दो बोगस डॉक्टरों के इलाज से दो मरीजों की मौत
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धामणगांव व मेलघाट में सामने आये सनसनीखेज मामले
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धामणगांव को बोगस डॉक्टर गिरफ्तार, दो दिन का पीसीआर
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मेलघाट के फर्जी डॉक्टर की तलाश जारी
अमरावती/प्रतिनिधि दि.29 – जिले में इन दिनों जहां एक ओर कोविड संक्रमण के भय की वजह से कई डॉक्टरों द्वारा नॉन कोविड मरीजों का इलाज करने से भी बचा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर बीमार पडने पर जो भी डॉक्टर उपलब्ध है, उससे इलाज कराने की नौबत आम नागरिकों पर आन पडी है. इस बात का फायदा उठाते हुए जिले के ग्रामीण इलाकों में कई झोलाछाप यानी फर्जी डॉक्टर सक्रिय हो गये है और ऐसे ही दो फर्जी डॉक्टरों की वजह से दो लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पडा. इसमें से एक मामला धामणगांव रेल्वे के अशोक नगर परिसर का है. जहां पर कुर्हा पुलिस द्वारा फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं दूसरा मामला आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र का है. जहां पर मरीज की मौत के बाद फर्जी डॉक्टर फरार हो गया है, जिसकी तलाश जारी है.
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अशोक नगर के मंगेश सुलताने की हुई थी मौत
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक धामणगांव रेल्वे के अशोक नगर परिसर में रहनेवाले मंगेश प्रल्हाद सुलताने नामक 32 वर्षीय युवक की विगत फरवरी माह में तबियत बिगड गयी थी. जिसे गांव के ही दिलीप खंडारे नामक डॉक्टर के पास ले जाया गया था. खंडारे ने मंगेश को एक इंजेक्शन दिया, जिसके बाद मंगेश की कमर में सूजन आ गयी तथा उसकी तबियत और भी अधिक खराब हो गयी. पश्चात उसे धामणगांव रेल्वे के ग्रामीण अस्पताल एवं जिला सामान्य अस्पताल में भरती कराया गया. जहां उसकी मौत हो गयी. इस मामले में मंगेश के पिता प्रल्हाद सुलताने द्वारा 20 फरवरी को कुर्हा पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गयी थी और पुलिस सहित धामणगांव रेल्वे ग्रामीण अस्पताल के वैद्यकीय अधिकारी व तहसील स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा की गई जांच में पता चला कि, दिलीप खंडारे के पास वैद्यकीय व्यवसाय करने से संबंधित कोई प्रमाणपत्र नहीं है. ऐसे में पुलिस ने दिलीप खंडारे के खिलाफ अपराध दर्ज करने के साथ ही उसे गत रोज अंजनसिंगी से गिरफ्तार किया तथा अदालत में पेश किया. जहां से अदालत ने उसे दो दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश दिया.
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भूमका के बाद फर्जी डॉक्टरों के मकडजाल में मेलघाट
आदिवासी बहुल मेलघाट में मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित खंडूखेडा गांव में राहुल बेले नामक फर्जी डॉक्टर द्वारा किये गये इलाज की वजह से सावजी काल्या चिमोटे नामक 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गयी. खुद को डॉक्टर बतानेवाले राहुल बेले ने सावजी चिमोटे की तबियत बिगडने पर उसे इलाज हेतु भैसदेही के अस्पताल में भिजवा दिया था. जहां पर इलाज के दौरान सावजी चिमोटे ने दम तोड दिया. इस बात की जानकारी मिलने पर काटकूंभ स्वास्थ्य केंद्र का पथक जब सोमवार को खंडूखेडा गांव पहुुंचा, तो राहुल बेले नामक फर्जी डॉक्टर वहां से भाग निकला.
मिली जानकारी के मुताबिक राहुल बेले नामक यह फर्जी डॉक्टर मध्यप्रदेश की भैसदेही तहसील अंतर्गत खामला गांव का निवासी है. वहीं मेलघाट के काटकुंभ, चुरणी, हतरू व जारिदा सहित चालीसगांव, मध्यप्रदेश के बैतूल जिलातंर्गत भैसदेही तहसील की सीमा के पास बसे हुए है. ऐसे में इस क्षेत्र के आदिवासियों के सर्वाधिक व्यवहार मध्यप्रदेश में होते है. वैद्यकीय नियमानुसार एक राज्य का डॉक्टर दूसरे राज्य में जाकर प्रैक्टिस नहीं कर सकता. किंतु इस मामले में मध्यप्रदेश निवासी बोगस डॉक्टर ने महाराष्ट्र की सीमा में आकर एक मरीज का इलाज किया और उसके द्वारा किये गये इलाज की वजह से मरीज की मौत हो गयी. ऐसे में काटकुंभ के चिकित्सा अधिकारी डॉ. आदित्य पाटील व स्वास्थ्य समन्वयक रोशन आठवले ने बैतूल के जिलाधीश, भैसदेही के उपविभागीय अधिकारी तथा चिखलदरा के तहसीलदार व तहसील स्वास्थ्य अधिकारी से इसकी शिकायत की है. साथ ही इस फर्जी डॉक्टर की सरगर्मी से तलाश की जा रही है.