एक ही वार्ड में दो की मौत, इर्विन अस्पताल में परिजनों का संताप
इलाज में लापरवाही का लगाया आरोप
* एक को हुआ था सर्पदंश, दूसरे को थी दमे की बीमारी
अमरावती /दि.5- स्थानीय जिला सामान्य अस्पताल के वार्ड क्रमांक-6 में इलाज हेतु भर्ती रहने वाले दो मरीजों की कल दोपहर एक ही समय के आसपास मौत हो गई. जिसके लिए अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोनों मरीजों के परिजनों ने अपना संताप व्यक्त किया. जिसके चलते कुछ समय के लिए वार्ड क्रमांक-6 में तनाव वाली स्थिति बन गई थी. इस समय पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को समझा बुझाकर शांत करते हुए दोनों शवों को पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया.
जानकारी के मुताबिक धारणी तहसील के रत्नापुर में रहने वाले महादेव श्रीकिसन कास्देकर (22) नामक युवक को रविवार की सुबह 11 बजे के आसपास काट आमला स्थित खेत में काम करते समय सर्पदंश हुआ. पश्चात उसे इलाज के लिए इर्विन अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसे डॉक्टरों ने वार्ड क्रमांक 6 में इलाज हेतु भर्ती कराया था. परंतु सोमवार की दोपहर इस युवक की मौत हो गई. इस समय कास्देकर परिवार ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जानना चाहा कि, जब मरीज की स्थिति गंभीर हो गई थी, तो उसे आईसीयू में रखने की बजाय सामान्य वार्ड में क्यों रखा गया. इसके अलावा आसेगांव टाकरखेडा निवासी संतोष नारायण कुरवाडे (60) को भी रविवार की दोपहर दमा के चलते तबीयत बिगड जाने पर अचलपुर के उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां से इर्विन अस्पताल में रेफर किया गया. इस मरीज को भी वार्ड क्रमांक 6 में भर्ती रखा गया था. जहां पर इस मरीज की सोमवार की दोपहर मौत हो गई. कुरवाडे परिवार का आरोप है कि, उनके मरीज की ओर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया.
* भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढी
जब से पूरी तरह नि:शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध हुई है, तब से इर्विन अस्पताल में इलाज हेतु आने वाले मरीजों की संख्या बढ गई है. वार्ड की क्षमता से भी अधिक मरीज यहां पर इलाज हेतु भर्ती हो रहे है, जिसके चलते डॉक्टर तथा अन्य कर्मचारियों पर काम का बोझ काफी अधिक बढ गया है. ऐसा अस्पताल प्रशासन का कहना है. आईसीयू में भी केवल 6 बेड ही उपलब्ध है. जो यहां पर इलाज हेतु भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या को देखते हुए बेहद कम है. जिसके चलते कई बार गंभीर स्थिति वाले मरीजों को आईसीयू में बेेड उपलब्ध नहीं हो पाते है.