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राज्य में ट्रैवलिंग नगली ई-पास का रैकेट सक्रीय

यशोदानगर में दो आरोपी गिरफ्तार

  • फ्रेजरपुरा पुलिस की टीम नागपुर रवाना
  • नकली पास के भरोसे जा रहे थे पुणा
  • आरोपियों को ११ अगस्त तक पुलिस कस्टडी
  • अमरावती प्रतिनिधि/ दि.१० – कोरोना महामारी का प्रादुर्भाव रोकने की दृष्टि से संचारबंदी लागू की गई है. इस समय बहुत ही ज्यादा जरुरी काम होने पर ही प्रशासन व्दारा ट्रैवलिंग ई-पास प्रदान की जाती है. मगर अब इस पास का भी गोरखधंधा शुरु हो गया है.नकली ई-पास बनाने वाला गिरोह राज्यस्तर पर सक्रिय है. कल ही फे्रजरपुरा पुलिस ने नाकाबंदी के  दौरान यशोदा नगर चौक पर फर्जी ट्रैवलिंग ई-पास के माध्यम से सफर करने वाले दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. अदालत ने आरोपियों को कल ११ अगस्त तक पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिए है. इस मामले की तहकीकात के लिए पुलिस की टीम नागपुर रवाना हुई है.  अमोल चंद्रमणी मेश्राम (१९, पारडी) व वाहन चालक अक्षय रॉय ( नागपुर) यह दफा ४२०, ४६८, १८८ के तहत गिरफ्तार किये गए दोनों आरोपियों के नाम है. दोनों फर्जी ई-पास बनाकर नागपुर से पुणा की ओर जा रहे थे. शनिवार व रविवार को जनता कफ्र्यू लागू होने के कारण यशोदा नगर चौक बायपास रोड पर फे्रजरपुरा पुलिस ने नाकाबंदी कर वाहनों की तलाश शुरु की थी.  इस दौरान यशोदा नगर चौक से सफेद नंबर की कार क्रमांक एमएच ३१/ एमसी-४२५५ वहां से गुजर रही थी तब पुलिस ने कार  रोककर कार में सवार दोनों लोगों से पूछताछ की तब उन्होंने यात्रा करने के लिए प्रशासन से ट्रवqलग ई-पास प्राप्त कर ली है तब पुलिस ने ई-पास स्कैन किया तो स्पष्ट हुआ कि वह ई-पास फर्जी है. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने नागपुर में किसी को रुपए देकर पुणा जाने के लिए फर्जी पास बनाई तब पुलिस ने दोनों आरोपियों को वाहन समेत अपने कब्जे में लेकर गिरफ्तार करने के बाद अदालत में पेश किया. अदालत ने दोनों को कल ११ अगस्त तक पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिये है.  मामला संगिन है और ई-पास बनाने वाला रैकेट राज्यस्तर पर सक्रीय होने की संभावना को देखकर पुलिस की टीम मामले की छानबीन करने के लिए नागपुर रवाना हुई है. टीम के नागपुर से रवाना होने के बाद इस रैकेट का बडा पर्दाफाश होने की संभावना है. बता दे कि इससे पहले कुछ दिन ही बीते है, अमरावती में ट्रैवलिंग फर्जी ई-पास बनाने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. उससे फर्जी पास बनाने के उपयोग में लायी जाने वाली सामग्री बरामद की थी. आरोपी इतना शातिर था कि उसने फर्जी ई-पास का डेटा कम्प्यूटर से डिलीट कर दिया था. उस डेटा से कई सनसनीखेज बातें उजागर हो सकती थी. इसपर पुलिस ने कम्प्यूटर का डेटा रिकवर करने के लिए नागपुर की लैब भिजवाया है. अभी इसकी रिपोर्ट आनाा बाकी है. यह मामला पूरी तरह से सुलझा भी नहीं था कि अब नागपुर से पुणा के लिए जा रहे व्यक्ति के पास फिर फर्जी ई-पास बरामद हुई. इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि कोरोना काल में सफर करने के लिए नकली ई-पास बनाने वाला गिरोह अमरावती या नागपुर ही नहीं बल्कि पूरे राज्यभर में सक्रीय है. नागपुर से पुलिस की टीम वापस लौटने के बाद इस मामले का बडा पर्दाफाश होने की संभावना है.

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