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कम्युनिटी स्प्रेड से बच गये हम सभी

  • लॉकडाउन लगाने का रहा सकारात्मक असर

  •  अब लगातार घट रही संक्रमण की रफ्तार

अमरावती/प्रतिनिधि दि.3 – विगत जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में 22-23 जनवरी से कोरोना संक्रमितोें की संख्या ने उछाल भरना शुरू किया था और फरवरी माह में रोजाना सैंकडों की तादाद में कोरोना संक्रमित मरीज पाये जाने लगे थे. 20 फरवरी के पहले लगातार एक सप्ताह तक कोरोना संक्रमितों का आंकडा रोजाना 700-800 से अधिक रहा और एक बार तो यह आंकडा 900 के स्तर को पार कर 1 हजार के मुहाने तक पहुंच गया था. जिसके मद्देनजर जिलाधीश कार्यालय द्वारा रविवार 21 फरवरी को जनता कर्फ्यू रखने का आदेश पारित किया गया था और 22 फरवरी से 28 फरवरी तक लॉकडाउन लागू कर दिया. जिसे संक्रमण की लगातार बढती रफ्तार को ध्यान में रखते हुए 8 मार्च तक आगे बढाया गया. हालांकि इस दौरान रोजाना 500 से 600 मरीज मिलना आम बात रहा. लेकिन यह जरूर है कि, बीते सप्ताह की तुलना में अब संक्रमण की रफ्तार और संक्रमितों की संख्या कुछ कम हुई है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, यदि प्रशासन द्वारा समय पर लॉकडाउन लगाने का फैसला नहीं लिया जाता, तो अमरावती में कम्युनिटी स्प्रेड यानी समूह संक्रमण फैलने का पूरा खतरा था. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण काल के पिछले दौर में संक्रमण की रफ्तार काफी धीरे-धीरे बढी थी और अगस्त-सितंबर माह के दौरान स्थिति विस्फोटक हुई थी. लेकिन जनवरी माह के अंत से शुरू हुए संक्रमण के दूसरे दौर में संक्रमण की रफ्तार काफी तेज रही और पहले जहां विभिन्न परिवारों में इक्का-दुक्का लोग कोविड संक्रमित पाये जाते थे. वहीं दूसरे दौर में परिवार के परिवार संक्रमित पाये जाने लगे. साथ ही एक ही रिहायशी इलाके में कई परिवार कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गये. ऐसे में इस बार कम्युनिटी स्प्रेड यानी सामूदायिक संक्रमण फैलने का पूरा खतरा था, लेकिन प्रशासन द्वारा पुरा समय रहते संभावित खतरे को भांपकर लॉकडाउन लगा दिये जाने से यह खतरा टल गया.
ेेेेेयहां इस बात की अनदेखी नहीं की जा सकती कि, विगत दिनों विभिन्न सरकारी कार्यालयों के अधिकांश कर्मचारी एक साथ कोरोना संक्रमित पाये जाने लगे थे. साथ ही उनके परिवार के भी कई सदस्यों की रिपोर्ट पॉजीटीव आने लगी थी. ऐसे में रोजाना ही कोरोना संक्रमितोें का आंकडा उछाल भर रहा था और रोजाना ही कोविड अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजोें की भीड बढने लगी थी. इस बात के मद्देनजर प्रशासन द्वारा सरकारी कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या बढाने के साथ-साथ शहर सहित जिले में निजी कोविड अस्पतालों की संख्या भी बढाई गई, ताकि किसी भी कोविड संक्रमित मरीज को इलाज से वंचित न रहना पडे.
हालांकि इन दिनों लॉकडाउन एवं प्रशासन के खिलाफ जनभावनाएं बेहद उफान पर है और लोगबाग लॉकडाउन को गैर जरूरी बताते हुए इसे तत्काल खत्म करने की मांग कर रहे है. लेकिन इस तथ्य की अनदेखी नहीं की जा सकती कि, यदि प्रशासन द्वारा समय रहते लॉकडाउन नहीें लगाया जाता, तो अमरावती जिले में कम्युनिटी स्प्रेड फैलने का पूरा खतरा था. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, आगामी 8 मार्च तक चलनेवाले लॉकडाउन का सभी नागरिकों द्वारा बेहद कडाई के साथ पालन किया जाये, ताकि कोरोना संक्रमण की चेन को तोडते हुए इस महामारी के खतरे को खत्म किया जा सके.

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