निमोनिया पीडित मरीजों का भी लिया जा रहा थ्रोट स्वैब सैम्पल
जिलाधीश शैलेश नवाल ने दी जानकारी
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अमरावती/प्रतिनिधि दि.२१ – प्रतिवर्ष बारिश के मौसम में निमोनिया के जीतने मरीज पाये जाते है इस बार भी लगभग उतने ही मरीज पाये जा रहे है. लेकिन इस बार निमोनिया संक्रमित पाये जानेवाले मरीजों की अनिवार्य तौर पर थ्रोट सैम्पल जांच की जा रही है. और यदि उनकी रिपोर्ट निगेटीव आती है, तो उन्हें इर्विन के नॉन कोविड वॉर्ड में रखा जाता है. अन्यथा रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर सुपर स्पेशालीटी अस्पताल के कोविड हॉस्पिटल में भरती कराया जाता है. इसके साथ ही सारी नामक बीमारी से संक्रमित मरीजों के लिए पीडीएमसी अस्पताल में एक विशेष वॉर्ड शुरू किया गया है. इस आशय की जानकारी जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा अपनी नियमित प्रेस ब्रीफिंग में दी गई.
जिलाधीश नवाल ने बताया कि, अमरावती सेंट्रल जेल में अब कोरोना का संक्रमण और अधिक न फैल पाये, इस हेतु प्रशासन द्वारा तमाम आवश्यक कदम उठाये जा रहे है और जेल में रखे जानेवाले कैदियों सहित यहां डयूटी पर तैनात किये जानेवाले सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की आरटी-पीसीआर टेस्ट करवायी जा रही है. जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें जेल परिसर में प्रवेश दिया जाता है.
इस समय शेगांव नाका परिसर में खुलनेवाले दो प्राईवेट कोविड हॉस्पिटल नागरिकोें के विरोध की वजह से नहीं खुल पाये. इस ओर ध्यान दिलाये जाने पर जिलाधीश नवाल ने कहा कि, प्रशासन ने संबंधित डॉक्टरों को पूरा साथ व सहयोग देने को आश्वासन दिया था, लेकिन नागरिकों के विरोध को देखते हुए संबंधित डॉक्टरों ने खुद ही अपने कोविड अस्पतालों को अन्यत्र शिफ्ट कर लिया. जिसके चलते तुलजा भवानी मंगल कार्यालय में खुलनेवाला अस्पताल अब गोले हॉस्पिटल में तथा विनयविला में खुलनेवाला अस्पताल अब महेश भवन में शिफ्ट हो गया है. इसके साथ ही प्रशासन के पास गेटवे अस्पताल का भी प्रस्ताव आया है. जिन्हें होटल रंगोली में कोविड हॉस्पिटल खोलना है.