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विदर्भ की पालखी दिंडिया कर रही पंढरपुर जाने की अनुमति मिलने का इंतजार

माता रूख्मिणी की पालखी के साथ अन्य दिंडियों के समावेश की मांग

अमरावती/प्रतिनिधि दि.5 – गत वर्ष की तरह इस बार भी आषाढी एकादशी पर निकाली जानेवाली पंढरपुर यात्रा पर कोविड संक्रमण का साया मंडराता दिखाई दे रहा है और समूचे राज्य की केवल 10 मानांकित पालखियों को ही पंढरपुर जाने की अनुमति प्रदान की गई है. जिनमें अमरावती जिले के कौंडण्यपुर स्थित माता रूख्मिणी देवी की पालखी का भी समावेश है. ऐसे में अमरावती जिले सहित समूचे विदर्भ से पंढरपुर वारी करनेवाले अन्य धार्मिक संस्थाओं द्वारा मांग की जा रही है कि, उन्हेें भी पंढरपुर यात्रा करने की अनुमति प्रदान की जाये. साथ ही माता रूख्मिणी की पालखीवाले वाहन के साथ अन्य धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि के तौर पर एक-एक वारकरी को विणाकरी के रूप में शामिल किया जाये, ताकि विदर्भ क्षेत्र के सभी संतों की पंढरपुर वारी हो सके. इस आशय का विचार विश्व वारकरी सेना के गणेश महाराज शेटे द्वारा व्यक्त किया गया है. साथ ही इस संदर्भ में जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर तथा जिलाधीश शैलेश नवाल को स्मरणपत्र भी दिया गया है.
इस विषय को लेकर विश्व वारकरी सेना द्वारा कहा गया है कि, विदर्भ क्षेत्र की कई धार्मिक संस्थाओं द्वारा विगत अनेक वर्षों से पंढरपुर की पैदल वारी करने की परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. किंतु गत वर्ष कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए केवल 10 मानांकित पालखियों को ही वाहनों के जरिये आषाढी एकादशी पर्व के उपलक्ष्य में पंढरपुर जाने की अनुमति दी गई. इस वर्ष भी कोविड संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर इसी व्यवस्था को कायम रखा गया है. ऐसे में विदर्भ कन्या माता रूख्मिणी की कौंडण्यपुर से निकलनेवाली पालखी वाहन के जरिये पंढरपुर हेतु रवाना होगी. किंतु इस आषाढ वारी में अन्य पालखियों व दिंडियों को भी शामिल किया जाये, इस हेतु विश्व वारकरी सेना द्वारा पालकमंत्री यशोमति ठाकुर व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले से निवेदन करते हुए एक प्रशासकीय बैठक ली गई थी. जिसमें कहा गया था कि, कौंडण्यपुर संस्थान की पालखी के साथ अन्य सभी दिंडियों के कम से कम एक-एक वारकरी को विणेकरी के स्वरूप में सहभागी किया जाये. उस समय वारकरियों की इस मांग पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए विदर्भ क्षेत्र की अन्य दिंडियों को भी आषाढ वारी में शामिल होने का मौका दिया जायेगा. ऐसा आश्वासन जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर द्वारा दिया गया. जिसके पश्चात विदर्भ क्षेत्र के कई दिंडियों के प्रतिनिधियों द्वारा विश्व वारकरी सेना से इस बारे में संपर्क किया जा रहा है और इस वर्ष उन्हेें आषाढ वारी में शामिल होने का मौका मिलेगा अथवा नहीं इसे लेकर पूछताछ की जा रही है. ऐसे में विश्व वारकरी संस्थान द्वारा गत रोज जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर, जिलाधीश शैलेश नवाल तथा विठ्ठल-रूख्मिणी संस्थान कौंडण्यपुर को स्मरण पत्र भेजा गया है. जिसमें कहा गया है कि, कौंडण्यपुर समिती के 20 वारकरी, कम से कम 15 दिंडियों के 1-1 प्रतिनिधि तथा पांच वारकरी संगठनों के 1-1 प्रतिनिधि ऐसे कुल 40 वारकरियों के साथ इस बार माता रूख्मिणी की पालखी का प्रस्थान किया जाये. यदि माता रूख्मिणी की पालखी के साथ विदर्भ क्षेत्र के अन्य सभी संतों की चरण पादुकाएं पंढरपुर जाती है, तो यह समूचे महाराष्ट्र के लिहाज से एक ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन हो सकता है. अत: जिला पालकमंत्री, जिला प्रशासन तथा कौंडण्यपुर संस्थान द्वारा इस मांग को मान्य किया जाना चाहिए.

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