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विदर्भ विकास बोर्ड व 20 हजार पुलिस की भरती

कोर्ट में सुनवाई होती रही, शिंदे सरकार के धडाधड फैसलें

* विद्यापीठ में राजकीय हस्तक्षेप का एक्ट भी खारिज
मुंबई./दि.27 – सर्वोच्च न्यायालय में ठाकरे और शिंदे गुट शिवसेना के दावे को लेकर चल रही संविधान पीठ की महत्वपूर्ण सुनवाई से परे शिंदे सरकार ने मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में धडाधड 14 महत्वपूर्ण निर्णय किये. अधिकृत रुप से बताया गया कि, पुलिस भरती के प्रतिबंध हटा दिये गये है. प्रदेश में 20 हजार नई पुलिस भरती का निर्णय कैबिनेट में लिया गया. ऐसे ही विदर्भ विकास बोर्ड सहित मराठवाडा और शेष महाराष्ट्र के विकास बोर्ड का भी पुनर्गठन किया जाएगा. टाटा समूह का बडा फायदा पहुंचाते हुए 50 एकड जमीन हस्तांतरण का मुद्रांक शुल्क माफ कर दिया गया है. मविआ के एक और बडे फैसले को बदलते हुए विद्यापीठ में राजकीय हस्तक्षेप के विशेषाधिकारी को भी शिंदे सरकार ने कचरे की टोकरी में डाल दिया.
उल्लेखनीय है कि, आज ही देश की राजधानी में सर्वोच्च न्यायालय में महाराष्ट्र की सरकार को लेकर सुनवाई शुरु है. इस बीच कैबिनेट बैठक मेें शिंदे सरकार ने शहर विकास विभाग के प्रशासकीय कामकाज और शहर नियोजन संस्था हेतु बुनियादी सुविधा निर्माण करने वाली योजना, ओबीसी के लिए 72 नये होस्टल शुरु करने का निर्णय, विदेश पढने जाने वाले पिछडा वर्ग के विद्यार्थियों को विशेष छात्रवृत्ति दी जाती है. अब 50 विद्यार्थियों को इसका लाभ होगा. अन्न व नागरी आपूर्ति विभाग से संबंधित निर्णय के अनुसार प्रदेश में 2 चरणों में फोर्टीफाइड चावल का वितरण किया जाएगा. प्रदेश के मेडिकल कॉलेज, दंत और आयुर्वेद महाविद्यालय के पूर्ण ग्रंथपाल तथा शारिरीक शिक्षण निर्देशक को सातवा वेतन आयोग लागू करने का फैसला भी कैबिनेट मेें आज किया. उच्च शिक्षा लेने वाले अल्पसंख्यांक विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति की राशि 50 हजार रुपए तक बढा दी गई है. मंत्रिमंडल ने औरंगाबाद के चिपी हवाई अड्डे के नाकरण को भी स्वीकृति दी.

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