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दानापुर के परिवारों को कब मिलेगा न्याय

 रिपाइं (खरात) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन खरात ने उठाया सवाल

  • सांसद नवनीत की अब तक दानापुर नहीं जाने पर जताया क्षोभ

अमरावती/प्रतिनिधि दि.25 – चांदूर रेल्वे तहसील अंतर्गत दानापुर गांव में विगत चार माह से दलित परिवारों का शोषण और प्रताडना का दौर चल रहा था. जिसके चलते गांव के 100 से अधिक दलित समाजबंधुओं ने अचानक ही गांव छोडने का फैसला किया. यह अपने आप में बेहद दुर्भाग्यजनक घटना है. साथ ही इससे भी बडी शोकांतिक यह है कि, अनुसूचित जाति संवर्ग हेतु आरक्षित अमरावती संसदीय क्षेत्र की सांसद नवनीत राणा ने अब तक जिले में रहनेवाले इन दलित समाजबंधुओं से मुलाकात नहीं की है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, क्या जिले की सांसद नवनीत राणा इन दलित परिवारोें को अमरावती जिले का हिस्सा मानती भी है अथवा नहीं, इस आशय का प्रतिपादन रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (खरात) गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन खरात ने की.
दानापुर में घटित मामले की जानकारी मिलने के बाद मुंबई से अमरावती जिले के दौरे पर आये सचिन खरात ने दानापुर गांव जाकर संबंधित परिवारों से भेट करने के बाद सोमवार की दोपहर दैनिक अमरावती मंडल कार्यालय को सदिच्छा भेट दी. इस समय उन्होंने कहा कि, आजादी के 75 वर्ष बाद भी यदि किसी व्यक्ति या समाज को जातियभेद के आधार पर तिरस्कार या प्रताडना का शिकार होना पडता है, तो यह अपने आप में बेहद दुर्भाग्यजनक है. उन्होंने इस बात को लेकर भी क्षोभ जताया कि, जब विगत चार माह से दानापुर गांव में दलित समाज के लोगों को इस तरह की प्रताडना का शिकार होना पडा, तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं पुलिस प्रशासन ने इस मामले में समय रहते हस्तक्षेप क्यों नहीं किया. साथ ही जब नौबत यहां तक आ गई कि, कुछ समाज कंटकों द्वारा दलित समाजबंधुओं के खेतों में अनाज के ढेर को आग लगा दी गई और दलितों द्वारा गांव से पलायन कर लिया गया, तो तब भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रहनेवाली अमरावती सीट की सांसद नवनीत राणा ने दानापुर जाकर इन ग्रामीणों के दर्द को समझने की कोशिश क्यों नहीं की.

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