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को-वैक्सीन के दूसरे डोज हेतु टीकाकरण केेंद्रों पर उमड रही भीड

  •  सुबह 4 बजे से टोकन के लिए लगी कतारें

  •  सभी टीकाकरण केंद्रों पर जबर्दस्त गहमागहमी का माहौल

अमरावती/प्रतिनिधि दि.17 – गत रोज अमरावती जिले को अकोला स्थित स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय से को-वैक्सीन के 4 हजार 800 डोज प्राप्त हुए. जिसके जरिये इससे पहले को-वैक्सीन का पहला डोज लगवा चुके 45 वर्ष से अधिक आयुवाले लाभार्थियों को दूसरा डोज लगाने का काम रविवार 16 मई से शुरू किया गया. इसके तहत अमरावती मनपा क्षेत्र के 11 टीकाकरण केंद्रों सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कुछ टीकाकरण केंद्रोें पर को-वैक्सीन का दूसरा डोज लगाने की व्यवस्था की गई.
को-वैक्सीन का दूसरा डोज उपलब्ध होने की जानकारी मिलते ही अधिकांश टीकाकरण केंद्रों पर रविवार व सोमवार की सुबह 4-5 बजे से ही लाभार्थियों की कतारें लगनी शुरू हो गयी है. ऐसे में भीडभाड टालने हेतु कतार में उपस्थित सभी लोगों को टीकाकरण केंद्र के जरिये टोकन दिये जा रहे है, जिसमें टीकाकरण हेतु आने का समय लिखा हुआ होता है और सभी लाभार्थियों को अलग-अलग समय देते हुए टीकाकरण हेतु बुलाया जा रहा है, ताकि टीकाकरण केंद्रों पर अनावश्यक भीडभाड न हो. हालांकि इसके बावजूद सभी टीकाकरण केंद्रों पर नागरिकों की अच्छीखासी भीडभाड देखी गई.
बता दें कि को-वैक्सीन का दूसरा डोज लगाने के साथ-साथ इस समय 45 वर्ष से अधिक आयुवाले नागरिकों को कोविशिल्ड वैक्सीन का पहला व दूसरा डोज लगाने का भी काम चल रहा है. जिसकी वजह से सभी टीकाकरण केंद्रों पर कोविशिल्ड का पहला व दूसरा तथा को-वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाने हेतु 45 वर्ष से अधिक आयुवाले लोगों की अच्छीखासी भीडभाड है. वहीं 18 से 44 वर्ष आयुगुटवाले लाभार्थियोें के वैक्सीनेशन का काम रोक दिया गया है.
अमरावती जिले को को-वैक्सीन की 4 हजार 800 डोज मिलने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा अमरावती संभाग के पांचों जिलों हेतु को-वैक्सीन के 20 हजार 480 डोज का स्टॉक भेजा गया है. जिससे संभाग के अन्य चारों जिलों में भी 45 वर्ष से अधिक आयुवाले नागरिकों को को-वैक्सीन का दूसरा डोज लगाये जाने की शुरूआत की गई है.

  • कई केंद्रों पर बेचे जा रहे कूपन

मिली जानकारी के मुताबिक कई टीकाकरण केंद्रों पर संबंधित क्षेत्र के कुछ लोग सुबह दो-ढाई बजे से ही कतार बनाकर खडे हो जाते है और कूपन भी हासिल कर लेते है. जिसके बाद यहां पर टीकाकरण के लिए आनेवाले इन लोगों द्वारा संपर्क करते उन्हें यह कूपन 300 से 500 रूपये में बेचा जाता है. यानी कई टीकाकरण केंद्रों पर कूपन की कालाबाजारी होनी शुरू हो गयी है और कुछ लोगों ने ‘आपदा में अवसर’ ढूंढते हुए इसे अपने रोजगार का साधन बना लिया है. ऐसे में प्रशासन को कूपन की कालाबाजारी रोकने की ओर भी तुरंत ध्यान देना होगा और कूपन प्राप्त करनेवाला व्यक्ति सही में लाभार्थी है अथवा नहीं, यह जानने के लिए आधारकार्ड की जांच करते हुए कूपन वितरण की व्यवस्था उपलब्ध करानी होगी.

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