नागपुर/दि. 13- उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का सोशल मीडिया पर पीएचडी धारक विद्यार्थियों के संदर्भ में किया गया बयान का वीडियो वायरल होने से राजनीतिक हलचल मची है. विद्यार्थियों ने गुस्से का इजहार किया है. यह भी कहा है कि 2024 में बताएंगे कि विद्यार्थी क्या दीए लगाएंगे. दरअसल मराठा समाज के विद्यार्थियों की सुविधार्थ सारथी संस्था शुुरु की गई. जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को आार्थिक सहायता की जाती है. इस संबंध में सतेज पाटिल ने सदन में प्रश्न पूछा जिसके उत्तर में अजीत पवार ने प्रति प्रश्न किया कि पीएचडी कर विद्यार्थी कौनसे दीए जला लेंगे?
सतेज पाटिल ने केवल 200 विद्यार्थियों को दी जा रही छात्रवृत्ति की संख्या बढाने की मांग उच्च सदन में की थी. उसी पर चर्चा दौरान पवार ने उत्तर दिया था. उनके उत्तर से सदन में हंसी का फव्वारा छूटा था. पवार ने कहा कि अनेक स्थानों पर सारथी, बार्टी, महाज्योति के माध्यम से फेलोशीप, पीएचडी हेतु छात्रवृत्ति देने की मांग उठाई जाती है. अभी भी 1329 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था. पाटिल ने संख्या बढाने कहा था.
* विद्यार्थी खफा, तीखा उत्तर
डीसीएम पवार के बयान से छात्रवर्ग में भारी नाराजगी रहने का दावा खबर में किया गया. यह भी कहा गया कि विद्यार्थियों ने संतप्त प्रतिक्रिया देकर कहा है कि वे कौनसे दीए जलाएंगे, वह 2024 के चुनाव में पता चल जाएगा. सोशल मीडिया पर यह जंग देखने मिल रही है. इन विद्यार्थियों में संभाजी खोत, सौरभ पवार, अभय गायकवाड, सनद खराडे, स्वप्नील पोवाड, सुहास रोमणे आदि शामिल है. सकारात्मक निर्णय लेने की मांग करते हुए तीव्र आंदोलन और आत्मदहन करने की धमकी उन्होंने दी.