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उद्धव चाहे, तो एक माह में निपट सकता है अपात्रता का मामला

वंचित आगामी अध्यक्ष एड. आंबेडकर का कथन

अकोला/दि.13 – महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्बारा सुनाया गया फैसला पूरी तरह से योग्य है और सुप्रीम कोर्ट द्बारा विधायकों की अपात्रता पर फैसले का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को दिया जाना उद्धव ठाकरे के लिए एक सशक्त अधिकार व मौका है. जिसका प्रयोग करने हेतु यदि उद्धव ठाकरे आक्रामक रवैया अपनाते है तो आगामी एक माह के भीतर यह मामला पूरी तरह से हल हो सकता है. इस आशय का प्रतिपादन वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष एड. प्रकाश आंबेडकर द्बारा किया गया.
स्थानीय सरकारी विश्रामगृह में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देने हेतु बुलाई गई पत्रवार्ता में एड. प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से योग्य निर्णय दिया है. पार्टी की ओर से जारी होने वाला वीप अंतिम, गोगावले की प्रतोद पद पर की गई नियुक्ति अवैध तथा 16 विधायकों की अपात्रता के बारे में फैसला लेने का विधानसभा अध्यक्ष को अधिकार, यह तीन मुद्दे सबसे महत्वपूर्ण है. चूंकि विधानसभा अध्यक्ष के पास मतदान के सभी दस्तावेज है और अब हाथ में अदालत का फैसला भी है. ऐसे में दोनो पक्षों का युक्तिवाद सुनकर अपात्रता के बारे में निर्णय ही लेना है. अत: यह निर्णय अगले एक माह के भीतर दिए जाने हेतु विपक्ष को विधानसभा अध्यक्ष पर दबाव लाना होगा और यहीं दबाव उद्धव ठाकरे के लिए सबसे सशक्त हथियार साबित होगा. ऐसे में उद्धव ठाकरे को चाहिए कि, वे अन्य दलों के साथ चर्चा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष को अल्टीमेटम दें और यदि तय समय के भीतर अध्यक्ष द्बारा निर्णय नहीं लिया जाता है, तो सिधे विधानसभा का घेराव करें. इसके अलावा इस मुद्दे को जनता की अदालत में भी प्रभावी रुप से ले जाया जा सकता है.

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