अमरावतीमुख्य समाचार

अंतत: फुलझेले के तबादले से मैट ने हटाया स्टे

कभी भी जारी हो सकता है कार्यमुक्ति का आदेश

* 17 माह पहले ही अमरावती से हो गया था तबादला
* फुलझेले ने लाया था स्टे, प्रॉपर्टी व्यवसायी ने लगाये बेहद संगीन आरोप
* फुलझेले के खिलाफ एकता प्रॉपर्टी एसो. का अनशन भी शुरु
अमरावती /दि.25– स्थानीय जिलाधीश कार्यालय परिसर स्थित भूमि अभिलेख कार्यालय में विगत लंबे समय से उपाधीक्षक के पद पर तैनात तथा 17 माह पहले तबादला होने के बावजूद यहीं पर डटे रहने वाले अनिल फुलझेले के तबादला आदेश पर लगाई गई रोक को गत रोज मैट ने हटा दिया है. जिसके चलते अब कभी भी अनिल फुलझेले की कार्यमुक्ति के आदेश जारी हो सकते है, ऐसा अनुमान जताया जा रहा है.
बता दें कि, काफी समय पहले तत्कालीन राजस्व मंत्री व जिला पालकमंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने अमरावती के भूमि अभिलेख उपाधीक्षक अनिल फुलझेले का अमरावती में 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो जाने के चलते उनके तबादले का आदेश जारी किया था. जिसे अनिल फुलझेले ने मैट मेें चुनौति दी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए मैट ने अनिल फुलझेले के तबादले पर रोक लगा दी थी. ऐसे में तबादला हो जाने के बावजूद भी अनिल फुलझेले अमरावती के भूमि अभिलेख उपाधीक्षक के पद पर बने रहे. वहीं विगत कुछ समय से जमीन की खरीदी-विक्री जैसे व्यवहारों से जुडे रहने वाले किसानों, नागरिकों, बिल्डरों व लैंड डेपलपरों द्वारा अनिल फुलझेले पर मनमाने ढंग से काम करने और जमकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल यहां से हटाने की मांग बुलंद की जाने लगी. साथ ही विगत दो दिनों से इसी मांग को लेकर एकता प्रॉपर्टी ब्रोकर्स एसो. द्वारा जिलाधीश कार्यालय के समक्ष श्रृंखलाबद्ध अनशन करना भी शुरु किया गया. इस आंदोलन की गूंज राज्यस्तर तक सुनाई दी तथा मैट ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए अनिल फुलझेले के तबादले पर दिये गये स्थगनादेश को आनन-फानन में खारिज कर दिया. जिसके बाद वरिष्ठस्तर से अनिल फुलझेले को कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर उसकी प्रतिलिपी स्थानीय प्रशासन को भेजे जाने संदर्भ में गतिविधियां तेज हो गई.

* एकता प्रॉपर्टी ब्रोकर्स एसो. ने लगाये थे बेहद संगीन आरोप
विशेष उल्लेखनीय है कि, दो दिन पूर्व एकता प्रॉपर्टी ब्रोकर्स एसो. ने पत्रकार परिषद बुलाते हुए भूमि अभिलेख उपाधीक्षक अनिल फुलझेले पर बेहद गंभीर व संगीन इल्जाम लगाये थे. जिसके तहत कहा गया था कि, अनिल फुलझेले पर गोंदिया में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग द्वारा रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया गया था. जो अब भी अदालत के समक्ष विचाराधीन है. इसके अलावा नागपुर में फुलझेले के खिलाफ 9 धाराओं के तहत अपराधिक मामला दर्ज है और उन्हें नागपुर पुलिस द्वारा फरार घोषित किया गया है. लेकिन इसके बावजूद भी वे अमरावती में सरकारी पद पर रहते हुए अपनी नौकरी कर रहे जिसके बारे में शिकायत करने के बावजूद भी फुलझेले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उल्टे फुलझेले ने राजस्व मंत्री द्वारा किये गये अपने तबादले के खिलाफ मैट में जाकर स्थगनादेश भी हासिल कर लिया था. जिसके चलते इस पूरे मामले की ओर सरकार का ध्यान दिलाने हेतु एकता प्रॉपर्टी ब्रोकर्स एसो. ने जिलाधीश कार्यालय के समक्ष श्रृंखलाबद्ध अनशन करना शुरु कर दिया.

