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अनलॉक में भी ट्रैवल्स व्यवसाय ‘लॉक’

निजी बसों को पूरी क्षमता से दौड़ाने का सरकार ने लिया निर्णय

  • ट्रैवल्स बस संचालकों की माने तो कोरोना से घाटा ही घाटा

अमरावती प्रतिनिधि/दि.८ कोरोना महामारी से निपटने के लिए बीते छह माह पहले देशभर में लॉकडाऊन घोषित किया गया. इसके बाद धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया आरंभ कर ठप्प जनजीवन को वापस पटरी पर लाने के प्रयास सरकार की ओर से किए जा रहे है. राज्य परिवहन सेवा की बसों को पूरी यात्री क्षमता के साथ दौड़ाने का निर्णय सरकार की ओर से दिए जाने के बाद अब निजी ट्रैवल्स बसों को भी पूरी यात्री क्षमता के साथ दौड़ाने के फैसले को मंजूरी दी गई है. हालांकि जब तक सरकार से जीआर प्राप्त नहीं होता तब तक ५० फीसदी यात्री क्षमता के साथ ही ट्रैवल्स बसेस चलायी जा रही है. परंतु ट्रैवल्स बस संचालकों को अनलॉक के दौर में भी ट्रैवल्स व्यवसाय लॉक होने समान नजर आ रहा है.
यहां बता दें कि कोरोना वैश्विक महामारी ने पूरे देश की आर्थिक गति को कमजोर करने का काम किया है. वर्तमान में हालात यह है कि अनलॉक के दौर में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. इस स्थिति में भी राज्य सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए धीरे-धीरे सभी व्यवसायों को अनलॉक करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. इन दिनों सभी व्यवसाय शुरू हो चुके है. निजी ट्रैवल्स बसों का भी बाहरी जिलों में दौडऩा प्रारंभ हो गया है. निजी ट्रैवल्स बसों को यात्रियों का भी बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है. अमरावती शहर से १५ से २० ट्रैवल्स बसेस चलायी जा रही है. यह सभी बसेस रोजाना पूरी तरह से सैनिटाईज की जा रही है. इतना ही नहीं तो ट्रैवल्स बसों से सफर करनेवाले यात्रियों को बस के भीतर प्रवेश दिलाने से पहले उनका ट्रेम्पे्रचर भी जांचा जा रहा है. ट्रैवल्स बसों में सफर करते समय यात्रियों को मास्क लगाना भी अनिवार्य किया गया है. हाल की घड़ी में अमरावती शहर से पुणे, नासिक, हैद्राबाद, औरंगाबाद, शिर्डी के लिए बसेस चलायी जा रही है. ३० सीटरवाली बसों में २० यात्रियों को बिठाकर ले जाया जा रहा है. बस की एक सीट पर एक यात्री सफर कर रहा है. फिलहाल ५० फीसदी यात्रियों को लेकर बसेस चलायी जा रही है. सरकार की ओर से पूरी यात्री क्षमता के साथ निजी ट्रैवल्स बसों को चलाने की मंजूरी दी है. लेकिन जब तक सरकार का जीआर प्राप्त नहीं होता, तब तक शहर के सभी ट्रैवल्स संचालकों ने अपनी ट्रैवल्स बसों को ५० फीसदी क्षमता के साथ ही चलाने का निर्णय लिया है.

  • बंद में भी घाटा और प्रारंभ में भी घाटा

शहर के निजी ट्रैवल्स बस संचालक अश्विन लुल्ला ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में ट्रैवल्स व्यवसाय बंद रहने से भी घाटा हुआ था और अब अनलॉक के दौर में भी घाटा ही सहन करना पड़ रहा है. यहां से २० यात्रियों को लेकर बसों को छोड़ा जा रहा है. लेकिन वापसी में बसों में केवल पांच यात्री ही आ रहे है. जब तक वैक्सीन तैयार नहीं हो जाती तब तक ट्रैवल्स व्यवसाय को अच्छे दिन आने की संभावनाएं काफी कम है.
उन्होंने सरकार की ओर से पूरी क्षमता के साथ ट्रैवल्स बसों को चलाने के फैसलें की सराहना की है. वहीं उन्होंने सरकार से एक गुजारिश भी की है कि आनेवाले नवंबर माह से विवाह समारोह की शुरूआत होनेवाली है. इसीलिए इस दौर में ट्रैवल्स बसों को २०० बारातियों को लेकर जाने की अनुमति देनी चाहिए, ताकि कोरोना महामारी के दौरान हुई आर्थिक क्षति को भरकर निकाला जा सके.

  • सिनीयर सिटीजनों को एंट्री नहीं

कोरोना का संक्रमण अभी तक टला नहीं है. जिले में भी कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए शहर के सभी ट्रैवल्स संचालकों की ओर से अपनी-अपनी ट्रैवल्स बसों में सिनीयर सिटीजनों के सफर पर पाबंदी लगा दी गई है.

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