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परेशान है विद्यापीठ का परीक्षा विभाग

  • लगातार टाईम टेबल बदलने से परेशान है विद्यापीठ का परीक्षा विभाग

  • अक्तूबर माह में ही एमपीएससी व नेट की परीक्षा रहने से विवि की परीक्षाओं का नियोजन गडबडाया

  • आज से शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की बेमुदत हडताल भी

  • कामकाज के और भी प्रभावित होने की पूरी आशंका

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२४ – पदवी व पदव्युत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष व अंतिम सत्र की परीक्षाएं लेने का नियोजन एक लंबे विचार-विमर्श तथा सुप्रीम कोर्ट व युजीसी के दिशानिर्देशों के बाद किया जा रहा है और अमरावती विद्यापीठ में आगामी १ से ३१ अक्तूबर तक अंतिम वर्ष व अंतिम सत्र की परीक्षाएं ऑनलाईन तरीके से लेने की तैयारियां भी शुरू कर दी गई है. साथ ही इस परीक्षा का टाईमटेबल भी तैयार कर लिया गया है. लेकिन इसी बीच महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की राज्यसेवा पूर्व परीक्षा तथा यूजीसी की नेट परीक्षा भी ली जानी है. ऐसे में अब संबंधित तारीखों पर होनेवाली विद्यापीठ की परीक्षाओं का नियोजन गडबडा गया है. साथ ही एमपीएससी व नेट की परीक्षा रहनेवाले दिन विद्यापीठ के जिन विषयों के पेपर होनेवाले थे, उन्हें आगे टालते हुए अब विद्यापीठ की परीक्षाओं का नये सिरे से टाईम टेबल बनाना पड रहा है, जो विद्यापीठ के परीक्षा विभाग हेतु किसी माथापच्ची से कम नहीं है. ्नयोंकि एक-एक दिन १०० से अधिक प्रश्नपत्रों की परीक्षा लेने का नियोजन किया जाता है और परीक्षा काल के दौरान सैंकडों महाविद्यालयों के हजारों विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होते है. ऐसे में इस पूरे डेटा के साथ दुबारा किसी नई तारीख को टाईम टेबल में खोजना और उस नई तारीख पर परीक्षा का नियोजन करना अपने आप में दुरूह कार्य है. बता दें कि, कोरोना संक्रमण की वजह से इस समय जीवन के सभी क्षेत्रों में कामकाज और नियोजन का समीकरण पूरी तरह से गडबडा गया है. जिसका सर्वाधिक प्रभाव इस समय शिक्षा क्षेत्र पर देखा जा रहा है. प्रति वर्ष सभी पाठ्यक्रमों का शैक्षणिक सत्र गर्मी के मौसम में मार्च व अप्रैल माह के दौरान ली जानेवाली ग्रीष्मकालीन परीक्षाओं के साथ खत्म हो जाता है. लेकिन इस वर्ष मार्च माह से कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन शुरू हुआ और जीवन के सभी क्षेत्रों की तरह शिक्षा क्षेत्र में भी कामकाज ठप्प हो गया. साथ ही गर्मियों के मौसम में अंतिम सत्र की परीक्षाएं नहीं ली जा सकी. साथ ही मार्च माह से अब तक सभी स्कूल व कालेज भी बंद पडे है और कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बरकरार रहने की वजह से बीते शैक्षणिक सत्र की परीक्षाएं अब तक प्रलंबित है. ज्ञात रहे कि, इससे पहले संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ द्वारा अभियांत्रिकी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष व अंतिम सत्र की परीक्षा ऑनलाईन तथा अन्य परंपरागत पाठ्यक्रमों की परीक्षा ऑफलाईन तरीके से लेने का एक शानदार फाम्र्यूला तैयार किया गया था. जिसमें सभी विद्यार्थियों को उनके अपने महाविद्यालयों में सोशल डिस्टंqसग के नियमों का पालन करते हुए परीक्षा देने की छूट दी गई थी. qकतु राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर सभी परीक्षाएं ऑनलाईन तरीके से ही लेने का दिशानिर्देश जारी किया है. ऐसे में विद्यापीठ के परीक्षा व मूल्यांकन विभाग को परीक्षाओं के संदर्भ में नई तैयारियां करनी पडी. हालांकि इसके बाद भी विद्यापीठ द्वारा ऑनलाईन परीक्षाओं के साथ-साथ ऑफलाईन परीक्षा का पर्याय खुला रखा गया है और जिन विद्यार्थियों के पास ऑनलाईन परीक्षा देने के साधन उपलब्ध नहीं है, उन्हें अपने नजदिकी एवं सुविधावाले महाविद्यालय में जाकर ऑफलाईन परीक्षा देने की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. इसके अलावा विद्यापीठ की सबसे बडी समस्या यह है कि, अब तक परीक्षा हेतु ऑनलाईन आवेदन करने की अंतिम तिथि को भी करीब सात बार बढाया जा चुका है और घर बैठे परीक्षा आवेदन करने की सुविधा देने के बावजूद कई विद्यार्थियों ने आवेदन प्रक्रिया पूर्ण नहीं की. ऐसे में चूंकि अब भी विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा हेतु आवेदन किये जा रहे है. जिसके चलते रोल नंबर जारी करने और हॉल टिकट बनाने का काम ही खत्म नहीं हो रहा. बल्कि लगातार आ रहे आवेदनों की वजह से इस काम में भी काफी दिक्कतें देखी जा रही है. इसमें भी इस बार सभी विद्यार्थियों को ऑनलाईन परीक्षा के लिए लॉग इन व पासवर्ड जारी करने का काम किया जा रहा है और परीक्षा हेतु आवेदन पत्र स्वीकार करने का काम लंबे समय तक चलने की वजह से परीक्षा नियंत्रक विभाग को इस काम में काफी समय व श्रम खर्च करना पडा.

