* शीत सत्र के पहले ही दिन होगा हल्लाबोल आंदोलन
वर्धा/दि.4- स्वतंत्र विदर्भ राज्य की मांग व आंदोलन के लिए अब आर-पार की लडाई शुरु हो गई है और मिशन 2023 को ध्यान में रखते हुए अभी नहीं तो कभी नहीं की भावना के तहत यह संघर्ष किया जाएगा. जिसके तहत विधानमंडल शीत सत्र के पहले ही दिन नागपुर विधान भवन पर हल्लाबोल आंदोलन किया जाएगा. इस आशय की जानकारी विदर्भ आंदोलन समिती के अध्यक्ष एड. वामनराव चटप ने यहां बुलाई गई पत्र वार्ता में दी.
इस पत्रवार्ता में बताया गया है कि, संविधान के अनुच्छेद 3 के अनुसार स्वतंत्र विदर्भ राज्य के निर्माण की जवाबदारी केंद्र सरकार और संसद की हैं. जिसके चलते केंद्र सरकार के साथ ही विदर्भ क्षेत्र से वास्ता रखने वाले सत्ताधारी व विपक्षी दलों के सभी 10 विधायकोें से स्वतंत्र विदर्भ राज्य के निर्माण को लेकर उनकी व उनके राजनीतिक दल की क्या भूमिका है इसका स्पष्टीकरण मांगा गया हैं. साथ ही विदर्भ क्षेत्र के 200 सांसदों को उनके निर्वाचन क्षेत्र में विदर्भवादी राज्य की आर्थिक स्थिति के सबूतों सहित पोस्ट व ई-मेल के जरिए 10 नवंबर तक पत्र व्यवहार करने का आंदोलन किया जाएगा और उनसे उनके इस्तिफे भी मांगे जाएंगे.क्योंकि इन सांसदों ने वर्ष 2014 तथा वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव जितने के बावजूद भी संसद में कभी स्वतंत्र विदर्भ राज्य के लिए आवाज नहीं उठाई.
इसके साथ ही इस पत्र वार्ता में यह भी कहा गया कि, विगत दो वर्षो से केंद्रीय सत्ता में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी ने भी सत्ता में आने से पहले स्वतंत्र विदर्भ राज्य की निर्मिती को लेकर आश्वासन दिया था, लेकिन इस आश्वासन को पूरा नहीं किया गया. इस समय नागपुर के सांसद रहने वाले नीतिन गडकरी केंद्र सरकार में मंत्री और इसी के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं. परंतु इसके बावजूद भी उन्होंने अपने गृह क्षेत्र के विकास की ओर कोई ध्यान नहींं दिया. इन तमाम बातों के मद्देनजर विदर्भ आंदोलन समिती व्दारा नागपुर शीत सत्र के पहले ही दिन नागपुर विधानभवन पर हल्लाबोल आंदोलन किया जाएगा.