* सिर्फ बैनर पर झलक रहे
* पूर्व नगरसेवक भी बच रहे खर्च से
अमरावती/दि.5- मनपा के चुनाव कब होंगे, यह तय नहीं है. किंतु राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं. बैठकों के दौर पार्टीस्तर पर आरंभ हो गए है. किंतु इच्छुक अब कम ही नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं तो 2017 में चुनाव लडने वाले लगभग 500 लोग सियासत से दूरी बनाए हुए हैं. कुछ ने तो अपने कार्यालय भी बंद कर दिए. थोडे बहुत ही पार्टी कार्यकर्ता व पदाधिकारी है जो आगामी चुनाव लडने के इच्छुक है और उस हिसाब से एक्टिव भी. अमरावती के अधिकांश निवासियों का मानना है कि, वादों की भारी बरसात करनेवाले कई नेता उम्मीदवार तो गत 6 वर्षो से गायब हो गए है. मनपा में पिछले 14 माह से प्रशासक राज चल रहा है इसलिए पूर्व नगरसेवक भी सिर्फ बैनर्स पर झलक रहे हैं. सामाजिक कार्यो से उन्होंने अभी तो हाथ निकालकर रखा है ऐसा चित्र अमूमन सभी प्रभागों में है.
* 600-700 की संख्या
बता दें कि अमरावती में 22 प्रभाग से 87 सीटों पर चुनाव हुआ. 800 से अधिक उम्मीदवार मैदान में थे. अनेक ने आरक्षण के कारण अपनी पत्नी अथवा रिश्तेदार को चुनाव में खडा किया था. 87 नगरसेवक चुने गए. बाकी 600-700 प्रत्याशी स्वाभाविक रुप से घर बैठ गए. पिछले वर्ष चुनाव होने की संभावना के कारण इनमें से अनेक ने सक्रियता का बाना अपनाया. चुनाव प्रलंबित होने से कुछ त्यौहारों पर एक्टिव रहनेवाले वह सभी पराजित प्रत्याशी फिर सियासत छोडकर अपने कामधाम में लगने की तस्वीर दिखाई पड रही.
* पुराने अधिकांश उम्मीदवार नदारद
मनपा चुनाव को ओबीसी आरक्षण और प्रभाग रचना पर आपत्ति के कारण विलंब हो रहा है. देश की सबसे बडी अदालत में मसला चल रहा. अब सुनवाई दो माह बाद होनी है. जिससे कयास है कि अक्तूबर तक चुनाव टलेंगे. ऐसे में अमरावती के लोगों को चुनाव के समय बडे प्रलोभन देने वाले और आश्वासन की बौछार करनेवाले अधिकांश नदारद हो गए हैं. यह जरुर है कि कुछ नए कार्यकर्ता सामने आ रहे हैं. मगर चुनाव में देरी के कारण वे भी सार्वजनिक कार्य और कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं.
* बैनर, पोस्टर पर दिख रहा मुखडा
अनेक पराजित प्रत्याशियों ने सार्वजनिक कार्यक्रमों में खर्च से हाथ खींच रखा हैं. त्यौहार आदि की केवल बैनर, पोस्टर के माध्यम से बधाई शुभकामनाएं देकर इतिश्री हो रही है. अपने क्षेत्र में साफ-सफाई हो रही या नहीं, ऐसे ही सडक आदि की कोई समस्या है क्या? इससे भी उन्हें कोई गुरेज फिलहाल नजर नहीं आ रहा. काफी पूर्व नगरसेवक भी निष्क्रिय बने हुए है. जिससे अमरावती के अधिकांश नागरिक पूर्ण रुप से मनपा कर्मचारियों पर निर्भर है. चार दिन पहले आए आधी रात के आंधी तूफान के कारण शहर भर में सैकडोंं पेड उखड गए थे और काफी नुकसान हुआ था. उस समय भी अमरावती के बाशिंदों को अपने भूतपूर्व नगरसेवकों की निष्क्रियता का ही आभास हुआ.