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संतरा उत्पादकोें को जीवित रखने के लिए 14 को संतरा परिषद का आयोजन

वंचित के युवा प्रदेशाध्यक्ष निलेश विश्वकर्मा ने दी पत्रवार्ता में जानकारी

* एड. प्रकाश आंबेडकर सहित कृषि क्षेत्र के गणमान्य रहेंगे उपस्थित

अमरावती/दि.9- विगत अनेक दशकों से विदर्भ क्षेत्र को संतरा उत्पादकों का क्षेत्र माना जाता है और यहां उत्पादित होनेवाले संतरे की देश सहित पूरी दुनिया में मांग रहती है. किंतु सरकारी व प्रशासनिक अनदेखी व अनास्था के चलते विगत अनेक वर्षों से क्षेत्र के संतरा उत्पादक भारी दिक्कतों व परेशानियों में फंसे हुए है तथा आसमानी व सुलतानी संकटों के चलते संतरा उत्पादकों को काफी नुकसान हो रहा है और अब कई संतरा उत्पादकों ने अपने संतरा बागान नष्ट करने शुरू कर दिये है. ऐसे में क्षेत्र में संतरा उत्पादन को जीवित रखने हेतु तमाम आवश्यक प्रयास किये जाने बेहद जरूरी है. इसी के तहत आगामी 14 नवंबर को चांदूर रेल्वे में भव्य संतरा परिषद का आयोजन किया जा रहा है. इस आशय की जानकारी वंचित बहुजन आघाडी के युवा प्रदेशाध्यक्ष निलेश विश्वकर्मा द्वारा दी गई है.
जिला मराठी पत्रकार संघ के मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रवार्ता में उपरोक्त जानकारी देने के साथ ही निलेश विश्वकर्मा ने बताया कि, इस संतरा परिषद में वंचित बहुजन आघाडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एड. प्रकाश आंबेडकर सहित कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ भी उपस्थित रहेंगे और इस परिषद में क्षेत्र के किसानों को प्रक्रिया प्रकल्प अनुदान योजना की जानकारी देने के साथ ही विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन किया जायेगा. साथ ही फलबागान की खेती हेतु बैंकों से सस्ती दरों में अधिक कर्ज प्राप्त करने के बारे में भी जानकारी दी जायेगी. इसके अलावा क्षेत्र के संतरा उत्पादकों की विभिन्न समस्याओं को हल करने के संदर्भ में आवश्यक विचार-विमर्श करते हुए सरकार को संतरा उत्पादक किसानों की मांगों से अवगत कराया जायेगा.
इस पत्रवार्ता में निलेश विश्वकर्मा ने कहा कि, अमरावती जिले के मोर्शी व वरूड के बीच करीब 18 एकड क्षेत्र में एक अतिविशाल सरकारी संतरा नर्सरी है. किंतु संतरा उत्पादक परिसर के हृदयस्थल पर स्थित इस नर्सरी में संतरे से संबंधित अत्याधूनिक प्रयोगशाला, संशोधन केंद्र व मार्गदर्शन व्यवस्था उपलब्ध कराने के बारे में आज तक किसी ने विचार ही नहीं किया. जबकि संतरे की गुणवत्ता, आकार व दाम और वृध्दि के लिए सरकारी स्तर पर भरपूर प्रयास होने आवश्यक थे और नाशवंत संतरा फलों के संग्रह हेतु इस परिसर में सुसज्जित शीत गृह व संतरा प्रक्रिया प्रकल्प भी स्थापित किये जाने चाहिए थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जिसके चलते आज इस परिसर में संतरा उत्पादक किसान और उनके संतरा बगीचे नष्ट होने की कगार पर है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, संतरा उत्पादकोें और संतरा बागानों को बचाये रखने हेतु तमाम आवश्यक प्रयास शुरू किये जाये. इस बात के मद्देनजर वंचित बहुजन आघाडी द्वारा आगामी 14 नवंबर को चांदूर रेल्वे स्थित जिला परिषद शाला के क्रीडांगण पर भव्य संतरा परिषद का आयोजन किया जा रहा है.

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