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डेढ वर्ष बाद चहकी शालाएं

शहरी क्षेत्र में 8 वीं से 12 वीं तथा ग्रामीण क्षेत्र में 5 वीं से 12 वीं की कक्षाएं हुई शुरू

  • लंबे समय बाद शहर की सडकों पर दिखे स्कूली विद्यार्थी

  • पुराने संगी-साथियों के साथ दिखा बच्चों में उत्साह

अमरावती/प्रतिनिधि दि.4 – कोविड संक्रमण काल एवं लॉकडाउन के चलते विगत डेढ वर्ष से सभी स्कूल व महाविद्यालय पूरी तरह से बंद थे तथा ऑनलाईन पढाई का दौर चल रहा था. किंतु कोविड संक्रमण का असर और खतरा कम होते ही राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा सोमवार 4 अक्तूबर से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में शालाओं को खोलने का निर्णय लिया गया. ऐसे में डेढ वर्ष के अंतराल पश्चात स्कूलों में घंटियों के स्वर गूंजे. साथ ही स्कूली छात्रों के चहकने की आवाज सुनायी दी. जिससे शहर सहित जिले में चैतन्यपूर्ण वातावरण देखा गया. साथ ही लंबे समय बाद अपने सहपाठियों से मिलकर विद्यार्थियों में भी काफी उत्साहपूर्ण माहौल रहा.
बता दें कि, राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र में 8 वीं से 12 वीं तथा ग्रामीण क्षेत्र में 5 वीं से 12 वीं की शालाओं को सोमवार से शुरू करने का निर्णय लिया गया है. इससे पहले विगत करीब 17 माह से सभी शालाएं पूरी तरह से बंद थी. जिसके तहत पिछला शैक्षणिक सत्र तो एक तरह से कोविड संक्रमण व लॉकडाउन की भेंट चढ गया. वहीं जारी शैक्षणिक सत्र विगत 15 जून से शुरू हुआ. किंतु शालाएं बंद रहने के चलते विद्यार्थियों की पढाई ऑनलाईन तरीके से ही चल रही थी. वहीं अब सोमवार 4 अक्तूबर से शहरी क्षेत्र में 8 वीं से 12 वीं की 195 शालाएं व ग्रामीण क्षेत्र में 5 वीं से 12 वीं की 1 हजार 678 शालाएं खोल दी गई है. जिसके तहत शहरी क्षेत्र में 8 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों की संख्या 43 हजार 248 तथा ग्रामीण क्षेत्र में 5 वीं से 8 वीं ेके विद्यार्थियों की संख्या 3 हजार 26 हजार के आसपास है. यह सभी विद्यार्थी कोविड संक्रमण काल के दौरान पूरा समय अपने घर पर ही रहने के लिए मजबूर थे. जिन्हें अब डेढ वर्ष पश्चात घर से निकलकर स्कूल जाने की आजादी मिली है. ऐसे में सभी विद्यार्थियों में स्कूल जाने को लेकर जबर्दस्त उत्साह देखा गया और सुबह 11 बजते ही शहर सहित जिले की सडकों पर स्कूल यूनिफॉर्म एवं रंग-बिरंगी पोशाखों में सजे स्कूली छात्र-छात्राएं दिखाई देने लगे है. कोई अपने अभिभावक के साथ स्कूल जा रहा था, तो कोई साईकिल पर फर्राटा भर रहा था. वहीं कुछ विद्यार्थी ऑटोरिक्शा व स्कूली वैन में सवार होकर शाला पहुंचे.

  •  सबसे पहले हुई थर्मल स्कैनिंग, फिर स्वागत

सभी शालाओं के मुख्य प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाईजर की व्यवस्था की गई थी. जहां पर स्कूल के कर्मचारियों द्वारा सबसे पहले विद्यार्थियों के शारीरिक तापमान की जांच की गई. साथ ही उनके नाम दर्ज करते हुए उन्हें सैनिटाईजर का प्रयोग करने के बाद शाला परिसर के भीतर जाने दिया गया. इस समय मास्क एवं सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का भी कडाई से पालन करवाया गया. शालाओं के मुख्य प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिंग की प्रक्रिया जारी रहते समय यहां विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों की अच्छी-खासी भीडभाड हो गई थी. ऐसे में सोशल डिस्टंसिंग बनाये रखने हेतु शालाओं के कर्मचारियों को काफी मेहनत करनी पडी.

