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विद्यापीठ की सीनेट सभा अटकी कानूनी पेंच में

नागपुर हाईकोर्ट ने राज्यपाल के आदेश पर दिया स्टे

* राज्यपाल व विद्यापीठ से १६ तक मांगा जवाब
नागपुर / दि. १०- संगाबा अमरावती विद्यापीठ की आज १० फरवरी को अपराह्न १२ बजे बुलाई गई सीनेट की चुनावी बैठक को लेकर लगातार उठ रहे आपत्ति व आक्षेपों को देखते हुए विद्यापीठ के नए कुलगुरु डॉ.प्रमोद येवले के निवेदन पर राज्यपाल भगतसिंग कोश्यारी द्वारा गतरोज आदेश जारी कर इस बैठक को स्थगित करने की बात कही गई. वहीं राज्यपाल के फैसले को सीनेट से जुडे कुछ लोगों द्वारा नागपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नागपुर हाईकोर्ट ने राज्यपाल के आदेश पर स्थगनादेश जारी किया साथही राज्यपाल कार्यालय सहित विद्यापीठ प्रशासन से इस संदर्भ में आगामी १६ फरवरी तक अपना जवाब देने हेतु कहा है. परंतु हाईकोर्ट में आज हुई सुनवाई तक सीनेट सभा के आयोजन का पूर्वनिर्धारित समय बीत चुका था. ऐसे में आज सीनेट सभा की चुनावी बैठक नहीं हो पाई.
बतादें कि, विगत दिसंबर माह के दौरान संगाबा अमरावती विद्यापीठ के सीनेट सदस्यों का चुनाव हुआ था, जिसमें सीनेट के अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्र से ५८ सदस्य निर्वाचित होकर सीनेट में पहुंचे. वहीं ७६ सदस्यीय सीनेट में राज्यपाल व कुलगुरु नामित सदस्यों सहित अन्य प्राधिकरणों व निकायों से नामित होने वाले सदस्यों का चयन व नियुक्ति का काम बाकी है. इसी बीच व्यवस्थापन परिषद सहित अन्य प्राधिकरणों में सीनेट से भेजे जाने वाले सदस्यों का चयन करने हेतु राज्यपाल यानी कुलपति कार्यालय द्वारा सीनेट की चुनावी बैठक आयोजित करने हेतु १० फरवरी की तारिख तय कर दी गई और स्थानीय कुलगुरु कार्यालय द्वारा १० फरवरी को सीनेट की चुनावी बैठक आयोजित करने का पत्र जारी किया गया. विशेष उल्लेखनिय है कि, इस दौरान तत्कालीन कुलगुरु डॉ.दिलीप मालखेडे अस्वस्थ रहने के चलते लगातार अनुपस्थित चल रहे थे. और उनका पुणे के अस्पताल में इलाज चल रहा था. जिसकी वजह से विद्यापीठ का कामकाज प्रभारी कुलगुरु द्वारा संचालित किया जा रहा था. ऐसे में कुलगुरु की अनुपस्थिति तथा १८ सीनेट सदस्यों का नामित होना बाकी रहने के दौरान सीनेट की चुनावी बैठक बुलाई जाने को लेकर कुछ लोगों ने विगत ४ फरवरी को राज्यपाल के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करने के साथ ही नागपुर हाईकोर्ट में इसे लेकर याचिका दायर की थी, परंतु नागपुर हाईकोर्ट ने इस याचिका को उसी दिन सुनवाई पश्चात खारीज कर दिया था. ऐसे में यह तय हो गया कि, सीनेट की चुनावी बैठक १० फरवरी को ही होने वाली है. इसी बीच अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरु के तौर पर डॉ.प्रमोद येवले ने पदभार स्वीकार किया. और १० फरवरी को होने वाली सीनेट की चुनावी बैठक को लेकर सदस्यों द्वारा उठाई जा रही आपत्तियों से राजभवन को अवगत कराते हुए राज्यपाल और कुलपति भगतसिंग कोश्यारी से इस बारे मे ंमार्गदर्शन मांगा. जिसके चलते गतरोज ९ फरवरी को राज्यपाल भगतसिंग कोश्यारी ने अगले दिन यानी १० फरवरी को होने जा रही सीनेट की बैठक को स्थगीत किए जाने के संदर्भ में अपनी मान्यता प्रदान की.लेकिन इसके पश्चात राज्यपाल भगतसिंग कोश्यारी के फैसले के खिलाफ डॉ.रवींद्र मुंद्रे सहित अन्य कुछ सीनेट सदस्यों ने आपत्ति उठाते हुए आज नागपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए दावा किया कि, पहले से तय सीनेट की चुनावी बैठक को ऐन समय पर रद्द करने का अधिकार राज्यपाल कोश्यारी के पास नहीं है. अत: राज्यपाल के आदेश पर स्टे देते हुए सीनेट की चुनावी बैठक अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज ही ली जाए. जिसके बाद नागपुर हाईकोर्ट ने न्या.शुक्रे व न्या.श्रीमती जोशी की खंडपीठ के समक्ष इस याचिका पर सुनवाई हुई. पश्चात नागपुर हाईकोर्ट ने राजभवन द्वारा गतरोज जारी आदेश पर स्थगनादेश जारी करते हुए राजभवन एवं विद्यापीठ प्रशासन से १६ फरवरी तक अपना जवाब पेश करने हेतु कहा है. लेकिन चूंकि, इस समय तक सीनेट सभा आयोजित करने का पूर्व निर्धारित समय बीत चुका था और गतरोज राज्यपाल भगतसिंग कोश्यारी द्वारा बैठक स्थगीत करने का आदेश जारी किया था. जिसकी वजह से आज १० फरवरी को अपराह्न १२ बजे सीनेट की चुनावी बैठक आयोजित नहीं हो पाई. ऐसे में अब इस बात को लेकर उत्स्कुता देखी जा रही है कि सीनेट की चुनावी बैठक आयोजित करने हेतु अगली कौनसी तारीख तय होती है.
नागपुर हाईकोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान विद्यापीठ प्रशासन की ओर से ख्यातनाम विधिज्ञ एड.जेमिनी कासट ने सफलतापूर्वक पैरवी की.

 

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