बाजार समिती में दो संचालक हुए कम, दो की सदस्यता पर लटक रही तलवार
4 संचालक हुए थे अपात्र, सुमोटो सुनवाई लेने की मांग
अमरावती/दि.25 – स्थानीय कृषि उत्पन्न बाजार समिती के 4 संचालकों को पद पर बने रहने के लिए अपात्र घोषित किये जाने के बावजूद केवल दो संचालकों का ही संचालक पद रद्द किया गया है. वहीं अन्य दो के संदर्भ में अब तक कोई निर्णय घोषित नहीं किया गया. ऐसे में इस मामले को लेकर जिला उपनिबंधक द्वारा सुमोटो सुनवाई ली जाये, ऐसी मांग जोर पकड रही है. साथ ही अपात्र घोषित किये जाने के बाद भी मंडी के नीतिगत निर्णयों में इन संचालकों द्वारा सहभाग लिये जाने को लेकर अब सवालिया निशान उठाये जाने लगे है.
बता दें कि, मंडी संचालक श्याम देशमुख, विकास इंगोले, सुनील वर्हाडे व प्रांजली भालेराव को अपात्र ठहराये जाने को लेकर जिला उपनिबंधक के पास शिकायत की गई थी. जिस पर हुई सुनवाई के बाद श्याम देशमुख व विकास इंगोले को पद पर बने रहने हेतु अपात्र घोषित करते हुए उनका बाजार समिती संचालक पद रद्द कर दिया गया है. किंतु सुनील वर्हाडे व प्रांजली भालेराव के बारे में जिला उपनिबंधक द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया.
ज्ञात रहे कि, बाजार समिती में कुल 18 सदस्यीय संचालक मंडल है तथा इन संचालकों का सेवा सहकारी संस्था, ग्राम पंचायत, हमाल, मापारी व अडते-खरीददार निर्वाचन क्षेत्र से चयन किया जाता है. मंडी संचालक पद के लिए संबंधित सदस्य का सेवा सहकारी संस्था अथवा ग्राम पंचायत का सदस्य रहना आवश्यक है. किंतु श्याम देशमुख नया अकोला ग्राम पंचायत के चुनाव में पराजीत हो गये थे. जिसके बाद उन्होंने मंडी संचालक पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं विकास इंगोले ने सेवा सहकारी संस्था के सदस्य पद से इस्तीफा दिया था. जिसके चलते वे बाजार समिती के संचालक पद हेतु अपात्र साबित हुए. इसके अलावा सुनील वर्हाडे कामुंंजा सेवा सहकारी सोसायटी के सदस्य थे और उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं प्रांजली भालेराव ने ग्राम पंचायत का चुनाव ही नहीं लडा, जिसके चलते ये चारों संचालक पद पर बने रहने हेतु अपात्र साबित हुए. जिसमें से पहले ही संचालक पद से इस्तीफा दे चुके श्याम देशमुख तथा विकास इंगोले का ही संचालक पद जिला उपनिबंधक द्वारा रद्द घोषित किया गया है. वहीं सुनील वर्हाडे व प्रांजली भालेराव की अपात्रता को लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. जिसे लेकर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है.
उपनिबंधक पद रिक्त रहने की वजह से अटका मामला
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती के जिला उपनिबंधक (सहकारी संस्था) संदीप जाधव का विगत दिनों कराड में तबादला कर दिया गया. किंतु उनके स्थान पर अब तक अन्य किसी अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई. हालांकि अनुमान जताया जा रहा है कि, जल्द ही अकोला के उपनिबंधक अमरावती पहुंचकर यहां के जिला उपनिबंधक का पदभार स्वीकारेंगे. जिनके समक्ष शेष दो संचालकों की अपात्रता के मामले की सुनवाई होगी, तब तक यह मामला ऐसे ही अधर में अटका रहेगा.