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युवराज हेडा लापता

परिवारवालों के नाम पत्र लिखकर घर से निकल गया

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२४  – स्थानीय नवाथे गली नं.१ परिसर में रहनेवाला तथा हाल ही में भारतीय महाविद्यालय में फस्र्ट ईयर की एडमिशन प्राप्त कर चुका युवराज मनोज हेडा नामक १८ वर्षीय युवक बुधवार की सुबह अचानक ही अपने घर से कहीं निकल गया है. ५.९ इंच उंचाईवाले युवराज हेडा ने घर से निकलने से पहले अपने परिवारवालोें के नाम एक बडा दार्शनिक अंदाजवाला चार पन्नों का भावनात्मक पत्र लिखा है. जो उसके घर से चले जाने के बाद उसके माता-पिता को प्राप्त हुआ है. जिसे पढने के बाद युवराज के माता-पिता के पैरो तले से मानो जमीन ही qखसक गयी है और इस समय युवराज के लापता होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराने के साथ ही उसकी हर ओर तलाश की जा रही है. बता दें कि, युवराज के पिता मनोज हेडा की नवाथे गली नं.१ में शिवराज ट्रेडर्स नामक दुकान है और परिवार में उनकी पत्नी व पुत्र युवराज के अलावा एक पुत्री भी है. उन्होंने बताया कि, युवराज हेडा पढाई-लिखाई में पहले से काफी कुशाग्र बुध्दी रहा और उसने कक्षा १० वीं में ९५ व कक्षा १२ वीें में ८९ फीसदी अंक हासिल किये. गत वर्ष तक शहर के प्रतिष्ठित ब्रिजलाल बियाणी महाविद्यालय का छात्र रहनेवाले युवराज हेडा का अभी कुछ दिनों पहले ही भारतीय महाविद्यालय में फस्र्ट ईयर हेतु एडमिशन कराया गया था, लेकिन विगत लंबे समय से महाविद्यालय बंद रहने की वजह से युवराज हेडा पिछले सात माह से घर पर ही था और बुधवार २४ सितंबर की सुबह ५ से ६ बजे के दौरान वह घर में किसी को कुछ बताये बिना ही कहीं निकल गया. पश्चात जब घर के सभी लोग नींद से जागे, तब युवराज के घर पर दिखाई नहीं देने की वजह से उसकी इधर-उधर तलाश की गई और इस समय घर में युवराज द्वारा छोडा गया पत्र प्राप्त हुआ.
जिससे परिजनों को पूरा माजरा समझने में देर नहीं लगी और तुरंत ही इस मामले की शिकायत राजापेठ पुलिस थाने में दर्ज करायी गयी. पुलिस सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अपने परिजनों के नाम युवराज हेडा ने जीवन को लेकर बडे दार्शनिक अंदाजवाला एक पत्र लिखा है. जिसके मुताबिक वह जीवन में कुछ अलग तरह के अनुभव हासिल करना चाहता है और जीवन को अपने दम पर व अपनी शर्तों पर जीना चाहता है.क्योंकि जीवन और दूनिया में करने के लिए बहुत सारी चीजें है. इस पत्र के मुताबिक युवराज १३ वर्ष की उम्र से ही घर छोडकर कहीं दूर निकल जाना चाहता था, लेकिन कभी हिम्मत नहीं कर पाया और इसी दौरान उसने दसवीं व बारहवीं की पढाई पूरी कर ली. इस पत्र में युवराज ने अपने किसी एक ऐसे सपने का भी जिक्र किया है, जिसमें उसकी पढाई-लिखाई से कोई फर्क नहीं पडता और उसकी मौजूदा जिंदगी उसके सपने के हिसाब से काफी बोरींग है. ऐसे में वह अपने दिमाग में चलनेवाली आयडीयाज और एक गुस्से की वजह से उपजे सपने को पूरा करने के लिए घर छोडकर जा रहा है. युवराज ने इस पत्र में लिखा है कि, जिस दिन वह अपने सपने को पूरा कर लेगा, उसके बाद कुछ दिनो या कुछ वर्ष पश्चात वह घर वापिस लौट आयेगा. इस पत्र में युवराज ने परिवारवालों को अपनी वजह से हुई परेशानी की वजह से माफी मांगने के साथ ही कहा है कि, उसे खोजने की कोशिश न की जाये. क्योंकि जिस समय तक उसके घर के लोगों को यह पत्र मिलेगा, तब तक वह अमरावती से ५०० किलोमीटर दूर जा चुका रहेगा. अपने बेटे की गुमशूदगी की रिपोर्ट दिखाते हुए युवराज के पिता मनोह हेडा ने पुलिस को बताया कि, घर से निकलते वक्त युवराज की जेब में करीब ५ हजार रूपये थे. साथ ही वह अपने हाथ की एक उंगली में ६ ग्राम सोने की अंगूठी पहने हुए है. इसके अलावा युवराज अपने साथ एक बंद पडा मोबाईल फोन लेकर गया है. जिसमें लगा सीमकार्ड वह घर पर ही रखे एक अन्य मोबाईल फोन के कवर पर रखकर गया है. समाचार लिखे जाने तक युवराज का कहीं कोई पता नहीं चल पाया था और उसकी तलाश लगातार जारी है.

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