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‘सहकार’ को दिया मतदाताओं ने पूरा ‘सहकार’

जिला बैंक की सत्ता में कोई ‘परिवर्तन’ नहीं

  •  सहकार ने 21 में से 12 सीटों पर दर्ज की शानदार जीत

  •  स्पष्ट बहुमत के साथ सहकार की होगी सत्ता में वापसी

  •  यशोमति ठाकुर, बबलू देशमुख व वीरेंद्र जगताप ने दिखाया अपना दम-खम

  •  मतदाताओं ने भ्रष्टाचार के बोलबाले को सिरे से नकारा

  •  ‘परिवर्तन’ में केवल बच्चु कडू का दिखा जलवा

  •  बच्चु ने चांदूर में अपने धुर प्रतिद्वंदी बबलू देशमुख को दी फिर एक शिकस्त

  •  ग्रामीण में ‘सहकार’ की रही लहर, शहरी क्षेत्र में ‘परिवर्तन’ का दिखा बोलबाला

  •   संजय खोडके रहे सहकार क्षेत्र की राजनीति में असफल

अमरावती/प्रतिनिधि दि.5 – विगत लंबे समय से लगातार चर्चा में चल रहे जिला बैंक के चुनाव का आज मतगणना की प्रक्रिया पूर्ण होते ही पटापेक्ष हो गया तथा 21 सदस्यीय संचालक मंडल के लिए हुए चुनाव में सहकार पैनल ने 12 सीटों पर शानदार जीत हासिल करते हुए स्पष्ट बहुमत के साथ एक बार फिर बैंक की सत्ता में वापसी की है. बता दें कि, 21 में से 4 संचालकों का नामांकन प्रक्रिया के दौरान ही निर्विरोध निर्वाचन हो गया था. वहीं 17 सीटोें के लिए सोमवार 4 अक्तूबर को मतदान कराया गया. इन 17 में से 12 सीटों पर ‘क्लिन स्वीप’ जीत सहकार पैनल द्वारा हासिल की गई. वहीं 4 सीटों पर परिवर्तन पैनल के प्रत्याशी विजयी हुए, जिनमें राज्यमंत्री बच्चु कडू ने चांदूर बाजार सेवा सहकारी सोसायटी क्षेत्र से अपने धुर राजनीतिक प्रतिद्वंदी व बैंक के पूर्व अध्यक्ष बबलू देशमुख को करारी शिकस्त दी. वहीं बबलू देशमुख ने ओबीसी संवर्गवाली सीट पर परिवर्तन पैनल के संयोजक व राकांपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके को पराजीत करते हुए बैंक का संचालक निर्वाचित होने में सफलता हासिल की. ऐसे में बच्चु कडू व बबलू देशमुख के रूप में दो कडे प्रतिस्पर्धी अब संचालक के तौर पर बैंक के सभागार में होंगे. वहीं बच्चु कडू व बबलू देशमुख का प्रभाव क्षेत्र रहनेवाले अचलपुर तहसील से आनंद काले ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज करते हुए सहकार व परिवर्तन पैनल के प्रत्याशियों को पीछे छोड दिया. इसे अपने आप में काफी बडा उलटफेर कहा जा सकता है.
बता दें कि गत रोज दि अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के बहुप्रतिक्षित चुनाव होने के बाद आज सुबह स्थानीय गाडगेनगर स्थित गाडगेबाबा समाधि मंदिर के सभागार में मतगणना की प्रक्रिया शुरू हुई. जिसके तहत सबसे पहले विभिन्न सेवा सहकारी सोसायटी निर्वाचन क्षेत्रों के वोटों की गणना की गई. पश्चात अलग-अलग श्रेणी व आरक्षित प्रवर्ग के वोटों की तहसीलनिहाय गिनती की गई. इस मतगणना में ‘सहकार’ पैनल ने शुरूआत से अपनी रफ्तार बनाये रखी, जो अंत तक बदस्तूर जारी रही. मतगणना के रूझानों और नतीजों को देखकर कहा जा सकता है कि, इस बार जिला बैंक के मतदाताओं ने सहकार पैनल को पूरा ‘सहकार’ यानी सहयोग प्रदान किया, जिसकी वजह से जिला बैंक की सत्ता में कोई परिवर्तन नहीं हो पाया. हालांकि इस चुनाव की विशेषता यह रही कि, शहरी क्षेत्रों में तो कुछ हद तक परिवर्तन पैनल का बोलबाला दिखा, किंतु ग्रामीण क्षेत्र में पूरी तरह से सहकार पैनल की ही लहर थी. यह बात सेवा सहकारी सोसायटी के नतीजे घोषित होने के बाद जब श्रेणी संवर्ग व आरक्षित सीटों के नतीजे घोषित होने शुरू हुए, तब स्पष्ट तौर पर सामने आयी.
