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शौचालय घोटाला मामले में मनपा करेगी ढाई करोड की वसूली

पुलिस जांच रिपोर्ट की हो रही प्रतीक्षा

  • कोर्ट की अनुमति से शुरू किया जायेगा रकम वसूली का काम

अमरावती/प्रतिनिधि दि.22 – स्थानीय महानगरपालिका के बडनेरा झोन कार्यालय अंतर्गत विगत वर्ष करीब ढाई करोड रूपये का शौचालय घोटाला उजागर हुआ था. जिसे मनपा के इतिहास में अब तक का सबसे बडा घोटाला माना गया है. पहले से ही आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रही मनपा द्वारा अब इस घोटाले के ढाई करोड रूपये की वसूली पर अपना ध्यान केंद्रीत किया गया है. जिसके लिए कोर्ट से अनुमति मांगी गई है. यह अनुमति मिलते ही मनपा द्वारा घोटाले में शामिल लोगों से रकम वसूल करने का काम शुरू किया जायेगा.
वहीं मनपा द्वारा दर्ज करायी गई शिकायत के आधार पर स्थानीय सिटी कोतवाली थाना पुलिस तथा आर्थिक अपराध शाखा द्वारा इस मामले की जांच की गई है. साथ ही साथ मनपा ने अपने स्तर पर भी इस मामले की जांच करवायी है. जिसके तहत मनपा उपायुक्त सुरेश पाटील के नेतृत्व में गठित समिती ने अपनी जांच पूर्ण कर निगमायुक्त प्रशांत रोडे को अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. वहीं मनपा द्वारा पुलिस महकमे से इस घोटाले की जांच पश्चात तैयार की गई रिपोर्ट मांगी जा रही है. पुलिस की ओर से जांच रिपोर्ट मिलते ही मनपा प्रशासन द्वारा घोटाले में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी शुरूआत की जायेगी. ऐसी जानकारी है.
बता दें कि, विगत वर्ष 2020 में जून माह के दौरान बडनेरा झोन में स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान अंतर्गत 440 निजी शौचालयों के निर्माण को लेकर तीन स्वतंत्र बिल पेश किये गये थे. जिसमें 26 फरवरी को 169 शौचालयों के 28 लाख 73 हजार, 28 फरवरी को 149 शौचालयों के 25 लाख 31 हजार तथा 24 मार्च को 122 शौचालयों के 20 लाख 74 हजार ऐसे कुल 440 शौचालयों के लिये 74 लाख 80 हजार रूपये के बिल पेश किये गये थे. वर्ष 2017-18 से संबंधित इन बिलों को लेकर लेखाधिकारी को कुछ संदेह आने पर यह फाईल आवश्यक जांच पडताल हेतु आयुक्त के पास भेजी गयी. जिसके बाद आयुक्त प्रशांत रोडे द्वारा इस फाईल में लगे दस्तावेजों की बारिकी से जांच पडताल करने पर इन फर्जी बिलों के मामले का भंडाफोड हुआ. जिसके बाद इस मामले की जांच तत्कालीन उपायुक्त विजय खोराटे को सौंपी गयी और जांच में तथ्य पाये जाने के चलते यह मामला फौजदारी कारवाई के लिए सिटी कोतवाली पुलिस थाने को सौंपा गया. इस संदर्भ में मनपा प्रशासन से मिली शिकायत के आधार पर कोतवाली थाना पुलिस ने मनपा के बडनेरा झोन में ठेका तत्व पर कार्यरत डेटा एंट्री ऑपरेटर संदीप राईकवार व लेखा विभाग के लिपीक अनुप सारवान के खिलाफ अपराध दर्ज किया था. फर्जी बिल मामले में जैसे ही अब जांच का चक्र घूमा, वैसे ही मनपा अधिकारियों व कर्मचारियों के आसपास संदेह की सुई मंडराने लगी थी. पुलिस का मानना था कि, कुछ बडे अधिकारियों के मिलीभगत के बिना कोई भी लिपीक स्तर का व्यक्ति सरकार को चूना लगाने का इतना बडा दुस्साहस नहीं कर सकता.
वहीं दूसरी ओर इस मामले को लेकर चल रहीं जांच के दौरान पता चला कि, मनपा में इस तरह का फर्जीवाडा वर्ष 2015 से चल रहा था और इससे पहले ऐसे ही मामलों में करीब डेढ से दो करोड रूपयों के 12 बिल मंजूर करते हुए देयकों की राशि भी अदा कर दी गई. ऐसे में अब इस मामले की जांच सिटी कोतवाली पुलिस के पास से निकालकर आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई.
इस मामले की जांच में पता चला कि स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान अंतर्गत मनपा के बडनेरा झोन में आनेवाले प्रभागों में 1500 शौचालय बनाने का ठेका औरंगाबाद की एक कंपनी को दिया गया था. किंतु इस कंपनी द्वारा बडनेरा झोन में कोई शौचालय नहीं बनाये गये, बल्कि कागजों पर ही काम तो पूरा हुआ दर्शाकर झोन कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करते हुए निगमायुक्त के समक्ष 75 लाख रूपयों के फर्जी बिलोें की फाईल मंजूरी हेतु रखी गयी. इस मामले में शिकायत मिलने के बाद शुरू की गई जांच में पता चला कि, इससे पहले भी शौचालयों के निर्माण को लेकर 12 बिल पास हुए है. जिसकी ऐवज में 7 अलग-अलग कंपनियों को डेढ से दो करोड रूपयों के आसपास रकम जारी की गई. किंतु इसमें भी एक बडी गडबडी पायी गयी है, क्योेंंकि जिन कंपनियों के नाम देयक जारी किये गये है, वे कंपनियां अस्तित्व में है भी अथवा नहीं, यह भी अपने आप में एक आश्चर्य का विषय रहा. वहीं जांच में यह भी तथ्य सामने आया कि, वर्ष 2015 के बाद जारी किये गये इन तमाम बिलों को मंजूर करवाने में मनपा के एक तत्कालीन आयुक्त की बडी प्रमुख भूमिका थी.
ऐसे में अब मनपा प्रशासन द्वारा घोटाले के तमाम तथ्य उजागर हो जाने के चलते घोटाले में शामिल हर एक व्यक्ति से सरकारी खजाने की रकम वसूल करने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके लिए बाकायदा कोर्ट से अनुमति मांगी गई है. वहीं घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ अगली कार्रवाई करने हेतु पुलिस महकमे से जांच रिपोर्ट भी मांगी गई है. ये दोनों ही रिपोर्ट मिलने के बाद मनपा प्रशासन द्वारा इस मामले में अपना अगला कदम उठाया जायेगा.

 

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  • हर एक अकाउंट का ब्यौरा खंगाला जा रहा

इस बारे में जानकारी देते हुए निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने कहा कि, स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत व्यक्तिगत शौचालय निर्माण योजना के तहत किये गये घोटाले की रकम महानगरपालिका के किस-किस अकाउंट से किस तरह जारी की गई और किन-किन अकाउंट में यह राशि ट्रान्सफर हुई, इसका पूरा ब्यौरा इकठ्ठा किया जा रहा है. जिसके लिए सभी संबंधितों के अकाउंट खंगाले जा रहे है और अदालत से अनुमति मिलते ही इस घोटाले में शामिल हर एक व्यक्ति से मनपा की पाई-पाई वसूल की जायेगी और पूरे ढाई करोड रूपये वसूल करते हुए मनपा के खाते में जमा कराये जायेंगे.

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