  •  क्लास टीचर व दोस्तों को लेकर रहा उत्साह

करीब डेढ वर्ष के अंतराल पश्चात अपनी-अपनी शालाओं में पहुंचे विद्यार्थी जहां अपने पुराने संगी-साथियों से मिलकर जबर्दस्त ढंग से उत्साहित हुए, वहीं 7 वीं कक्षा यानी पूर्व माध्यमिक पार करने के बाद 8 वीं कक्षा यानी माध्यमिक शाला में पहुंचे विद्यार्थियों में इस बात को लेकर भी जबर्दस्त उत्सूकता थी कि, उनके नये क्लास टीचर कौन होंगे. इसी उत्सूकता के साथ सभी विद्यार्थी लंबे समय बाद अपनी-अपनी कक्षाओं के कमरे में पहुंचे और डेढ वर्ष पश्चात ब्लैकबोर्ड व चॉक के जरिये ऑफलाईन शिक्षा का एक नया दौर शुरू हुआ. इससे पहले सभी शालाओं द्वारा अपने-अपने विद्यार्थियों का गुलाबपुष्प देकर स्वागत किया गया.

  • सभी सरकारी व निजी शालाएं थी चकाचक

डेढ वर्ष पश्चात अपने विद्यार्थियों की आमद को ध्यान में रखते हुए शहर सहित जिले की सभी सरकारी व निजी शालाओं में चकाचक साफ-सफाई करते हुए सैनिटाईजेशन किया गया था और स्वच्छता गृह व शौचालयों को भी पूरी तरह से साफ-सूथरा रखा गया था.

  •  पहले दिन शालेय गणवेश की नहीं थी सख्ती

विगत डेढ वर्ष से सभी स्कूले पूरी तरह से बंद थी. साथ ही जारी शैक्षणिक सत्र में भी शालाएं कब से खुलेगी, इसे लेकर काफी हद तक संभ्रम देखा जा रहा था. ऐसे में अभिभावकोें द्वारा इस वर्ष अपने पाल्यों के लिए नये शालेय गणवेश नहीं लिये गये. इस बात के मद्देनजर मनपा एवं जिला परिषद के शिक्षा विभाग की ओर से सभी सरकारी व निजी शालाओं को निर्देश दिये गये थे कि, फिलहाल बच्चों पर स्कूल यूनिफॉर्म की कोई सख्ती न की जाये. साथ ही अभिभावकों से भी कहा गया कि, वे एक सप्ताह के भीतर अपने पाल्यों के स्कूल यूनिफॉर्म की व्यवस्था कर ले. ऐसे में सोमवार 4 अक्तूबर को लगभग सभी शालाओें के अधिकांश विद्यार्थी स्कूल यूनिफॉर्म की बजाय रंग-बिरंगी पोशाखों में नजर आये. वहीं जिनके पास स्कूल यूनिफॉर्म की व्यवस्था थी, उन्होंने शालेय गणवेश पहनने को प्राथमिकता दी. ऐसे में सभी शालाओं में आज बडा रंग-बिरंगा माहौल दिखाई दे रहा था.

  • महापौर गावंडे व निगमायुक्त रोडे ने किया मनपा शालाओं का दौरा

जारी शैक्षणिक सत्र में सोमवार 4 अक्तूबर को पहली बार खुली मनपा शालाओं में से कई मनपा शालाओं का महापौर चेतन गावंडे तथा निगमायुक्त प्रशांत रोडे द्वारा दौरा किया गया. इस समय महापौर गावंडे व निगमायुक्त रोडे ने मनपा शालाओं में शिक्षा विभाग द्वारा की गई तमाम तैयारियों का जायजा लेने के साथ ही पहले दिन शालाओं में आये विद्यार्थियों का भावपूर्ण तरीके से स्वागत भी किया. साथ ही शिक्षा एवं स्वच्छता विभाग को आवश्यक दिशानिर्देश भी दिये.

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