मंगलवार की सुबह 8 बजे से गाडगेबाबा मंदिर सभागार में मतगणना की प्रक्रिया शुरू होने के बाद सबसे पहले तहसील सेवा सहकारी सोसायटी के प्रत्याशियों को मिले वोटों की गणना करनी शुरू की गई. जिसमें अमरावती तहसील सेवा सहकारी सोसायटी क्षेत्र में सहकार पैनल के सुनील वर्‍हाडे को 22 तथा परिवर्तन पैनल के अनंत देशमुख को 19 वोट मिले. जिसके चलते सहकार पैनल के सुनील वर्‍हाडे 3 वोटों से विजयी घोषित किये गये.
वहीं भातकुली तहसील सेवा सहकारी सोसायटी क्षेत्र में सहकार पैनल के हरिभाउ मोहोड को 18 तथा परिवर्तन पैनल के अमरदीप तेलखेडे को 8 वोट मिले. साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी संतोष इंगोले नेे 9 वोट हासिल किये. इस क्षेत्र से सहकार पैनल के हरिभाउ मोहोड 9 वोट से विजयी घोषित किये गये.
इसके साथ ही अचलपुर तहसील सेवा सहकारी सोसायटी से सहकार पैनल के रणजीत चित्रकार पाटील को 21 वोट तथा परिवर्तन पैनल के अजय पाटील को 7 वोट मिले. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी आनंद काले ने सर्वाधिक 22 वोट हासिल करते हुए 1 वोट से जीत दर्ज की. इसे इस चुनाव में सबसे बडा उलटफेर माना जा रहा है.
इस चुनाव में सभी की निगाहें चांदूर बाजार तहसील सेवा सहकारी सोसायटी की ओर लगी हुई थी. जहां पर बैंक के पूर्व अध्यक्ष बबलू देशमुख सहकार पैनल की ओर से प्रत्याशी थे. वहीं उनके धुर प्रतिद्वंदी तथा राज्यमंत्री बच्चु कडू परिवर्तन पैनल के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड रहे थे. इस प्रतिष्ठापूर्ण सीट के लिए हुई कांटे की टक्कर में बच्चु कडू ने 21 तथा बबलू देशमुख ने 19 वोट हासिल किये तथा 2 वोट के अंतर से बच्चु कडू ने अपनी कट्टर प्रतिद्वंदी को हराते हुए जीत हासिल की.
वहीं चांदूर रेल्वे तहसील सेवा सहकारी सोसायटी से सहकार पैनल के वीरेंद्र जगताप ने 21 तथा परिवर्तन पैनल के किशोर कडू ने 9 वोट प्राप्त किये. पश्चात सहकार पैनल के वीरेंद्र जगताप को 12 वोटों से विजयी घोषित किया गया.
धामणगांव रेल्वे तहसील सेवा सहकारी सोसायटी से सहकार पैनल के श्रीकांत गावंडे ने 22 तथा परिवर्तन पैनल के सुनील सिसोदे ने 11 वोट हासिल किये. तथा यहां से सहकार पैनल के श्रीकांत गावंडे 11 वोट से विजयी हुए.
इस चुनाव में दर्यापुर तहसील सेवा सहकारी सोसायटी की ओर भी पुरे जिले की निगाहें लगी हुई थी. जहां से दो सगे भाई प्रतिस्पर्धी पैनलों के प्रत्याशी के तौर पर एक-दूसरे के आमने-सामने खडे थे. इसके तहत सहकार पैनल के प्रत्याशी सुधाकर भारसाकले को 48 तथा परिवर्तन पैनल के प्रत्याशी व विधायक प्रकाश भारसाकले को 20 वोट प्राप्त हुए. पश्चात सहकार पैनल के सुधाकर भारसाकले 28 वोटों से विजयी घोषित किये गये.
इसके साथ ही अंजनगांव सुर्जी तहसील सेवा सहकारी सोसायटी से सहकार पैनल के जयंत साबले ने 24 तथा परिवर्तन पैनल के अजय मेहकरे ने 32 वोट हासिल करते हुए 8 वोटों की लीड से जीत दर्ज की. यह परिवर्तन पैनल को मिली दूसरी सफलता थी.
उधर चिखलदरा तहसील सेवा सहकारी सोसायटी से सहकार पैनल के दयाराम काले ने 9 वोट तथा परिवर्तन पैनल के शंभुजी खडके ने 6 वोट हासिल किये. जिसमें सहकार पैनल के दयाराम काले 3 वोट से विजयी हुए

