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देश में बाघ बढ़े लेकिन विदर्भ के बाघ कंबोडिया जाएंगे

केंद्र की एनटीसीए करेगी कार्रवाई

अमरावती/दि.17-व्याघ्र गणना में देशभर में बाघों की संख्या 3167 होने से पर्यावरण प्रेमियों में खुशी की लहर है. इसमें व्याघ्र प्रकल्प का महत्वपूर्ण योगदान रहा तो भी कम पड़ने वाले जंगल और बाघों के कॉरिडोर के कारण परेशानी बढ़ी है. भारत के व्याघ्र प्रकल्पों को बड़ी ताकत देने की अब आवश्यकता निर्माण हो गई है. देश में 1973 में 9 व्याघ्र्र प्रकल्प तैयार किये गए. इसमें महाराष्ट्र राज्य में मेलघाट और ताड़ोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प का समावेश था. लेकिन अब वर्तमान में देश में 42 से अधिक व्याघ्र प्रकल्प अस्तित्व में है. देश के जंगलों में बाघों के संरक्षण में व्याघ्र प्रकल्पों का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है. राष्ट्रीय व्याघ्र संवर्धन प्राधिकरण यह व्याघ्र प्रकल्प पर मॉनिटरिंग करता है. इस प्राधिकरण की दिल्ली में वर्ष 2005 में स्थापना हुई, फिर भी कम कालावधि में इस प्राधिकरण ने बाघों की संख्या में बढ़ोतरी करने का काम किया है. साथ ही बाघ तस्करी करने वाले बेहलिया गिरोह का पर्दाफाश होने से पूर्व भारत में बाघोंं की संख्या हाल में बढ़ी है. यह वास्तविकता है.

बाघ कैसे बढ़े?
विश्व में बंगाल टाइगर के रुप में भारत के बाघों का अधिक महत्व है. विश्व के 17 देशों में बाघ का 5 से 10 प्रतिशत अस्तित्व है. विश्व के बाघों के प्रतिशत का विचार किया तो अकेले भारत में 75 प्रतिशत संख्या बाघों की है. देश में हर चार वर्ष में 300 से 500 बाघ बढ़े हैं. इसमें मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ राज्य में 150 से 250 बाघों की बढ़ोतरी हुई है.

बाघों की मृत्यु भी उतनी ही
पिछले चार साल में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में करीबन 200 बाघों की विविध कारणों से मृत्यु हुई है. महाराष्ट्र में सर्वाधिक चंद्रपुर, नागपुर और गढ़चिरोली विभाग में बाघों की मृत्यु हुई है. कुछ बाघ बिजली का करंट लगने से मृत हुए हैं. इस कारण बाघों की संख्या फिर से कम न हो, इस बाबत सावधानी बरतना आवश्यक है.

कंबोडिया जाएंगे बाघ
विदर्भ में 255 से अधिक बाघों की संख्या है. इस कारण मनुष्य-वन्यजीव ऐसा संघर्ष गढ़चिरोली-चंद्रपुर जिले में निर्माण हुआ है. परिणामस्वरुप चंद्रपुर जिले के 10 से 12 बाघ कंबोडिया भेेजे जाने वाले हैं. इस बाबत करार भारत और कंबोडिया सरकार के बीच होने की जानकारी है. लेकिन बाघ कब भेजे जाएंगे, यह निश्चित नहीं हुआ है. एक समय कंबोडिया में बाघों की संख्या काफी थी, लेकिन शिकार के कारण यहां बाघ नहीं रहते हैं. भारत से 25 से अधिक बाघ कंबोडिया विविध चरणों में भेजे जाएंगे, ऐसी जानकारी है.

सर्वेक्षण हो गया है
चंद्रपुर जिले के कुछ बाघ अन्य स्थानों पर ले जाने बाबत सर्वेक्षण हुआ है. केंद्र सरकार की एनटीसीए यह कार्रवाई करने वाली है. लेकिन बाघ कहां भेजे जाएंगे, यह फिलहाल निश्चित नहीं हुआ है.
– सुधीर मुनगंटीवार, वन, सांस्कृतिक कार्य मंत्री

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