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पर्यटक ले रहे जंगल सफारी का आनंद

  •  40 जिप्सी के भरोसे 100 परिवारोें का हो रहा उदरनिर्वाह

  •  जंगल सफारी में बडे पैमाने पर दिखाई दे रहे वन्यजीव

चिखलदरा//दि.22 – विदर्भ क्षेत्र का कश्मीर कहे जानेवाले चिखलदरा को लेकर पर्यटकों में हमेशा से ही जबर्दस्त आकर्षण रहा है. ऐसे में यहां पर पर्यटन को और अधिक व्यापक करने हेतु विभिन्न तरह के उपक्रम चलाये जा रहे है. जिसके तहत यहां के प्राकृतिक नजारों और जंगल परिसर में विचरण करनेवाले विभिन्न तरह के वन्यजीवों का लाईव दर्शन कराने हेतु वनविभाग द्वारा कुछ वर्ष पूर्व जंगल सफारी को शुरू किया गया था. जिसकी वजह से जहां एक ओर चिखलदरा में घुमने हेतु आनेवाले लोगों को बाघ, भालू, तेंदुआ, मोर, हिरन सहित जंगली कुत्तों जैसे वन्यजीवों को अपनी आंखों से देखने का मौका मिल रहा है. वहीं दूसरी ओर इस जंगल सफारी की वजह से यहां के युवाओं के पास रोजगार का एक नया अवसर उपलब्ध हुआ है.
बता देें कि, यहां पर 40 जिप्सी वाहन जंगल सफारी की सुविधा के लिए उपलब्ध कराये गये है, जिसकी वजह से जिप्सी मालिक सहित जिप्सी चालक एवं टूर गाईड यानी प्रति जिप्सी तीन लोगोें के हिसाब से करीब सौ से सवा सौ लोगों को उनके घर परिवार हेतु रोजी-रोटी मिलती है.
बता देें कि, चिखलदरा में 2 हजार 450 रूपये में 6 लोगों के लिए जिप्सी वाहन उपलब्ध होता है. जिसमें से 600 रूपये वन विभाग, 350 रूपये गाईड तथा 1500 रूपये जिप्सी मालिक को मिलते है. इस जंगल सफारी के तहत करीब 22 किलोमीटर के सफर में टाईगर प्रोजेक्ट के अति संरक्षित जंगल में पर्यटकों को घुमाया जाता है. जिसके तहत सुबह 6 बजे व 11 बजे तथा दोपहर 3 बजे जंगल सफारी का टूर शुरू किया जाता है और एक टूर में केवल 20 जिप्सी वाहन ही जंगल सफारी के लिए छोडे जाते है. इस वजह से यहां पर पूरा दिन पर्यटकों की जंगल सफारी में नंबर लगाने हेतु भारी भरकम भीड दिखाई देती है, क्योेंकि चिखलदरा में घुमने-फिरने के लिहाज से आनेवाले सभी पर्यटक यहां के अति संरक्षित जंगलोें में रहनेवाले वन्यजीवों को पास से देखना चाहते है. साथ ही हर कोई इन जंगलों के प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद लेना चाहता है. ऐसे में दिनोंदिन जंगल सफारी को पर्यटकों का जबर्दस्त प्रतिसाद मिल रहा है.

वनौषधियों के लिए भी हो स्पेशल टूर

यहां यह उल्लेखनीय है कि, मेलघाट के घने जंगलों में आयुर्वेद के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण गुणधर्म रहनेवाली वनौषधी वनस्पतियों का विपुल भंडार है. ऐसे में विगत लंबे समय से यह मांग भी की जा रही है कि, जिस तरह से आम पर्यटकोें के लिए जंगल एवं वन्यजीव दर्शन हेतु जंगल सफारी का आयोजन किया जा रहा है, उसी तरह से औषधी गुणों से भरपुर वनस्पतियों की खोज हेतु भी यहां पर स्पेशल टूर आयोजीत किये जाये, ताकि यहां उपलब्ध वनौषधियों की अधिक से अधिक जानकारी सामने आ सके.

सभी पॉइंटस् पर जिप्सी के जरिये हो टूर

यहां की जंगल सफारी के जिप्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष जावेदभाई के मुताबिक चिखलदरा में जितने भी दर्शनीय पॉइंटस् है, उन सभी पर पर्यटकों को ले जाकर प्राकृतिक नजारोें का दर्शन कराने की अनुमति जिप्सी चालकों को मिलनी चाहिए. ऐसे में जंगल सफारी की तर्ज पर जिप्सी चालकों द्वारा पर्यटकों को यहां के सभी पॉइंटस् दिखाये जा सकेंगे. साथ ही टूरिस्ट गाईड द्वारा सभी पॉइंटस् की जानकारी भी दी जा सकेगी. जिससे यहां पर पर्यटन के साथ ही रोजगार का भी विकास होगा.

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