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इर्विन में एक बेड पर तीन मरीज

जमीन पर लेटाकर दी जा रही ग्लूकोज

* जिला सामान्य अस्पताल में रुग्णों की भीड
अमरावती/दि.7– जिला सामान्य अस्पताल इर्विन में रुग्णों की भीड इस कदर बढ गई है कि, कुछ वार्ड में एक ही पलंग पर तीन-तीन मरीजों को लेटाया जा रहा है. उसके बावजूद ग्लूकोज चढाने के लिए जमीन पर लेटाकर किसी तरह उपचार किया जा रहा है. तथापि अस्पताल के मुखिया जिला शल्य चिकित्सक डॉ. दिलीप सौंदले ने इस बात को खारिज किया और कहा कि नए-पुराने रुग्ण का एडमिशन और डिसचार्ज होते रहता है. वार्ड की बेड संख्या देखकर ही मरीज वहां एडमिट किया जाता है.
* वार्ड 6 में बुरे हाल
जिला अस्पताल के वार्ड क्रमांक 6 और 8 में क्षमता से अधिक रुग्ण गत रात से दिखाई दे रहे हैं. कई पलंग पर दो और तीन रुग्ण सुलाए गए हैं. अमरावती मंडल के संवाददाता ने देखा कि कुछ मरीजों को जमीन पर बैठाकर ग्लूकोज चढाया गया है. जबकि जिस स्थिति में मरीज को रखा गया है उससे सलाइन शरीर में बराबर नहीं जाती. किंतु ऐसा नजारा दिखाई दिया.
* अगस्त से बढ रहे मरीज
एक सूत्र ने अमरावती मंडल को बताया कि गत 15 अगस्त से सभी प्रकार की बीमारी में नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था शासन के स्वास्थ्य विभाग व्दारा घोषित हुई है. उसके बाद से जिला अस्पताल में आनेवाले रुग्णों की संख्या निश्चित ही बढी है. जिससे अस्पताल सर्दियों के हेल्दी कहे जाते सीजन में भी मरीजों से भरा रहा.
* सर्दी, खांसी, बुखार के रुग्ण
अधिकांश पेशंट सर्दी, खांसी और बुखार व वायरल फिवर के रहने की जानकारी डॉक्टर्स व नर्सेस ने दी. उन्होंने बताया कि कई मरीज कमजोरी की शिकायत करते हैं, जिससे उन्हें उनके आग्रह पर ही ग्लूकोज चढाया जाता है. सलाइन के लिए मरीज को बेड उपलब्ध नहीं होने से मजबूरन नीचे लेटाना पडता है.
* क्या कहते हैं सीएस
सीएस डॉ. सौंदले से अमरावती मंडल ने उपरोक्त वार्ड की स्थिति के बारे में पूछा तो, उन्होंने कहा कि वैसे तो अभी कोई साथ (महामारी) नहीं है. अभी जो मरीज बहुतायत में आ रहे हैं, उनमें सर्दी, खांसी और वायरल फीवर के अधिकांश हैं. डिसचार्ज भी अनेक मरीजों को दिया जाता है. उसी के आधार नइ एडमिशन की जाती है. जिन वार्डो की आप बात कर रहे हैं, उनके बारे में थोडी दिक्कत जरुर है. क्षमता के अनुरुप ही मरीजों को दाखिल किया जाता है.

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