इसके साथ ही मोर्शी तहसील सेवा सहकारी सोसायटी से सहकार पैनल के अरूण कोहले ने 18 वोट तथा परिवर्तन पैनल की चित्रा डहाणे 38 वोट हासिल किये और चित्रा डहाणे ने शानदार 20 वोटों की लीड से जीत हासिल की.
ऐसे में 10 सेवा सहकारी सोसायटी निर्वाचन क्षेत्रों में से सहकार पैनल ने 6 सीटों पर अपना ‘नगाडा’ बजाया. वहीं 3 सीटों पर परिवर्तन पैनल की ‘सीटी’ का शोर रहा. साथ ही एकमात्र अचलपुर तहसील में मतदाताओं ने ‘कपबशी’ के साथ चाय पीना पसंद किया. जहां पर निर्दलीय प्रत्याशी आनंद काले विजयी रहे.
इसके पश्चात श्रेणी व संवर्ग निर्वाचन क्षेत्रों के मतदान की गिनती करनी शुरू की गई. जिसमें सबसे पहले ओबीसी संवर्ग हेतु आरक्षित संचालक पद की मतगणना का नतीजा सामने आया. इस निर्वाचन क्षेत्र से सहकार पैनल के प्रत्याशी व बैंक के पूर्व अध्यक्ष बबलू देशमुख ने 825 वोट प्राप्त किये. वहीं परिवर्तन पैनल के संयोजक व प्रत्याशी तथा राकांपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके को 734 मतदाताओं का साथ मिला. किंतु इस सीट पर सहकार पैनल के बबलू देशमुख 91 वोटोें की लीड से विजयी रहे. इसके साथ ही सेवा सहकारी क्षेत्र का चुनाव हारने के बावजूद बबलू देशमुख जिला बैंक में अपना स्थान बचाने में कामयाब रहे.
इसके अलावा विमुक्त जाति-जनजाति यानी वीजेएनटी संवर्ग हेतु आरक्षित संचालक पद के लिए सहकार पैनल के पुरूषोत्तम अलोणे को 874 वोट तथा परिवर्तन पैनल के सुधीर सूर्यवंशी को 683 वोट मिले. जिसके चलते इस सीट पर सहकार पैनल के पुरूषोत्तम अलोणे 191 वोटों से विजयी रहे.
इसके अलावा अनुसूचित जाति-जनताति यानी एससी-एसटी संवर्ग हेतु आरक्षित संचालक पद के लिए हुए चुनाव को भी काफी टशनबाज माना जा रहा है. जो कि, इस सीट पर सहकार पैनल की ओर से विधायक बलवंत वानखडे तथा परिवर्तन पैनल की ओर से राजकुमार पटेल आमने-सामने थे. इस चुनाव में विधायक वानखडे को 757 वोट तथा विधायक राजकुमार पटेल को 640 वोट मिले. साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी गोपाल चंदन ने भी 47 वोट प्राप्त किये और इस सीट पर सहकार पैनल के बलवंत वानखडे 117 वोटों से विजयी घोषित किये गये.
व्यक्तिगत निर्वाचन क्षेत्र यानी क-1 श्रेणी हेतु संचालक पद के लिए सहकार पैनल के मनीष कोरपे को 191 वोट तथा परिवर्तन पैनल के रविंद्र गायगोले को 243 वोट मिले. ऐसे में परिवर्तन पैनल के रविंद्र गायगोले 52 वोटों से विजयी हुए.
वहीं कर्मचारी सहकारी पत संस्था व गृहनिर्माण संस्था यानी क-2 श्रेणीवाले निर्वाचन क्षेत्र में सहकार पैनल के प्रकाश कालबांडे को 261 वोट तथा परिवर्तन पैनल के राजेंद्र महल्ले को 232 वोट मिले. ऐसे में इस सीट पर सहकार पैनल के प्रकाश कालबांडे 29 वोटों से विजयी घोषित हुए.
इसके अलावा महिला आरक्षित दो संचालक पदों पर सहकार पैनल की प्रत्याशी सुरेखा ठाकरे तथा मोनिका वानखडे (मार्डीकर) ने जीत दर्ज करते हुए बैंक की महिला संचालक निर्वाचित होने में सफलता प्राप्त की. इस सीट हेतु परिवर्तन पैनल की ओर से जयश्री देशमुख व माया हिवसे को मैदान में उतारा गया था. वहीं इस सीट के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर निवेदिता चौधरी तथा
वैशाली राणे भी मैदान में थी. जिन्हें हार का सामना करना पडा है.

