* अब बैल का किया शिकार
वर्धा/दि.7- समीपस्थ कारंजा तहसील अंतर्गत बांगडापुर गांव में इस समय बाघ की दहशत देखी जा रही है. यहां पर दो दिन पहले ही बाघ द्वारा किये गये हमले में होरेश्वर घसाड नामक किसान की मौत हुई थी. वहीं अब बाघ ने एक बैल को अपना शिकार बनाया. जिससे गांववासी काफी दहशत में है.
बता दें कि, होरेश्वर घसाड नामक किसान अपने खेत में काम कर रहा था, जब बाघ ने उस पर हमला किया और इस हमले में किसान की मौत हो गई. जिसके बाद गांववासियों ने संतप्त होकर वनविभाग को जमकर आडे हाथ लिया और एक वन कर्मचारी को भी पेड से बांधने का प्रयास किया. अभी गांववासियों का गुस्सा ठंडा भी नहीं हुआ था कि, दूसरे ही दिन बाघ ने गांव में घुसकर एक बैल को मार डाला. ऐसे में गांववासियों का गुस्सा फूट पडा तथा आर्वी के पूर्व विधायक अमर काले ने अमरावती-नागपुर महामार्ग पर रास्ता रोको आंदोलन किया. वहीं भाजपा विधायक दादाराव केचे ने इस बाघ का बंदोबस्त करने के साथ ही पीडित परिवारों को सहायता दिये जाने की मांग की.
बता दें कि, वर्धा जिले के कुल क्षेत्रफल में 65 फीसद जंगल है और यहां के ग्रामीण इलाकों में खेती-किसानी करनेवाले किसानोें को जंगल क्षेत्र से ही गुजरते हुए अपने खेतों में आना-जाना करना पडता है. विगत दो वर्ष के दौरान वर्धा जिले में वन्यजीवों द्वारा किये गये हमले के चलते 13 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें से अकेले कारंजा तहसील में ही 7 लोगों की जाने गई. वही आष्टी में 5 और आर्वी में एक व्यक्ति की जान गई. इसके अलावा वन्यजीवों के हमले में 399 से अधिक पशुधन मारे गये.