… जब शिवशाही बस पहुंची सीधे सीपी ऑफिस
एक ही टिकट पर पुणे से नागपुर के बीच तीन यात्री बदलने से उपजा संदेह
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जांच करने पर टिकट के साथ बुक लगेज में निकली बडे पैमाने पर चांदी
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शहर पुलिस कर रही सोनारोें व आयकर विभाग के साथ जांच
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२ – स्थानीय शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय परिसर में उस समय हैरत व अचंभे की स्थिती बन गयी, जब पुणे से अमरावती बस स्थानक पहुंचने के बाद नागपुर की ओर निकली एक शिवशाही बस सीधे पुलिस आयुक्त कार्यालय में पहुंच गयी और बस के ड्राईवर व कंडक्टर ने बस में सवार एक व्यक्ति व उसके साथ मौजूद लगेज पर संदेह जताया. पश्चात पुलिस द्वारा इस व्यक्ति के साथ मौजूद लगेज के तीन डाग में से जब एक को खोला गया, तो उसमें से बडे पैमाने पर चांदी के बर्तन व गहनेे बरामद हुए. पश्चात बस एवं उस व्यक्ति को जांच हेतु फ्रेजरपुरा थाना पुलिस के सुपुर्द किया गया. जहां पर चांदी का मूल्यमापन करने हेतु सोनारों को बुलाया गया है. साथ ही इस मामले की जांच करने हेतु आयकर विभाग को भी सुचित किया गया है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक रापनि की शिवशाही बस क्रमांक एमएच 09/ईएम 1293 1 जनवरी की शाम 7 बजे पुणे से नागपुर जाने हेतु रवाना हुई. इस बस में एक व्यक्ति अपने साथ एक बैग व तीन डाग लगेज लेकर पुणे से नागपुर जाने हेतु सवार हुआ. किंतु 2 जनवरी की सुबह जब यह बस अकोला पहुंची, तो वह व्यक्ति खुद तो अकोला में उतर गया, लेकिन उसकी टिकट पर और उसी सीट पर कोई दूसरा व्यक्ति आकर बैठ गया. साथ ही लगेज बस में ही लदा रहा. इसके बाद अकोला से बस में सवार हुआ व्यक्ति बस के अमरावती पहुंचने पर उतर गया और अमरावती से उसी टिकट पर और उसी सीट पर एक नया व्यक्ति आकर बैठ गया. यह बात ध्यान में आते ही बस में सवार दो चालकों व दो वाहकों का माथा ठनका और उन्हें किसी गडबडी की आशंका हुई. जिसके बाद चारों ने आपस में विचार-विमर्श करते हुए उस टिकट के साथ बुक लगेज के तीन डाग में से एक डाग को थोडा खोलकर देखा, तो उन्हें उस डाग के भीतर चांदी के गहने व बर्तन दिखाई दिये. जिससे उन्हेें यह अंदेशा हुआ कि शायद यह चोरी के माल की तस्करी का मामला हो सकता है. ऐसे में उन्होंने बस को सीधे पुलिस आयुक्त कार्यालय ले जाने का निर्णय लिया और अमरावती के मध्यवर्ती बस स्थानक से निकली यह बस नागपुर जाने की बजाय सीधे सीपी ऑफिस जा पहुंची. जहां पर क्राईम ब्रांच के अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया गया. इस समय बस में सवार सभी यात्रियों में जबर्दस्त हडकंप मच चुका था और सब जानना चाह रहे थे कि, आखिर यह बस पुलिस आयुक्त कार्यालय क्योें पहुंची है? पश्चात पुलिस ने किसी अन्य व्यक्ति की टिकट और सीट पर यात्रा कर रहे व्यक्ति से पूछताछ की, तो उसने अपनी पहचान मध्यप्रदेश निवासी पंकजसिंह सुधीरसिंह तोमर के रूप में बताते हुए कहा कि, वह एक कुरियर बॉय है तथा इससे पहले भी जो लोग इस टीकट पर यात्रा करते हुए बीच में ही उतरे है, वे भी कुरियर बॉय ही थे और वह नागपुर जाकर इस माल की डिलीवरी अपनी कंपनी को देनेवाला है. जिसके बाद पुलिस ने इस युवक द्वारा उपलब्ध कराये गये नंबरों पर संपर्क साधने के साथ ही नागपुर स्थित विजिलन्स टीम को इस बारे में अवगत कराया, ताकि उनके अमरावती आने के बाद अन्य दो बक्सों को खोला जा सके. वहीं जिस बक्से को बस वाहकों द्वारा उत्सूकतावश खोला गया था, उसमें से बरामद हुई चांदी की वस्तुओं की परख करने हेतु शहर के एक सराफा व्यवसायी को बुलवाया गया है. समाचार लिखे जाने तक फ्रेजरपुरा पुलिस एवं क्राईम ब्रांच द्वारा इस मामले की जांच की जा रही थी. जिसके तहत इस शिवशाही बस के ड्राईवर उमेश हरिश्चंद्र बावीस्कर व मुकेश पांडूरंग बोकारे तथा वाहक मोहन पनेले व प्रशांत सोनेश्वर के साथ ही पंकजसिंह तोमर नामक संदेहित व्यक्ति के बयान दर्ज किये जा रहे थे.