  • कोई ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ नहीं होगी

चुनावी नतीजों के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि, अब बैंक के 21 सदस्यीय संचालक मंडल में सहकार पैनल के पास 12 संचालक है. यानी सहकार पैनल चुनाव जीतने के साथ ही पूर्ण बहुमत में है. ऐसे में सहकार पैनल को पहले से निर्विरोध निर्वाचित संचालकों सहित इस चुनाव में विजयी हुए निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थन की कोई विशेष जरूरत नहीं पडेगी. ऐसे में कहा जा सकता है कि, अब जरूरत का पलडा पूरी तरह से पलट चुका है और जिन संचालकों को सत्ता पक्ष के साथ नजदिकी चाहिए होगी, वे खुद सहकार पैनल के पास चले आयेंगे. ऐसे में चुनाव पश्चात होनेवाली ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ के लिए जिला बैंक में कोई गुंजाईश ही नहीं बची है.

  • बच्चु-बबलू होंगे पूरे पांच साल आमने-सामने

यद्यपि इस चुनाव में राज्यमंत्री बच्चु कडू के पैनल द्वारा कोई विशेष उलटफेर नहीं किया जा सका. किंतु खुद राज्यमंत्री बच्चु कडू यह चुनाव जीतकर बैंक के संचालक निर्वाचित हुए है. वहीं बच्चु कडू के हाथों हार जाने के बाद ओबीसी संवर्ग से जीत दर्ज करते हुए बबलू देशमुख भी संचालक निर्वाचित हुए है. बच्चु कडू व बबलू देशमुख की राजनीतिक अदावत जगजाहीर है और वे इससे पहले करीब तीन बार विधानसभा चुनाव में भी प्रतिस्पर्धी रह चुके है. जहां पर जीत बच्चु कडू की हुई थी. ऐसे में अब जिला बैंक के संचालक मंडल में बच्चु कडू व बबलू देशमुख अगले पांच साल के लिए एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे. अत: बैंक के भविष्य को लेकर भी अभी से उत्सूकता देखी जा रही है.

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