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विद्याभारती को लगातार तीसरी बार नैक का ‘अ’ मानांकन

कॉलेज ने जिले सहित संभाग का सम्मान बढाया

  • पत्रवार्ता में कॉलेज प्रबंधन ने दी जानकारी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.11 – हाल ही में विद्याभारती शैक्षणिक मंडल द्वारा संचालित व कैम्प परिसर स्थित विद्याभारती महाविद्यालय का बंगलुरू स्थित नैक समिती द्वारा मूल्यांकन किया गया था. जिसके बाद इस महाविद्यालय को लगातार तीसरी बार नैक का ‘अ’ मानांकन प्रदान किया गया. साथ ही यूजीसी की ओर से इस महाविद्यालय को ‘मेंटर’ यानी मार्गदर्शक महाविद्यालय घोषित करते हुए ‘कॉलेज विथ पोटेंशियल फॉर एक्सेलन्स’ का दर्जा भी प्रदान किया गया है. जिससे महाविद्यालय सहीत अमरावती शहर व जिले तथा संभाग के शैक्षणिक क्षेत्र का सम्मान हुआ है. इस आशय की जानकारी विद्याभारती कॉलेज की प्राचार्या डॉ. प्रज्ञा येनकर द्वारा दी गई.
यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में प्रा. डॉ. प्रज्ञा येनकर ने कहा कि, विगत 3 व 4 सितंबर को नैक के शिक्षा विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिती ने महाविद्यालय का दौरा किया था. इस समिती में महात्मा गांधी केंद्रीय विद्यापीठ (मोतीहारी, बिहार) के कुलगुरू डॉ. संजीवकुमार शर्मा, मौलाना आजाद राष्ट्रीय तंत्र विज्ञान संस्थान (भोपाल) की प्रोफेसर डॉ. सविता दीक्षित तथा महात्मा गांधी विज्ञान महाविद्यालय (जम्मु) के प्राचार्य डॉ. सतींदरसिंह का समावेश था. इस समिती ने लगातार दो दिनों तक महाविद्यालय का सूक्ष्म अध्ययन करने के साथ ही वस्तुनिष्ठ मूल्यमापन किया और अपनी रिपोर्ट नैक बेंगलोर को प्रस्तुत की. जिसके आधार पर नैक बेंगलोर द्वारा विद्याभारती महाविद्यालय को ‘अ’ मानांकन प्रदान किया गया. इस हेतु संस्था के अध्यक्ष व पूर्व विधायक रावसाहब शेखावत, संस्था सचिव डॉ. अशोक चव्हाण के मार्गदर्शन में आयक्यूएसी के समन्वयक प्रा. डॉ. आर. एम. पाटील, सूकाणू समिती के सभी सदस्य, सभी विभाग प्रमुख तथा शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने कडा परिश्रम किया. जिससे यह सफलता प्राप्त हुई है.
इस पत्रकार परिषद में बताया गया कि, वर्ष 1972 में केवल विज्ञान विद्याशाखा के साथ शुरू हुआ यह महाविद्यालय इन 50 वर्षों के दौरान बहुविध विद्याशाखावाला महाविद्यालय बन गया है. वहीं अगले वर्ष अपना सुवर्ण महोत्सव भी मनाने जा रहा है. इस महाविद्यालय में अद्यावत सुविधाओं के साथ आधुनिक शिक्षा पध्दति का अवलंब किया जाता है. जिसके लिए तमाम आवश्यक कदम उठाये जाते है. संशोधन में भी यह महाविद्यालय काफी अग्रेसर है और यहां पर विद्यापीठ द्वारा आचार्य पदवी हेतु 11 संशोधन केेंद्रों को मान्यता दी गई है. साथ ही पीएचडी के लिए विद्यापीठ की मान्यता से 26 मार्गदर्शक भी कार्यरत है. इसके अलावा उच्च स्तरीय संशोधन पत्रिका में 292 पेपर्स प्रकाशित हुए है. जिसमें से कई संशोधकों ने पेटेंट भी प्राप्त किया है. बेहतरीन गुणवत्तावाली पढाई-लिखाई के साथ-साथ इस महाविद्यालय में स्पर्धा परीक्षा मार्गदर्शन केंद्र के साथ-साथ विद्यानिकेतन स्टडी सेंटर भी स्थापित किया गया है और यहां पर भव्य क्रिडांगण तथा योग व ध्यान केेंद्र की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है. नैक समिती की भेंट के समय मूल्यमापन की सफलता हेतु डॉ. मिथिलेश राठोड, प्रा. मनिंदरसिंह मोंगा, डॉ. अरूण चव्हाण, संजय पाटील, डॉ. ज्योत, डॉ. बोडखे, डॉ. वासनिक व डॉ. विशाल शेखावत आदि ने महत प्रयास किये. ऐसी जानकारी प्राचार्य डॉ. प्रज्ञा येनकर द्वारा दी गई.
पत्रकार परिषद में प्रा. डॉ. प्रज्ञा येनकर सहित डॉ. मिथिलेश राठोड, दिलीप गुल्हाने, एन. वाय. पाटील, डॉ. विशाल शेखावत, किशोर शिरभाते, डॉ. आर. एन. पाटील व सतीश पाटील आदि उपस्थित थे.

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