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जब शिकार और शिकारी एक साथ फंसे रहे 12 घंटे तक कुएं में

तेंदुए व कुत्ते का वनविभाग ने किया सफलतापूर्वक रेस्क्यू

  • कोंडेश्वर रोड पर मेघे कॉलेज के पास की घटना

अमरावती/प्रतिनिधि दि.14 – गत रोज बडनेरा के निकट कोंडेश्वर रोड पर राम मेघे इंजिनिअरींग कालेज के पास स्थित पांडूरंग अंबाडकर नामक व्यक्ति के खेत में एक तेंदुए द्वारा एक कुत्ते का शिकार करने के लिए पीछा किया जा रहा था. अपनी जान बचाने के लिए सरपट भाग रहा कुत्ता असावधानीवश खेत में बने कुएं में जा गिरा और उसके पीछे-पीछे तेंदुआ भी उसी कुएं में गिर पडा. जिसके बाद शिकारी और शिकार कुएं के पानी में डूबने से बचने और अपनी जान बचाने की जद्दोजहद करने लगे. शुक्रवार की रात घटीत इस घटना की जानकारी मिलते ही बडनेरा पुलिस स्टेशन के दल सहित वडाली वन परिक्षेत्र के वन अधिकारी और कर्मचारी शनिवार की सुबह यहां पर पहुंचे और काफी मशक्कत के बाद तेंदुए व कुत्ते को कुएं से बाहर निकाला गया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक बडनेरा से थोडा आगे कोेंडेश्वर क्षेत्र में काफी बडा जंगल परिसर है. जहां पर तेंदुए की मौजूदगी रहने की जानकारी है. इससे पहले भी विगत 11 अगस्त को इस परिसर में स्थित वडद गांव में एक तेंदुए ने 3 बकरियोें का शिकार कर उन्हेें मार डाला था तथा 3 बकरियों को घायल कर दिया था. हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि, इस परिसर में तेंदुओं की कुल संख्या कितनी है और क्या वडद गांव में बकरियों का शिकार करनेवाला और अंबाडकर के खेत में स्थित कुएं में गिरनेवाला तेंदुआ एक ही है. इस बारे में वनविभाग द्वारा तेंदुए के फुटप्रिंट के आधार पर तहकीकात की जा रही है.
पता चला है कि, राम मेघे अभियांत्रिकी कालेज के पास बडनेरा परिसर निवासी पांडूरंग अंबाडकर नामक व्यक्ति का खेत है. जिसके एक हिस्से में कुआ बना हुआ है. बीती रात इस परिसर में घुम रहे कुत्ते को शिकार करने की ताक में बैठे तेंदुए ने अपना निशाना बनाना चाहा और उस पर झपट्टा मारा. किंतु कुत्ता कुछ पहले से सावधान था. अत: वह जान बचाने के लिए भागा. जिसके बाद तेंदुए द्वारा उसका पीछा किया जाने लगा. दौडा-दौडी का यह खेल काफी देर तक चलता रहा और इसी चक्कर में वह कुत्ता खेत में बने कुएं में जा गिरा. जिसके पीछे पूरी रफ्तार से भाग रहा तेंदुआ भी उसे कुएं में गिर पडा. चूंकि इस समय कुएं में अच्छा-खासा पानी है और कुएं का जलस्तर भी बढा हुआ है. ऐसे में दोनों ही अपने आप को डूबने से बचाने की जद्दोजहद करने लगे. शनिवार की सुबह यह माजरा समझ में आते ही इसकी सूचना तुरंत बडनेरा थाना पुलिस और वन विभाग को दी गई. पश्चात दोनों ही महकमों के अधिकारी व कर्मचारी यहां पर पहुंचे. इस समय वडाली वन परिक्षेत्र अंतर्गत बडनेरा वनविभाग के आरएफओ कैलाश भूंबर, झोन अधिकारी विनोद ढवले व अविनाश मते ने सबसे पहले कुएं के पानी में लकडी के बडे-बडे टुकडे डाले, ताकि तेंदुए व कुत्ते को तैरते रहने के लिए कुछ सहारा मिले. पश्चात यहां पर वडाली वन विभाग की रेस्क्यू टीम पहुंची. जिसने कुएं में पिंजरा छोडा और सबसे पहले तेंदुए को बाहर निकाला गया. जिसे तुरंत ही वडाली सेंटर में इलाज के लिए भेजा गया. जहां पर कुछ दिन रखने के बाद उसे उसके प्राकृतिक अधिवास में छोड जायेगा. वहीं बाद में कुएं से कुत्ते को भी बाहर निकाला गया, जो कुएं से बाहर निकलते ही दूम दबाकर सरपट भाग निकला.
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में वनविभाग के अधिकारी अमोल गावनेर, फिरोज खान, मनोज ठाकुर, सतीश उमक, सुरेश मनगटे, आरएफओ नवरे, आसिफ पठाण, सुरेश भांबूरकर आदि ने हिस्सा लिया.

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