी यह पहला चरण 1 मई से शुरु किया जाएगा, ऐसा राज्य सरकार ने वर्तमान वर्ष की शुरुआत में कहा था. किंतु मार्च में कोरोना की दूसरी लहर के चलते प्रकल्प के काम पर भारी परिणाम हुआ. फिलहाल समृध्दि महामार्ग का काम बांधकाम स्तर पर 58 से 59 प्रतिशत तथा आर्थिक स्तर पर 55 से 56 प्रतिशत पूर्ण हुआ है. राज्य में विविध चरणों में लॉकडाउन उठाने की तैयारी सरकार ने की है. जिससे पूरा लॉकडाउन 15 जून तक वापस लिया जाएगा. फिर भी मजदूरों के अभाव में तथा बारिश का मौसम देख इस चरण के छोटे बडे काम पूर्ण करने के लिए तीन महिने लग सकते है. परिणाम स्वरुप ‘समृध्दि’ से वाहन दौडने के लिए अक्तूबर के पहले सप्ताह की राह देखनी पड सकती है.

  • 58 प्रतिशत काम हुआ है पूर्ण

‘समृध्दि’ का नागपुर से शिर्डी यह पहला चरण 1 मई से शुरु किया जाएगा, ऐसा राज्य सरकार ने वर्तमान वर्ष की शुरुआत में कहा था. किंतु मार्च में कोरोना की दूसरी लहर के चलते प्रकल्प के काम पर भारी परिणाम हुआ. फिलहाल समृध्दि महामार्ग का काम बांधकाम स्तर पर 58 से 59 प्रतिशत तथा आर्थिक स्तर पर 55 से 56 प्रतिशत पूर्ण हुआ है.

  • प्रकल्प के मजदूर इन राज्यों के

– मशनरी ऑपरेटर्स : उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल
– छोटे-बडे पुल, भूमिगत मार्ग : पश्चिम बंगाल
– तकनीकी काम : महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगना, आंध्रप्रदेश
– गवंडी, सुतार काम : महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार

  • 1 से 11 पैकेज में 65 प्रतिशत प्रगती

कोरोना लॉकडाउन में समृध्दि के 1 से 11 इस पेैकेज के काम मजदूरों के स्वास्थ्य की निगाह बरतते हुए शुरु है. इन कामों की प्रगति 65 प्रतिशत है. इसी बीच सरकार ने लॉकडाउन हटाया तो भी अमरावती, वर्धा, वाशिम, बुलढाणा व औरंगाबाद बाधितों की संख्या यह महाराष्ट्र रास्ते विकास महामंडल के लिए सिरदर्द साबित हो सकती है.

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