ऑनलाईन परीक्षा के लिए डेढ लाख प्रश्नसंच तैयार

अंतिम वर्ष की ऑनलाईन परीक्षा के लिए विद्यापीठ के परीक्षा विभाग द्वारा डेढ लाख प्रश्नसंच तैयार कर लिये गये है. विषय प्राध्यापकों द्वारा पोर्टल पर क्वशचन बैंक को अपडेट किया जा रहा है और आगामी दो दिनों तक क्वशचन बैंक को पूरी तरह से तैयार कर लिया जायेगा. जिसके बाद २५ सितंबर की शाम ५ बजे ऑफलाईन व ऑनलाईन परीक्षार्थियों की संख्या निश्चित की जायेगी. संभावना जतायी जा रही है कि, इस वर्ष ९५ से ९७ प्रतिशत विद्यार्थी ऑनलाईन परीक्षा देंगे.

दिक्कतें तो काफी है, पर रास्ता तो खोजना होगा

इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर विद्यापीठ के परीक्षा व मूल्यांकन मंडल के संचालक डॉ. हेमंत देशमुख ने बताया कि, लगातार बदल रही नीतियों और अलग-अलग समय पर मिले अलग-अलग आदेशों व निर्देशों के चलते विद्यापीठ के परीक्षा विभाग को अपनी तैयारियों में काफी फेरबदल करना पडा. परीक्षा विभाग के काम एक लंबी प्रक्रिया का हिस्सा होते है. ऐसे में किसी भी एक काम या चरण में कोई बदलाव करने पर प्रक्रिया की पूरी श्रृंखला ही बदल जाती है. ऐसे में अब तक हुए बदलावों की वजह से तैयारियां तो काफी प्रभावित हुई है और काफी हद तक दिक्कतों का भी सामना करना पड रहा है, लेकिन सभी समस्याओं की तरह इस समस्या का भी समाधान ढूंढा जाना जरूरी है.

सातवें वेतन आयोग को लेकर आज से बेमुदत हडताल

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किये जाने की मांग को लेकर विद्यापीठ के प्राध्यापकोें व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों द्वारा गुरूवार २४ सितंबर से अनिश्चितकालीन हडताल करने की घोषणा की गई है. ऐसे में यदि परीक्षा विभाग में कार्य करनेवाले कर्मचारी भी इस हडताल में शामिल होते है, तो इससे परीक्षा संबंधित कामोें पर काफी असर पडेगा. ज्ञात रहे कि, अब ऑनलाईन परीक्षाएं शुरू होने में मात्र एक सप्ताह का समय शेष है. ऐसे में इस समय किसी भी तरह की दिक्कत अथवा गडबडी की वजह से पूरा नियोजन प्रभावित हो सकता है.

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