अंतत: कोर्ट ने सुनी गुप्ता परिवार की गुहार
कोतवाली थाना पुलिस को दिया अपराध दर्ज करने का निर्देश
-
गुप्ता परिवार की गैरमौजूदगी में तोडा गया था उनका घर
-
80 साल से घर में किराये से रह रहा था गुप्ता परिवार
-
अब पांच आरोपियों के खिलाफ दर्ज होगा संगठित चोरी का अपराध
अमरावती/प्रतिनिधि दि.14 – वर्ष 2019 में 27 अगस्त को स्थानीय जवाहर रोड स्थित प्रकाश कैप्स एन्ड होजियरी नामक व्यापारी प्रतिष्ठान के उपर विगत 80 वर्षों से बतौर किरायेदार रह रहे गुप्ता परिवार के घर को उनकी गैरमौजूदगी में बुलडोजर लगाकर तोड दिया गया था. जिस पर मोनिका माखन गुप्ता द्वारा लगायी गई गुहार पर कोर्ट ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए सिटी कोतवाली थाना पुलिस को पांच लोगों के खिलाफ भादंवि की धारा 379 व 120 के तहत सुनियोजीत व संगठित तरीके से चोरी करने का अपराध दर्ज करने के संदर्भ में निर्देश दिये है.
जानकारी के मुताबिक स्थानीय जवाहर रोड स्थित जलाराम मार्केट के ठीक सामने एड. वी. डी. गणोरकर की एक पुरानी संपत्ति है. जिसके निचले हिस्से में प्रकाश कैप्स एन्ड होजियरी स्टोर है और उसके ठीक उपर बना मकान करीब 80 वर्ष पहले गुप्ता परिवार द्वारा किराये पर लिया गया था और तब से लेकर अब तक उस मकान में गुप्ता परिवार का ही निवास है. किंतु चार-पांच वर्ष पहले श्याम टेकचंद पिंजानी, रोहित भागचंद बजाज, रमेश पहलाजमल खत्री व प्रकाश अमृतलाल आडतीया ने हरीश लक्ष्मणप्रसाद बजाज के माध्यम से इस संपत्ति का गणोरकर परिवार से सौदा किया और इस संपत्ति को खरीद लिया. जिसके बाद इन सभी लोगों ने इस इमारत को जर्जर व खस्ताहाल बताते हुए गुप्ता परिवार को मनपा के जरिये मकान गिराने की नोटीस जारी की. पश्चात गुप्ता परिवार ने अपने पास का पैसा खर्च करते हुए इस मकान की दुरूस्ती करवायी. इसी दौरान 27 अगस्त 2019 को गुप्ता परिवार के सदस्य दर्शन हेतु शेगांव गये हुए थे और घर पर कोई भी नहीं था. इस बात का फायदा उठाते हुए आरोपियों ने बाकायदा बुलडोजर लगाकर उपरी मंजील स्थित गुप्ता परिवार के घर को तोडना शुरू कर दिया. जिसकी खबर मिलते ही गुप्ता परिवार तुरंत अपने घर वापिस लौटा, किंतु तब तक उपरी मंजील पर स्थित उनका मकान तोड दिया गया था. इस समय मौके पर उपस्थित मनपा के पथक और पुलिस कर्मचारियों से जैसे ही गुप्ता परिवार ने पूछताछ करनी शुरू की और मकान तोडने से संबंधी आदेश दिखाने हेतु कहा, तो मनपा पथक व पुलिस कर्मचारी मौके से बुलडोजर लेकर भाग गये.
इसके बाद गुप्ता परिवार के सदस्यों ने मनपा में जाकर इस तोडू कार्रवाई के बारे में पूछताछ की. जहां पर पता चला कि, मनपा द्वारा अपने स्तर पर ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई और ऐसी किसी कार्रवाई के लिए अधिकृत तौर पर मनपा के किसी पथक को नहीं भेजा गया था. जिसका सीधा मतलब यह निकला कि आरोपियों ने मनपा एवं पुलिस महकमे के कुछ लोगों के साथ मिलीभगत करते हुए इस तोडू कार्रवाई को अंजाम दिया था. मनपा प्रशासन का लिखीत जवाब प्राप्त करने के बाद गुप्ता परिवार शिकायत दर्ज कराने हेतु सिटी कोतवाली पुलिस थाने पहुंचा. जहां पर पुलिस ने इस मामले में एनसी मैटर यानी अदखलपात्र मामला दर्ज करते हुए पीडित परिवार को यह कहकर लौटा दिया कि, इस मामले में इससे ज्यादा और कुछ नहीं किया जा सकता तथा चूंकि उस वक्त घर पूरी तरह से खाली था और घर में किसी तरह का कोई सामान नहीं था. अत: चोरी का मामला दर्ज नहीं हो सकता. जिसके पश्चात गुप्ता परिवार ने अमरावती जिला व सत्र न्यायालय में याचिका दाखिल करते हुए गुहार लगायी. जहां पर प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी (क्रमांक 1) के न्या. एस. ए. सरदार ने मामले की सुनवाई करते हुए सीआरपीसी 1973 की धारा 156 (3) के तहत अदालत को प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए सिटी कोतवाली थाना पुलिस को निर्देश दिया कि, याचिकाकर्ता मोहिनी माखन गुप्ता की शिकायत के आधार पर प्रतिवादी श्याम टेकचंद पिंजानी, रोहित भागचंद बजाज, रमेश पहलाजमल खत्री व प्रकाश अमृतलाल आडतीया तथा हरीश लक्ष्मणप्रसाद बजाज के खिलाफ भादंवि की धारा 379 व 120 के तहत संगठित रूप से चोरी करने का अपराध दर्ज किया जाये.
अदालत द्वारा गुरूवार 12 अगस्त को उपरोक्त आदेश जारी होते ही इसकी प्रतिलिपी मिलने के बाद शिकायतकर्ता मोहिनी गुप्ता शनिवार 14 अगस्त की दोपहर सिटी कोतवाली पुलिस स्टेशन पहुंची. जहां पर उन्होंने थानेदार राहुल आठवले से मुलाकात करते हुए उन्हें अदालत का आदेश दिखाया और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने हेतु कहा. पश्चात कोतवाली थाना पुलिस द्वारा इस मामले में अपराध दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई.