पुणे /दि.21- भाजपा के साथ सत्ता में सहभागी होने का निर्णय अकेले अजित पवार ने नहीं लिया था, बल्कि इस संदर्भ में शरद पवार के साथ दो बार चर्चा हुई थी. परंतु उन्होंने मना कर दिया था. लेकिन पार्टी के अधिकांश विधायकों एवं कार्यकर्ताओं की यह इच्छा थी कि, सत्ता में शामिल हुआ जाए. जिसका हमने पालन किया. लेकिन हम अब भी राकांपा छोडकर भाजपा में नहीं गए है, बल्कि राकांपा में ही है. ऐसे में जिस तरह राकांपा शरद पवार की है, उसी तरह हमारी भी है और इस बारे में अंतिम निर्णय निर्वाचन आयोग द्बारा दिया जाएगा. इस आशय का प्रतिपादन करते हुए राकांपा नेता व मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि, राकांपा के प्रत्येक कार्यकर्ता ने पार्टी के प्रति अपना समर्थन दर्शाने हेतु स्टैम पेपर पर प्रतिज्ञापत्र करके देना चाहिए. ताकि उस आधार पर निर्वाचन आयोग के समक्ष पार्टी पर दावा किया जा सके और निर्वाचन आयोग द्बारा फैसला सुनाया जा सके.
पुणे के निकट मंचर में पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री दिलीप वलसे पाटील ने कहा कि, अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने भाजपा के साथ नहीं, बल्कि एनडीए के साथ रहने का फैसला लिया है और इस फैसले को पार्टी के अधिकांश विधायकों, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का समर्थन है.