आज भाईदूज : शाम 7.15 बजे तक कर सकेंगे तिलक
अमरावती/दि.6 – भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक तथा पांच दिवसीय दीपावली पर्व के अंतिम दिन भाईदूज मनाई जाती है. कार्तिक शुक्ल द्बितीया को आनेवाली भाईदूज को भाई अपने बहनों घर जाकर पर्व की खुशियां मनाते है. बहन-भाई के इस प्रेम को व्यक्त करने वाला यह पर्व शनिवार, 6 नवंबर को सर्वत्र धूमधाम से मनाया जाएगा. इस पर्व में 12 घंटो की शुभबेला है. जिसमें अगर बहन-भाई को तिलक लगाती है, तो उस भाई और बहन के जीवन में खुशहाली आएगी.
युमना ने यमराज को लगाया था तिलक
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान सूर्य की पत्नी छाया ने यमराज और यमुना को जन्म दिया था दोनो में बहा स्नेह था. यमुना हमेशा ही भाई यमराज को घर आकर भोजन करने का निमंत्रण देती, लेकिन भाई यमराज व्यस्तता के चलते निमंत्रण को टाल देता. कार्तिक शुक्ल को फिर एक बार यमुना ने भाई यमराज को भोजन के लिए आमंत्रित किया और अपने घर आने का उनसे वचन लिया. यम देवता सोचने लगे कि मैं लोगों के प्राणहर्ता हूं. मैरे जैसे व्यक्ति को कोई अपने घर क्यों बुलाएगा. बहन जिस भावना से मुझे बुला रही है, उसके घर जाना चाहिए. इस बीच यमराज नरक में निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर बहन यमुना के घर पहुंचे. स्नान एवं पूजन के पश्चात बहन ने भाई को स्वादिष्ट व्यंजन परोसे, यमुना ने उस समय भाई से वचन लिया कि, कार्तिक शुक्ल को बहन भाई को आदर सम्मान के साथ बुलाकर टीका लगाए. उन्हें यमराज का भय न रहे, ऐसा वचन मांगा. भाई यमराज ने भी बहन यमुना को वचन दिया, बत से कार्तिक शुक्ल को भाईदूज मनायी जाती है.
भाई की लंबी उम्र की कामना
भाईदूज का यह त्यौहार बहन भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए तथा उसके खुशहाल जीवन की प्रार्थना कर मनाती है. इस दिन बहन भाई को तिलक लगाकर अपने भाई के प्रति प्रेम व्यक्त करती है. इस वर्ष शुक्रवार, 5 नवंबर को शाम 7.43 बजे सामप्ति होगी.
– पं. करण पुरोहित (शर्मा)