* स्थानीय प्रशासन में मचा हडकंप
एकता प्रॉपर्जी ब्रोकर्स एसो. द्वारा शुरु किये गए इन अनशन के चलते स्थानीय स्तर पर भी अच्छा खासा हडकंप मचा. इस अनशन की जानकारी मिलते ही पूर्व पालकमंत्री व विधायक प्रवीण पोटे पाटिल ने आंदोलन स्थल पर भेंट देते हुए आंदोलनकारियों से चर्चा की और उनकी मांगों का समर्थन किया. वहीं एकता प्रॉपर्टी ब्रोकर्स एसो. के अध्यक्ष कैलास गिरोलकर की अगुवाई में एक प्रतिनिधि मंडल ने भूमि अभिलेख विभाग के उपसंचालक डॉ. लालनसिंह मिसाल के साथ चर्चा करते हुए उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. इस समय डॉ. मिसाल ने अनशन कर रहे आंदोलनकारियों को भी चर्चा हेतु बुलाया. लेकिन आंदोलनकारियों ने यह कहते हुए चर्चा में शामिल होने से मना कर दिया कि, जब तक अनिल फुलझेले को पद से नहीं हटाया जाता, तब तक ऐसी चर्चा का कोई औचित्य नहीं है.

* अनिल फुलझेले की हो ईडी के जरिए जांच
– विनेश आडतिया ने ज्ञापन सौंपकर उठाई मांग
भूमि अभिलेख उपसंचालक मिसाल के साथ चर्चा करते समय विनेश आडतिया ने भी उन्हें स्वतंत्र तौर पर एक ज्ञापन सौंपा तथा आरोप लगाया कि, भूमि अभिलेख उपाधीक्षक अनिल फुलझेले ने सागर बनकर नामक व्यक्ति के साथ मिलीभगत करते हुए कोलटकर मंगल कार्यालय के पास साईकृपा हाईट्स में विनेश आडतिया के ताबे व नाम पर रहने वाले 6 व्यावसायिक गालो (दुकानों) के दस्तावेजों में गैरकानूनी फेरफार करते हुए डेढ से दो करोड रुपयों का घोटाला किया गया है. इस बारे में वे खुद विगत 9 माह से राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे व डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस सहित संबंधित मंत्रियों व स्थानीय अधिकारियोें को कई बार लिखित शिकायतें दे चुके है. लेकिन इसके बावजूद भी इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जबकि उनकी संपत्ति को अवैध तरीके से हडपते हुए उपाधीक्षक फुलझेले ने करोडों रुपयों का गलत व्यवहार किया है.

 

* दूसरे दिन भी जारी रहा अनशन
– कई गणमान्यों ने दिया आंदोलन को समर्थन
वहीं आज दूसरे दिन भी जिलाधीश कार्यालय के समक्ष एकता प्रॉपर्टी ब्रोकर्स एसो. का श्रृंखलाबद्ध अनशन जारी रहा. जिसमें एसो. के अध्यक्ष कैलास गिरोलकर की अगुवाई में रामलाल श्रीवास, रवि वानखडे व रवि काले लगातार दूसरे दिन भी अनशन पर बैठे रहे. इस दौरान कई गणमान्यों ने अनशन स्थल को भेंट देते हुए भूमि अभिलेख उपाधीक्षक फुलझेले के खिलाफ चल रहे इस आंदोलन का समर्थन किया. वहीं आंदोलन के दूसरे दिन जिला सामान्य अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा आंदोलनकारियों के स्वास्थ्य की जांच की गई.
इस समय संजय सिरसाट, दिनेश गडलिंग, साहेबराव साखरे, आशीष काले, प्रमोद गवली, शब्बीर शाह, सुधाकर मोहोड, गजानन बरवट, ओंकार गिरपुंजे, पंकज मेश्राम, राहुल मेश्राम, अंकुश कोलतेकर, मिलिंद भोरे, विकास गावडे, राजेश बलखडे, विनेश आडतिया, नवीन वाघ, किरण ठाकुर, प्रीतम चव्हाण, विनोद गिरोलकर, मनोज श्रीराव, इस्माइल कासम लालूवाले, ए. जी. वाघ, संतोष साहू, राजेश उभाडे, गौरव तिवारी वैभव यादव, जगदीश गडवाले, मुकूंद ढाकुलकर, विजय कुसले, अमर हरले, राजकुमार इंगले, विकास माहुरे, नितिन बावने, जयराम आत्राम, संजय आप्पा मुंजाले, मुकद्दर भाई, शेख युनूस, राजेश सवई व रवि वाकोडे आदि उपस्थित थे.

Related Articles

Back to top button