जब रतन टाटा ‘डेड बॉडी’ से बात करके चले आए
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बताया अनूठा किस्सा
मुंबई./दि.5 – मनसे प्रमुख राज ठाकरे कई अनूठे व रोचक किस्से बताने के लिए मशहूर है. साथ ही कई बार वे कुछ पूराने प्रसंगों को कुछ इस तरह सुनाते है कि, भले ही वह प्रसंग बेहद सामान्य हो, लेकिन उसे सुनने के बाद लोग पेट पकडकर हंसने लगते है. ऐसा ही एक किस्सा राज ठाकरे ने देश के ख्यातनाम उद्योगपति रतन टाटा को लेकर सुनाया. जब रतन टाटा अपने एक परिचित के घर मृत्यु होने पर शोक सांत्वना देने गए और मृत व्यक्ति की पार्थिवदेह को ही सांत्वना देकर वापिस लौट आए.
एबीपी माझा नामक चैनल द्बारा प्रसारित महाकट्टा कार्यक्रम में अपनी माता श्रीमती मधुवंत ठाकरे के साथ शामिल होकर साक्षात्कार देते हुए राज ठाकरे ने अपने बचपन, शालेय जीवन व कॉलेज के दिनों की यादे ताजा करने के साथ ही शर्मिला ठाकरे के साथ विवाह, स्व. बालासाहब ठाकरे के साथ अपने रिश्ते, उद्धव ठाकरे के साथ रहने वाले संबंध और मनसे की स्थापना जैसे विभिन्न विषयों पर साक्षात्कार देने के साथ ही उद्योगपति रतन टाटा से जुडा किस्सा भी सुनाया.
यह किस्सा सुनाते हुए राज ठाकरे ने कहा कि, उस समय उद्योगपति जेआरडी टाटा विदेश में थे और यहां भारत में उनके एक बेहद नजदीकी परिवार में एक व्यक्ति का निधन हो गया. ऐसे में जेआरडी टाटा ने रतन टाटा को संबंधित परिवार के घर जाकर शोक संदेश व सांत्वना देने हेतु जाने के लिए कहा. यह सुनकर उस समय बेहद युवा रहने वाले रतन टाटा तुरंत ही उस परिवार के घर पहुंचे, चूंकि एक बडे व्यक्ति की मौत हुई थी. ऐसे में बंगले के बाहर काफी लोगों की भीड थी और उस भीड में से रास्ता बनाते हुए रतन टाटा बंगले के भीतर पहुंचे. जहां एक व्यक्ति कुर्सी पर बैठा हुआ था. ऐसे में रतन टाटा भी उस व्यक्ति के बगल वाली कुर्सी पर बैठ गए और उन्होंने ‘बहुत बुरी हुआ, ऐसा नहीं होना चाहिए था, आप को यह दुख सहन करने की शक्ति मिले’ आदि बातें कहते हुए शोक सांत्वना दी और वे घर से बाहर चले आए. बाद में पता चला कि, रतन टाटा ने कुर्सी पर बैठे जिस व्यक्ति के बगल में बैठकर तमाम बाते कहीं थी, हकीकत में उसी व्यक्ति की मौत हुई थी और उसका शव कुर्सी पर ही पडा हुआ था. जिसे बाद में कुर्सी से उतारकर नीचे रखा गया था. यानि जो व्यक्ति मरा था, रतन टाटा उसकी मौत की सांत्वना उसकी ‘डेड बॉडी’ को दे आए थे.