मेलघाट में पाया गया ट्रोपीजोडियम प्रजाति का स्पाइडर
-
अब तक 204 मकड़ियों की प्रजातियां पायी गई
-
सांगलुदकर महाविद्यालय के संशोधन टीम की सफलता
दर्यापुर/प्रतिनिधि दि.7 – विदर्भ का नंदनवन कहे जाने वाले मेलघाट में विश्व का पहला कोली प्रजाति का ट्रोपीजोडियम स्पाइडर पाया गया है. जे.डी. पाटील सांगलुदकर महाविद्यालय के जीवशास्त्र विभाग प्रमुख प्रा. अतुल बोडखे और उनकी संशोधक टीम ने यह संशोधन किया है.इस प्रजाति की पहली मादा मकड़ी का पंजीयन प्रजापति और संशोधक टीम ने गुजरात में पालज के पास अरण्य पार्क गांधीनगर में वर्ष 2016 में की थी.
यह स्पाइडर मेलघाट के तापी नदी के तट पर बसे जंगल के अलावा धारखोरा बुरलघाट व नवाब नाला घटांग, धारणी रोड परिसर में पाया गया. हाल की घड़ी मेंं मेलघाट में कुल 204 स्पाइडर की प्रजातियों का पंजीयन किया गया है.इस नर मकड़ी की लंबाई 3.6 मि.मी. है. जबकि मादा मकड़ी की लंबाई 4.1 मि.मी. है. यह मकड़ी जंगल के घासफुस में पायी जाती है. यह मकड़ी काफी छोटी रहने से इसे पहचानना कठिन होता है. दर्यापुर के सांगलुदकर महाविद्यालय के लैब से अब तक 17 नयी कोली प्रजाति की मकड़ियों को ढूंढा गया है. सभी प्रजातियों का अभ्यास भारतीय वन्य जीव संस्था देहरादून के डॉ. वी.पी. उनियाल व डॉ. साजिया कासिन, सुभाष कांबले, डॉ. महेश चिखले, डॉ. गजानन संतापे व सावन देशमुख कर रहे हैं.
ट्रोपीजोडियम जीन्स की 12 प्रजातियां विश्व में पायी जाती है. इनमें से पांच प्रजातियां देश में मिलती हैं. भारत के अलावा विश्व के हवाई, फ्रेच पोलिनेसिया, बाली, चीन, पाकिस्तान, थाइलैंड व उत्तर ऑस्ट्रेलिया में यह दुर्लभ प्रजाति की मकड़ी पायी जाती है.