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अपर वर्धा केवल 50 प्रतिशत भरा

विदर्भ में झमाझम, एमपी में मात्र बारिश की रिपरिपी

  •  जलाशय के बांध क्षेत्र में कम बारिश हुई

  •  एमपी में मुसलाधार बारिश हुई तो ही खुलेंगे दरवाजे

अमरावती/प्रतिनिधि दि.23 – पिछले दो दिनों से अमरावती बारिश में मुसलाधार बारिश हो रही है. विशेष यह कि कुल गुुरुवार को बारिश ने इतना कहर ढा दिया कि मेलघाट के साथ ही दर्यापुर व अंजनगांव सुर्जी तहसील में खुब पानी बरसने से जिले के शहानुर, पूर्णा और सापन जलाशय यह लबालब भर जाने से इन तीनों मध्यम प्रकल्पों के दरवाजे खोले गए थे. तभी पर्यटकों की नजरें जिले के सबसे बडे अपर वर्धा जलाशय की ओर टीकी थी. इस जलाशय के दरवाजे खुलने के बाद अपर वर्धा जलाशय का लोमहर्षक नजारा देखने हर वर्ष ही अपर वर्धा पर लोगों की भीड उमडती है, लेकिन पता चला कि अपर वर्धा जलाशय में फिलहाल 278.61 दशलक्ष घनमीटर पानी हैं. वहीं अपर वर्धा जलाशय की जलसिंचाई क्षमता 564.05 दलघमी है. यानी वर्तमान स्थिति में अपर वर्धा जलाशय केवल 49.39 प्रतिशत ही भरा है. जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम है. पिछले वर्ष 23 जुलाई को अपर वर्धा जलाशय में 386.37 दलघमी पानी था. जिसका प्रतिशत 68.50 था. विशेष यह कि अमरावती जिले के वरुड, मोर्शी अथवा मेलघाट में कितनी भी बारिश हो उसका अपर वर्धा जलाशय भरने में कोई लाभ नहीं होता क्योंकि अपर वर्धा का बांधक्षेत्र यह मध्यप्रदेश में है. अगर मध्यप्रदेश में मुसलाधार बारिश हुई तथा सालबर्डी की पहाडियों में भी मुसलाधार बारिश हुई तो ही अपर वर्धा जलाशय का जलस्तर बढने में लाभ होता है. पिछले 2 दिनों में धारणी, अचलपुर, दर्यापुर, वलगांव आदि तहसील में भले ही मुसलाधार बारिश हुई हो, लेकिन मध्यप्रदेश में बारिश की रिपरिपी ही शुरु थी, इस कारण अपर वर्धा जलाशय को इसका कोई लाभ नहीं हुआ, यह विशेष. अपर वर्धा जलाशय के अधिकारियों के अनुसार अपर वर्धा को ओवरफ्लो होने में अभी काफी समय है. संभवत: आने वाले 15 दिनों में मध्यप्रदेश में मुसलाधार बारिश हुई तो अगस्त महिने में अपर वर्धा जलाशय भर सकता है.
अमरावती जिले में अपर वर्धा यह बडा प्रकल्प है और इसके अलावा शहानुर, चंद्रभागा, पूर्णा, सापन व पंढरी यह 5 मध्यम प्रकल्प है. उसमें से शहानुर प्रकल्प में कल 46.04 दलघमी यानी 60.14 प्रतिशत पानी जमा हो जाने के कारण उसके 4 दरवाजें 10 सेंटीमीटर से खोले गए थे. वहीं पूर्णा जलाशय के 9 दरवाजे 10 सेंटीमीटर से खोले गए थे. जिसमें से 60.2 क्यूसेक से पानी छोडा जा रहा था. सापन जलाशय के 4 दरवाजे 20 सेंटीमीटर से खोले गए थे. वहीं मात्र चंद्रभागा प्रकल्प अभी भी प्यासा है. जिसमें फिलहाल 63.59 प्रतिशत पानी, जबकि अमरावती तहसील के पंढरी प्रकल्प में मात्रा 8.28 प्रतिशत पानी भरा हुआ है.

  • वाशिम और बुलढाणा के मध्यम प्रकल्प अभी भी सूखे

अमरावती संभाग में 9 बडे प्रकल्प और 25 मध्यम प्रकल्प है. जिसमें बडे प्रकल्प में मात्र यवतमाल के बेंबला प्रकल्प के 2 दरवाजे 10 सेंटीमीटर से खोले गए. वहीं अमरावती का अपर वर्धा, यवतमाल के पुस प्रकल्प, अरुणावती प्रकल्प, अकोला का काटेपूर्णा व वान प्रकल्प में काफी पानी भरा है. किंतु बुलढाणा का नलगंगा, पेनटाकली व खडकपूर्णा प्रकल्प मात्र अभी भी प्यासा है. वहीं संभाग के 25 मध्यम जलाशयों में से 6 जलाशयों के दरवाजे फिलहाल खुले हुए है. जिसमें अमरावती जिले के शहानुर, पूर्णा व सापन का समावेश है. अकोला जिले का घुुंगसी बैरेज यह पूरी तरह भरने के कारण उसके सभी दरवाजे खोले गए. वहीं यवतमाल के अडान प्रकल्प के 5 दरवाजें ओैर बुलढाणा के कोराडी के सभी दरवाजे 10 सेंटीमीटर से खोले गए, इस तरह की जानकारी सिंचाई विभाग व्दारा दी गई है.

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